आठ हाथियों के वजन वाला है 'चंद्रयान-2'

आठ हाथियों के वजन वाला है 'चंद्रयान-2' 

चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरेगा  

नई दिल्ली (डीएन न्यूज)।  अपनी पृथ्वी के चंद्रमा की ओर भारत का दूसरा मिशन 'चंद्रयान 2' श्रीहरिकोटा से 15 जुलाई को लगभग आधी रात को भेजा जायेगा । अभी ISRO 3.8 टन वजन वाले उपग्रह को अंतिम रूप दे रहा है, जिस पर देश का 600 करोड़ रुपये से अधिक व्यय हुआ है। प्रक्षेपण के बाद उपग्रह 'चंद्रयान 2' को कई सप्ताह लगेंगे । फिर वह चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा। यह चंद्रमा का वह हिस्सा है, जहां आज तक दुनिया का कोई भी अंतरिक्ष यान नहीं उतरा है। 


यह चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास 6 या 7 सितंबर को उतरेगाI चंद्रमा के इस हिस्से के बारे में अभी अधिक जानकारी नहीं हैI चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण श्रीहरिकोटा स्थित अंतरिक्ष केंद्र से 15 जुलाई की भोर से पहले दो बजकर 51 मिनट पर होगाI GSLV मार्क-3 रॉकेट इसे लेकर अंतरिक्ष में जाएगाI इसरो ने इससे पहले प्रक्षेपण की अवधि 9 से 16 जुलाई के बीच रखी थीI

यान में हैं तीन मॉड्यूल-  
अंतरिक्ष यान में तीन मॉड्यूल हैं- ऑर्बिटर, लैंडर (विक्रम) और रोवर (प्रज्ञान) हैं, जिसका द्रव्यमान 3.8 टन हैI इसरो  ‘ऑर्बिटर' में ,8 पेलोड, 3 लैंडर और 2  रोवर होंगेI चंद्रयान-2 अभियान में उपग्रह से जुड़ी लागत 603 करोड़ रुपये हैI वहीं, GSLV मार्क-3 की लागत 375 करेाड़ रुपये हैI ऑर्बिटर, पेलोड के साथ चंद्रमा की परिक्रमा करेगाI लैंडर चंद्रमा के पूर्व निर्धारित स्थल पर उतरेगा और वहां एक रोवर नियुक्त (तैनात) करेगाI

ऑर्बिटर, लैंडर और रोवर पर लगे वैज्ञानिक पेलोड के चंद्रमा की सतह पर खनिज और तत्वों का अध्ययन करने की आशा हैI उल्लेखनीय है, चंद्रयान-2 अपने पूर्ववर्ती चंद्रयान-1 का उन्नत संस्करण हैI चंद्रयान-1 को करीब 10 साल पहले भेजा थाI 

"यह भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी का अब तक का सबसे जटिल मिशन है, जिस पर 1,000 करोड़ रुपये से कम खर्च हुआ है..." -विवेक सिंह, असिस्टेंट साइंटिफिक सेक्रेटरी, ISRO

चंद्रयान-2 से जुड़ी महत्वपूर्ण तथ्य- 
- चंद्रयान-2 15 जुलाई, 2019 को लगभग आधी रात को प्रक्षेपित किया जाएगा,
- चंद्रयान-2 तैयार है, इसे 'बाहुबली' अथवा जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल मार्क 3 (GSLV Mk III) द्वारा लॉन्च किया जाएगा,
- इसमें एक ऑरबिटर, 'विक्रम' नामक एक लैंडर तथा 'प्रज्ञान' नामक एक रोवर सम्मिलित हैंI 
- वजन 3.8 टन है, जो 8 वयस्क हाथियों के वज़न के लगभग बराबर है,
- चंद्रयान-2 चंद्रमा के ऐसे हिस्से पर पहुंचेगा, जहां आजतक किसी अभियान में नहीं जाया गया
- भविष्य के मिशनों के लिए यह सॉफ्ट लैंडिंग का उदाहरण बनेगा,

- भारत चंद्रमा के धुर दक्षिणी हिस्से पर पहुंचने जा रहा है, जहां पहुंचने की कोशिश कभी किसी देश ने नहीं की,
- कुल 13 भारतीय वैज्ञानिक उपकरणों को ले जाएगा, जो बहुत उत्साहवर्द्धक मिशन है
- LASER रेंजिंग के लिए NASA के उपकरण को निःशुल्क ले जाया जाएगा,
- यह पूर्णतः स्वदेशी अभियान है तथा ISRO का अबतक का सबसे जटिल अभियान है, 
- भुगतान करने के बाद भारत NASA के डीप स्पेस नेटवर्क का इस्तेमाल करेगा,
- लैंडर के अलग होने तथा चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग के बीच वाले 15 मिनट सबसे ज़्यादा घबराहट होगी,
- चंद्रयान 2 में मज़बूती को सुनिश्चित करने और इसकी सफलता को लेकर पूर्णतः आश्वस्त होने के लिए देरी की गई,  
- चंद्रयान 2 को कामयाब बनाने ISRO कड़ी मेहनत कर रहा है, जिसमें पुरुष और महिलाएं कंधे से कंधा मिलाकर काम करते हैं,

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