स्वामी सत्यमित्रानंद गिरीजी ब्रह्मलीन
भारत माता मंदिर के संस्थापक निवृत्त शंकराचार्य महामंडलेश्वर
देहरादून के अस्पताल में भर्ती कराया गया- महाराजश्री काफी समय से अस्वस्थ चल रहे हैं। बाईट दिनों देहरादून स्थित अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहाँ लगातार वेंटिलेटर पर रखा गया। परन्तु उनके स्वास्थ्य में कोई सुधार नहीं हुआ। उनके अनुयायी उन्हें अस्पताल से छुट्टी दिला कर हरिद्वार ले आए थे। स्वास्थ्य स्थिर रहने एवं स्वामीजी की इच्छा के अनुरूप उनको हरिपुर कलां स्थित आश्रम में रखा गया गया। जयराम आश्रम के अधिष्ठाता भारत साधु समाज के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी, प्रवक्ता विवेकानंद सरस्वती, पूर्व पालिकाध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी, देवानंद सरस्वती आदि उनकी कुशलक्षेम जानने पहुंचे थे।
राम हैं तो राज है और सरकार है-हरिद्वार में विगत वर्ष नवम्बर में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा राम भक्तों को जल्द अच्छी खबर मिलने का विश्वाश दिलाया। उसके एक दिन बाद सिद्ध संत और भारत माता मंदिर के परमाध्यक्ष स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि ने कहा- अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिये वह छह दिसंबर से हर की पौड़ी पर अनशन शुरू करेंगे। देश के सभी संतों से इस अभियान में जुड़ने का आह्वान करते हुए स्वामी सत्यमित्रानंद ने कहा, अगर अगले साल एक जनवरी तक मंदिर निर्माण की दिशा में कोई पहल नहीं हुई तो वह अपनी देह त्याग देंगे। प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी सरकार की चिंता किये बिना राम मंदिर के निर्माण का रास्ता साफ करने का आग्रह किया और कहा कि उन्हें अपनी सरकार की परवाह नहीं करनी चाहिए क्योंकि राम हैं तो राज है और सरकार है। भारत माता मंदिर के परमाध्यक्ष ने कहा, ‘‘यह ऐतिहासिक काम (राम मंदिर निर्माण) नरेंद्र मोदी को अपने रहते हुए करना चाहिए. सरकार को किसी लाभहानि के बारे में नहीं सोचना चाहिए।'’ उन्होंने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिये संत और प्रतीक्षा नहीं कर सकते। सरकार को इस मामले में अब और देर नहीं करनी चाहिए।
पद्म भूषण स्वामी सत्यमित्रानंद गिरीजी हुए ब्रह्मलीन
हरिद्वार (धर्म नगरी / डीएन न्यूज़)। भारत माता मंदिर के संस्थापक स्वामी सत्यमित्रानंद गिरीजी महाराज आज (25-6-2019) मंगलवार सुबह ब्रह्मलीन हो गए। निवर्तमान शंकराचार्य 90 वर्षीय स्वामी सत्यमित्रानंद गिरी महाराज देश के वरिष्ठ एवं सम्मानित धर्मनिष्ठ संतों में थे। आध्यात्म के प्रचार प्रसार हेतु उनकी सेवाओं के लिए केंद्र सरकार ने उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया। वह राम मंदिर आंदोलन से भी जुड़े हुए थे। विगत नवम्बर 2018 में हरिद्वार में महाराजश्री ने कहा- अगर 1 जनवरी तक मंदिर निर्माण दिशा में पहल नहीं की जाती है तो मैं शरीर त्याग दूंगा, तो देशभर में और सन्तों में हलचल मच गई, क्योंकि महाराजश्री का सम्मान करने वाले, उनके अनुयायी पूरे देश ही नहीं विदेशों में भी हैं।