"राम मंदिर पर अध्यादेश संभव नहीं"


नहीं आ सकता राम मंदिर पर अध्यादेश : वेदांती  

लखीमपुर खीरी (धर्म नगरी/डीएन न्यूज़)। जब तक न्यायालय का निर्णय नहीं आता, तब तक सरकार कोई अध्यादेश नहीं ला सकती। अध्यादेश उस मामले पर आता है, जिस पर निर्णय अपना निर्णय कर दे। ये बातश्रीराम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष और भाजपा के पूर्व सांसद डॉ  रामविलास वेदांती ने सोमवार (31.12.18) को श्रीराम मंदिर निर्माण को लेकर दिया।शाहबानो केस का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, न्यायलय का निर्णय आने के बाद संसद ने उसके खिलाफ अध्यादेश लाया था, लेकिन जब तक कोर्ट अपना निर्णय नहीं देती, अध्यादेश किसी तरह संभव नहीं है।


आपसी समझौता ही समाधान- 
डॉ. वेदांती ने एक बार फिर राम मंदिर निर्माण हेतु आपसी समझौते का फार्मूला सामने रखते हुए कहा, कि राम मंदिर निर्माण को कोई रोक नहीं सकता, लेकिन उसका रास्ता आपसी समझौते और सहमति से निकलेगा। उन्होंने बताया, शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी और अन्य संत, महात्माओं ने एक समझौता पत्र तैयार किया है जिसमें स्पष्ट उल्लेख है, कि जहां अयोध्या में रामलला विराजमान है, वहां उनका भव्य मंदिर बनेगा और लखनऊ में मस्जिद का निर्माण होगा। समझौते के अनुसार लखनऊ में बनने वाली मस्जिद इस्लाम के नाम पर होगी, न की किसी बाबर के नाम पर। वेदांती ने दावा किया कि अध्यादेश के माध्यम से श्रीराम मंदिर निर्माण का रास्ता फिलहाल नहीं है। इससे पूर्व खीरी जिले में पहुंचने पर उन्होंने टेढ़े नाथ बाबा के दर्शन किए और वहां राम मंदिर निर्माण का संकल्प लिया।

बीते माह डॉ वेदांती ने ये कहा था-  
"मंदिर का निर्माण अगले माह शुरू हो जाएगा"  
अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण अगले माह शुरू हो जाएगा। हालांकि, इसकी तिथि की घोषणा बाद में की जाएगी  ...शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड दोनों ही राम मंदिर बनाने को लेकर सहमत है। हिन्दू मुस्लिम राष्ट्रीय एकता और सद्भावना के आधार पर यह निर्माण आरंभ होगा, ताकि दुनिया को यह संदेश दिया जा सके कि भारत के हिन्दू-मुस्लिम एक होकर विकास को बढ़ावा देना चाहते हैं। -डॉ. वेदांती, विहिप की धर्मसभा (25.11.2018)  के बाद कदमा गणेशपूजा मैदान (जमशेदपुरमें पत्रकारों से बातचीत करते हुए 

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