आबूधाबी में पहले हिन्दू मंदिर का हुआ शिलान्यास

आबूधाबी में पहले हिन्दू मंदिर का हुआ शिलान्यास

संयुक्त अरब अमीरात (UAE) अबू धाबी में पहले हिंदू मंदिर के 'शिलान्यास विधी' का आयोजन किया गया। समारोह में स्वामीनारायण संस्था के आध्यात्मिक नेता महंत स्वामी महाराज, मंदिर का निर्माण करने वाला धार्मिक और सामाजिक संगठन आदि उपस्थित रहे। विदेश मामलों के मंत्री और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग शेख अब्दुल्ला बिन जायद अल नाहयान और शेख नाहन मुबारक अल नाहयान, सहिष्णुता मंत्री, दुनिया भर के सामाजिक और आध्यात्मिक नेता भी सम्मिलित हुए।

26 लाख भारतीय रहते हैं UAE में-
उल्लेखनीय है, कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फरवरी 2018 में अपने भ्रमण के समय इस मंदिर की आधारशिला रखी थी। अभी ये स्पष्ट नहीं है कि मंदिर का काम कब पूरा होगा, लेकिन अभी इसमें कुछ साल लगेंगे। UAE में लगभग 26 लाख भारतीय रहते हैं। यानी वहां की आबादी का 30 प्रतिशत जन्संख्या। बताया जा रहा है कि इस मंदिर की फंडिंग निजी रूप से की जा रही है।

अबू धाबी के प्रिंस ने दी भूमि- 
मंदिर का निर्माण अबू धाबी के प्रिंस शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान द्वारा उपहार में दी 55,000 वर्ग मीटर जमीन पर किया गया है। इसके साथ ही UAE सरकार ने इतनी ही जमीन मंदिर परिसर में पार्किंग सुविधा के निर्माण के लिये दी है।

दिल्ली के अक्षरधाम पर आधारित-
मन्दिर के ढांचे का निर्माण भारतीय कारीगरों ने हाथों से उकेरा है और UAE में इकट्ठा किया है। ये मंदिर दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर और दूसरा न्यूजर्सी यूएस में निर्माणाधीन एक इमारत के प्रारुप पर आधारित है। 2015 में मोदी ने अबू धाबी का दौरा करने के बाद से भारत-यूएई के संबंधों को एक नए स्तर पर बढ़ाया है। UAE ने महाराष्ट्र में एक रिफाइनरी परियोजना में सऊदी अरब के साथ संयुक्त रूप से निवेश करने के अलावा रणनीतिक तेल भंडार बनाने में भी योगदान दिया है। 

PM मोदी ने की थी पहल-
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी UAE की दूसरी यात्रा पर (11-02-2018) राजधानी अबू धाबी पहुंचे थे पीएम मोदी को मंदिर समिति के सदस्यों ने मंदिर से जुड़ा साहित्य सौंपा।ले मंदिर की आधारशिला रखा था। अबू धाबी पहुंचे पीएम मोदी को मंदिर समिति के सदस्यों ने मंदिर की जानकारी देते हुए मन्दिर से संबधित जुड़ा साहित्य भी सौंपा था।  

1,100 से ज्यादा मंदिरों और सांस्कृतिक परिसर- दुबई-अबू धाबी राजमार्ग पर यह अबू धाबी का पहला पाषाण निर्मित मंदिर है। मंदिर का निर्माण भारतीय शिल्पकार के अनुसार मन्दिर 2020 में पूरा होगा और यह सभी धर्म के लोगों के लिए खुला रहेगा। बोचासनवासी अक्षर पुरषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (बीएपीएस) 1907 में स्थापित सामाजिक-आध्यात्मिक हिन्दू संगठन है। यह पूरी दुनिया में 1,100 से ज्यादा मंदिरों और सांस्कृतिक परिसरों की देखरेख करता है।


No comments