देहरादून के अस्पताल में भर्ती कराया गया- महाराजश्री काफी समय से अस्वस्थ चल रहे हैं। बाईट दिनों देहरादून स्थित अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहाँ लगातार वेंटिलेटर पर रखा गया। परन्तु उनके स्वास्थ्य में कोई सुधार नहीं हुआ। उनके अनुयायी उन्हें अस्पताल से छुट्टी दिला कर हरिद्वार ले आए थे। स्वास्थ्य स्थिर रहने एवं स्वामीजी की इच्छा के अनुरूप उनको हरिपुर कलां स्थित आश्रम में रखा गया गया। जयराम आश्रम के अधिष्ठाता भारत साधु समाज के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी, प्रवक्ता विवेकानंद सरस्वती, पूर्व पालिकाध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी, देवानंद सरस्वती आदि उनकी कुशलक्षेम जानने पहुंचे थे।
राम हैं तो राज है और सरकार है-हरिद्वार में विगत वर्ष नवम्बर में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा राम भक्तों को जल्द अच्छी खबर मिलने का विश्वाश दिलाया। उसके एक दिन बाद सिद्ध संत और भारत माता मंदिर के परमाध्यक्ष स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि ने कहा- अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिये वह छह दिसंबर से हर की पौड़ी पर अनशन शुरू करेंगे। देश के सभी संतों से इस अभियान में जुड़ने का आह्वान करते हुए स्वामी सत्यमित्रानंद ने कहा, अगर अगले साल एक जनवरी तक मंदिर निर्माण की दिशा में कोई पहल नहीं हुई तो वह अपनी देह त्याग देंगे। प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी सरकार की चिंता किये बिना राम मंदिर के निर्माण का रास्ता साफ करने का आग्रह किया और कहा कि उन्हें अपनी सरकार की परवाह नहीं करनी चाहिए क्योंकि राम हैं तो राज है और सरकार है। भारत माता मंदिर के परमाध्यक्ष ने कहा, ‘‘यह ऐतिहासिक काम (राम मंदिर निर्माण) नरेंद्र मोदी को अपने रहते हुए करना चाहिए. सरकार को किसी लाभहानि के बारे में नहीं सोचना चाहिए।'’ उन्होंने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिये संत और प्रतीक्षा नहीं कर सकते। सरकार को इस मामले में अब और देर नहीं करनी चाहिए।
कल दी जाएगी समाधि-
पिछले साल नवंबर में उन्होंने राम मंदिर निर्माण की मांग को लेकर हरकी पैड़ी पर आमरण अनशन शुरू करने की चेतावनी दी थी। जिससे दिल्ली तक खलबली मच गई थी। सरकार के साथ ही कई संतों ने उन्हें हरिद्वार पहुंचकर आमरण अनशन न करने के लिए मनाने का पूरा प्रयास किया, जिसपर उन्होंने अपना अनशन टाल दिया था। स्वामी सत्यमित्रानंद गिरी के अनुयायी दुनिया के कोने कोने में हैं। आश्रम के सूत्रों के अनुसार उनके पार्थिव देह को बुधवार (26 जून) शाम चार बजे भारत माता मंदिर के दूसरे आश्रम जनहित ट्रस्ट के परिसर में समाधि दी जाएगी। उनकी अंतिम यात्रा में भारी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है।
पिछले साल नवंबर में उन्होंने राम मंदिर निर्माण की मांग को लेकर हरकी पैड़ी पर आमरण अनशन शुरू करने की चेतावनी दी थी। जिससे दिल्ली तक खलबली मच गई थी। सरकार के साथ ही कई संतों ने उन्हें हरिद्वार पहुंचकर आमरण अनशन न करने के लिए मनाने का पूरा प्रयास किया, जिसपर उन्होंने अपना अनशन टाल दिया था। स्वामी सत्यमित्रानंद गिरी के अनुयायी दुनिया के कोने कोने में हैं। आश्रम के सूत्रों के अनुसार उनके पार्थिव देह को बुधवार (26 जून) शाम चार बजे भारत माता मंदिर के दूसरे आश्रम जनहित ट्रस्ट के परिसर में समाधि दी जाएगी। उनकी अंतिम यात्रा में भारी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है।
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