पाकिस्तान हुआ कंगाल, देश चलाने नहीं है पैसे


पाकिस्तान हुआ कंगाल, देश चलाने नहीं है पैसे

बाईट 10 वर्ष में ऋण (कर्ज़) 6000 अरब से बढ़कर हुआ 30 हजार अरब पाकिस्तानी रु  
    
"पिछले 10 साल में पाकिस्तान का कर्ज़ 6000 अरब पाकिस्तानी रुपए से बढ़कर 30 हज़ार अरब पाकिस्तानी रुपए पहुंच गया है। इससे देश में अमेरिकी डॉलर की कमी हो गई। हमारे पास इतने डॉलर नहीं बचे, कि हम अपने कर्ज़ों की किस्त चुका सकें। हम डर में रहे हैं, कहीं पाकिस्तान डिफॉल्टर ना हो जाए। अगर ऐसा होता हैं तो देश के बुरे हालात हो जाते। मतलब साफ है, कि बोरियों में रुपए भरकर ले जाते तो कुछ रोटियां मिलतीं। हमारा हाल भी वेनेज़ुएला वाला हो जाता। जब से सरकार में आया हूं, तब से इसी दबाव में रहा। शुक्र है कि हमारे दोस्त मुल्क यूएई, सऊदी अरब और चीन से से मदद मिली।" - इमरान खान, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री देश के नाम संबोधन में मंगलवार  12 जून 2019 को)
 इमरान खान देश को सम्बोधित करते हुए 

नई दिल्ली (डीएन न्यूज़) पाकिस्तान में मंगलवार को बजट (Pakistan Budget 2019) प्रस्तुत किया गया। नेशनल असेंबली में वित्त मंत्री हामद अज़हर ने इमरान सरकार का पहला पूर्ण बजट पेश किया। बजट में इनकम और सेल्स टैक्स बढ़ाने पर जोर है। एक जुलाई से पाकिस्तान में शुरू हो रहे नए वित्तीय वर्ष में इन्कम टैक्स भरने वालों पर बड़ा प्रभाव (असर) होगा।

IMF का प्रभाव, महंगाई और टैक्स का बढ़ना तय-
-बजट में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी IMF का प्रभाव दिखाई दिया है। पाकिस्तान ने IMF से छह अरब डॉलर का कर्ज़ लिया है, लेकिन इसके बदले पाकिस्तान को IMF की कई शर्तें माननी पड़ी, जिनके लागू होने पर महंगाई और टैक्स का बढ़ना तय है  -"डॉन" (पाकिस्तान के अखबार) में प्रकाशित समाचार के अनुसार
पाकिस्तानी नेशनल असेंबली अंदर का दृश्य 

बजट में कड़े फैसले- 
पाकिस्तानी सरकार ने इनकम टैक्स की अधिकतम दर 25 फीसदी से बढ़ाकर 35 फीसदी कर दी है. साथ ही मासिक आय के ब्रैकेट को भी पहले से कम कर दिया। इमरान ख़ान सरकार का लक्ष्य है कि नए वित्तीय वर्ष में केवल आय कर से 258 अरब रुपए जुटाया जा सके। बता दें कि पाकिस्तान का नया वित्त वर्ष 1 जुलाई 2019 से शुरू होगा।
नेशनल असेंबली बिल्डिंग

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