#MeToo के आरोपों के बाद विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर ने दिया इस्तीफा


#MeToo कैम्पेन के तहत अकबर पर करीब 20 महिला पत्रकारों ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं

(डीएन न्यूज़) यौन शोषण के आरोपों में घिरे केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर ने बुधवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया  है। अकबर ने लिखित बयान जारी करते हुए कहा, कि नैतिक आधार पर उन्होंने इस्तीफा दिया है। हालांकि, उन्होंने मामले में अदालती कार्रवाई जारी रखने की बात कही है। #MeToo कैम्पेन के तहत अकबर पर करीब 20 महिला पत्रकारों ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं। इन आरोपों के बाद विपक्षी दल उनके इस्तीफे की मांग कर रहे थे। 

बता दें, अकबर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली पत्रकार प्रिया रमानी
के समर्थन में 20 महिला पत्रकार सामने आ गई थी। उन सबने संयुक्त बयान में केंद्रीय मंत्री पर आरोप लगाए थे। वहीं, अकबर ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा था, कि उनके खिलाफ आरोप झूठे और निराधार हैं। 


अकबर ने पत्रकार प्रिया रमाणी पर किया था मानहानि का केस

#MeToo अभियान में यौन शोषण के आरोप लगाने पर महिला पत्रकार प्रिया रमाणी के खिलाफ एमजे अकबर ने मानहानि का मुकदमा दायर किया था। रविवार को विदेश यात्रा से लौटने के बाद अकबर ने अपने ऊपर 10 से अधिक महिलाओं द्वारा लगाए आरोपों को बेबुनियाद बताया था। कोर्ट में अकबर की याचिका में कहा गया कि अकबर के खिलाफ सोशल मीडिया में इस तरह के आरोप लगाने से उनके मुवक्किल की छवि को परिवार समाज और मित्रों में ठेस पहुंची है जिसकी भरपाई नहीं की जा सकती है।   

महिला शक्ति #MeToo अभियान की जीत : कांग्रेस
 
कांग्रेस पार्टी ने अकबर के इस्तीफे पर कहा, कि जब पहली महिला ने आरोप लगाया था तभी उनको इस्तीफा दे देना चाहिए था। कांग्रेस ने आरोप लगाया, कि बीजेपी ने अकबर को बचाने की भरसक कोशिश की। इस्तीफे को कांग्रेस ने महिला शक्ति #MeToo अभियान की जीत बताते हुए अकबर के खिलाफ जांच और कार्रवाई की मांग की है।

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