धनतेरस पर इनका रखें ध्यान


धनतेरस पर इनका रखें ध्यान

मूर्ति लेते समय आपका मुख पूर्व की ओर हो एवं मन में भाव हो- हे माँ लक्ष्मी घर चलिए स्थिर होकर, अपनी कृपा बनायें रखें और गणपति आप



वीडियो देखें(see video) - दीपावली दीयों एवं पटाखों से जजगमग अमृतसर में स्वर्ण मंदिर साहिब 

(धर्म नगरी /डीएन न्यूज़)  धनतेरस समृद्धि और स्वास्थ्य की मनोकामना को पूर्ण करने वाला पर्व है। इस दिन सौभाग्य एवं सुख की वृद्धि हेतु मां लक्ष्मी और कुबेर करें। धनतेरस के दिन कुछ बातों का विशेष ध्यान रखें, कुछ कार्य जो वर्जित हैं, उसे न करें।

लोहे-स्टील के बर्तन खरीदना शुभ नहीं होता होता है। सर्वश्रेष्ठ होता है कांसे के बर्तन, चाँदी (silver) की वास्तु, यथा चाँदी की मूर्ति, सिक्का, बर्तन आदि, क्योंकि चाँदी में लक्ष्मीजी का वास होता है,
धनतेरस की पूजा में मूर्तियों के स्थान का ध्यान रखें, एक ही भगवान की मूर्ति साथ-साथ न रखें,
गणेशजी के दाहिने ओर लक्ष्मीजी को विराजित करें, माँ लक्ष्मी की मूर्ति सदैव भगवान गणेश (बाएं) और मां लक्ष्मी सरस्वती (दाएं) के बीच में रखें,
यथासंभव दीपावली की पूजा हेतु माँ लक्ष्मी एवं गणपति की मूर्ति एक साथ खरीदे (मूर्ति एकसाथ हो, या अलग -अलग, लेकिन दोनों हों,
 केवल लक्ष्मीजी न हों, कुछ प्रदेशों में आरती करने वाली महिला की मूर्ति, जिनके ऊपर 5, 7 या 9 दिए लगे होतें है, जिनमें तेल डालकर जलाते हैं,  
धनतेरस के दिन स्नान करने और पूजा के बाद ही भोजन ग्रहण करें.
धनतेरस और दिवाली की पूजा में
मूर्तियां (घर में पूजन हेतु)  बैठी हुई मुद्रा में हों,
मूर्ति को सीथे (दाएं) हाथ से उठायें, मूर्ति लेते समय आपका मुख पूर्व की ओर हो एवं मन में भाव हो- हे माँ लक्ष्मी घर चलिए स्थिर होकर, अपनी कृपा बनायें रखें और गणपति आप रिद्धि-सिद्धि के साथ वर्षभर घर में विराजें, अपनी कृपा बनायें रखें।
कमरे के दरवाजे की तरफ उनका मुख ना हो।
मूर्तियों का मुख भी एक-दूसरे की ओर न हो। मूर्तियों को उत्तर-पूर्वी दिशा में रखना सर्वश्रेष्ठ एवं शुभ होता है। कलश पूजा कमरे के पूर्व या उत्तर दिशा में रखें।
 वास्तु के अनुसार, धनतेरस की पूजा ईशान कोने में होनी चाहिए। यह कोना घर के उत्तर-पूर्व में पड़ता है। इसे सकारात्मक ऊर्जा का कोना कहा जाता है।
अगर आप किसी कारणवश इस कोने का प्रयोग नहीं कर पा रहे हैं, तो पूजा पूर्व दिशा की ओर होकर करें। उत्तर, पूर्व, उत्तर-पूर्व दिशाएं सामान्यत: समृद्धि और कार्य हेतु वास्तुशास्त्रानुसार शुभ मानी गई हैं। पूजा-कक्ष में काले या गहरे रंगों का पेन्ट नहीं कराना चाहिए।

दिवाली से पूर्व घर के कोने-कोने की सफाई की जाती है। परन्तु, यदि घर में धनतेरस के दिन तक कूड़ा-कबाड़ या खराब सामान पड़े हैं, तो घर में आने वाली सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह में बाधा डालते हैं। साफ-सफाई में घर में कोई भी पुराना या व्यर्थ पड़ा सामान ना पड़ा रहे। व्यर्थ की सभी वस्तुएं या उपयोग न होने वाली चीजों को फेंक दें।

घर के मुख्य द्वार या मुख्य कक्ष के सामने तो कदापि बेकार की वस्तुएं ना रखें, क्योकि मुख्य द्वार का संबंध नए अवसर से होता है। धनतेरस के दिन तक घर की साफ-सफाई ना जारी रखें।

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