RSS Vs BJP संघ बनाम भाजपा

तीन राज्यों के चुनाव परिणाम एवं केंद्र सरकार के वर्तमान कामकाज के आधार पर- 

भाजपा का लोकसभा चुनाव जीतना कठिन : RSS    

अमित शाह ने राम मंदिर को लेकर RSS पर उठाए सवाल ! 

BJP की हार के बाद जीत के फॉर्मूले की तलाश में संघ
 
चित्र एवं वीडियो- नई दिल्ली में 3-4 नवंबर 2018 को अखिल भारतीय संत समिति द्वारा श्रीराम मंदिर निर्माण की प्रमुख मांग को लेकर आयोजित "धर्मादेश" (धर्म नगरी मो.8109107075)


नई दिल्ली / धर्म नगरी /डीएन न्यूज़ (राजेशपाठ) तीन राज्यों- मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी की हार से चिंतित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ  (RSS) अब भाजपा की विजय का फार्मूला खोजने लगातार मंथन कर रही है। RSS का मानना है, इन तीन राज्यों के चुनाव परिणामों एवं केंद्र सरकार के वर्तमान कामकाज के आधार पर लोकसभा चुनाव जीतना कठिन है।  लगभग पांच माह बाद होने वाले लोकसभा चुनावों को लेकर RSS नेतृत्व निश्चिंत नहीं है। वहीं, भाजपा नेता हालांकि इस बात से सहमत नहीं हैं। यद्यपि, संघ के अधिकारियों की भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से भी लगातार बात हो रही है।  इन सबको ध्यान में रखते हुए बुधवार (19-12-2018) की देर रात्रि तक संघ मुख्यालय दिल्ली में क्षेत्र प्रचारकों संग सरकार्यवाह भैयाजी जोशी की बैठक चली।


इन पर है RSS को चिंता-  
- किसानों के हाल को लेकर क्या कदम उठाए,जिनका लाभ अगले 2-3 माह में दिखने लगे ?
- रोजगार की कमी पर युवाओं में व्याप्त बेचैनी को कैसे दूर करें ? 
- श्रीराम जन्मभूमि मंदिर मामले पर आगे की रणनिति क्या हो ? क्या इसमें बदलाव लाने की आवश्यकता है ?

अमित शाह ने राम मंदिर पर RSS पर उठाए सवाल ! 
विगत नौ दिसंबर को आयोजित संघ परिवार की "समन्वय बैठक" में भी इन बिन्दुओ पर विचार हुआ था, जिसमें भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने राम मंदिर मामले को तूल दिए जाने पर सवाल उठाए। कहा, इससे पहले संघ ने राम मंदिर मुद्दे को इतनी प्रमुखता से कभी नहीं उठाया। यहां तक कि 1990-92 के दौरान भी संघ के शीर्ष अधिकारियों ने एक ही दिन कभी रैली संबोधित नहीं की। उन्होंने स्पष्ट कहा, इन रैलियों से तीन राज्यों के चुनाव में भाजपा नुकसान हुआ। जबकि विश्व हिंदू परिषद (VHP) अध्यक्ष जस्टिस (Rtd) विष्णु कोकजे ने कहा, कि यह पहली समन्वय बैठक में तय कार्यक्रम के अनुरूप ही था।

सबने केंद्र से मंदिर हेतु तुरंत कानून बनाने की मांग-  
RSS से जुड़े सूत्रों के अनुसार, शाह की आपत्ति कार्यक्रम के विराट स्वरूप पर थी। 25 नवंबर को सरसंघचालक मोहन भागवत ने नागपुर में, सरकार्यवाह भैयाजी जोशी ने दिल्ली के रामलीला मैदान पर एवं सह-सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने उसी दिन बंगलूरू में रैली संबोधित किया। सभी जगह मंदिर बनाने केंद्र सरकार तुरंत कानून बनाने की मांग की गई।

मंदिर मुद्दा अभी नहीं, विरोध के स्वर-
BJP का मानना है, राम मंदिर का प्रकरण उठाते ही नरेंद्र मोदी सरकार की पांच सालों की उपलब्धियाँ नेपत्थ्य में चली जाएंगी, सरकार की सारी योजनाएं, सारी मेहनत बेमानी हो जाएंगी। वैसे भी प्रकरण अभी सुप्रीम कोर्ट में है। इसलिए भाजपा चुनाव से ठीक पहले इस मामले पर कानून बनाने या अध्यादेश लाने के विरुद्ध है।

RSS में उठी BJP नेतृत्व परिवर्तन की माँग- 
महाराष्ट्र सरकार में मंत्री के समकक्ष दर्जा प्राप्त एवं संघ के वरिष्ठ अधिकारी किशोर तिवारी ने संघ प्रमुख मोहन भागवत को पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने BJPमें नेतृत्व परिवर्तन की आवश्यकता बताई है। उन्होंने, पार्टी की बागडोर केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को सौंपे जाने की वकालत की है। वरिष्ठ BJP नेता संघप्रिय गौतम ने भी तीन राज्यों में हार की जिम्मेदारी लेते हुए वर्तमान पार्टी नेतृत्व को छोड़ देना की बात कही है।
[ संदर्भ : तीन राज्यों के चुनाव परिणाम और लोकसभा चुनाव 2019 ]   










1 comment: