भक्ति


यल्लब्ध्वा पुमान् सिद्धो भवति, अमृतो भवति, तृप्तो भवति।

अर्थ -जिस( भक्ति) को पाकर मनुष्य सिद्ध हो जाता है, अमर हो जाता है, तृप्त हो जाता है। -नारदभक्तिसूत्र

No comments