18 देशों व 542 जिले के संस्‍कृत प्रेमी जुटे

संस्कृति भारती विश्‍व सम्‍मेलन का आज समापन 

उद्देश्‍य- संस्कृत भाषा के विचारो, सिद्धांतो और अनुसंधान पर विमर्श
सम्‍मेलन मे संस्‍कृति प्रदर्शनी मे पाण्‍डुलिपियां, मॉडल व ऐसी तालिकाएं प्रदर्शित
संस्कृत विश्व सम्मेलन, जुटेंगे 18 देशों के ‍संस्कृत प्रेमी

धर्म नगरी / DN News (वाट्सएप-6261868110) नई दिल्ली
 संस्कृत भारती के विश्व सम्मेलन में भारत सहित  कनाडा, इंग्लैंड, मारीशस, केन्या, यूएई, कतर, बहरीन, कुवैत, ओमान, सिंगापुर, इंडोनेशिया, आस्ट्रेलिया, रूस, नेपाल और न्यूजीलैंड आदि देशों के विद्वान भाग लें रहे हैं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (#RSS) से जुड़े संगठन संस्कृत भारती की ओर से नौ से 11 नवंबर तक पहली बार संस्कृत विश्व सम्मेलन छतरपुर मंदिर परिसर में आयोजित हो रही है. सम्मेलन में भारत सहित 18 देशों के संस्कृत विद्वान जुटकर भाषा के उत्थान पर चर्चा कर रहे है
संस्कृत पूरी तरह वैज्ञानिक और प्रभावशाली भाषा है. भारत में एक करोड़ लोग संस्कृत के पठन-पाठन, कामकाज और व्यवहार में दक्ष हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा, कि पहली बार नई दिल्ली में (9 से 11 नवम्बर) तीन दिवसीय संस्कृत भारती विश्व सम्मेलन सही मायनों में यह संस्कृत सम्मलेन का एक महाकुम्भ है, जहां से दुनिया को संस्कृत की उपयोगिता का संदेश जाएगा.
संस्कृत विश्व की सबसे सनातन और पुरातन भाषा है जिसके पास विज्ञान, अंतरिक्ष ज्ञान और ग्रहों की चाल और गणना का व्यापक भंडार है. इसे कम्प्यूटर के लिए समुचित एवं सबसे उपयुक्त भाषा माना जा रहा है.


प्रदर्शनी, संस्कृत डाक्यूमेंट्री, पांडुलिपियों का प्रदर्शन-
सम्मेलन में संस्कृत में विज्ञान, अर्थशास्त्र पर प्रदर्शनी, संस्कृत डाक्यूमेंट्री, पांडुलिपियों का प्रदर्शन, संस्कृत नामों के साथ वस्तु प्रदर्शनी, संस्कृत शिला लेखों का प्रदर्शन, श्रेष्ठ कवि कालिदास के जीवन पर प्रदर्शनी और खुला सत्र आयोजित किया जा रहा है
संस्कृत भारती के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री श्रीश देवपुजारी के अनुसार, सम्मेलन में भारत के अलावा कनाडा, इंग्लैंड, मारीशस, केन्या, यूएई, कतर, बहरीन, कुवैत, ओमान, सिंगापुर, इंडोनेशिया, आस्ट्रेलिया, रूस, नेपाल और न्यूजीलैंड आदि देशों के विद्वान भाग लेंगे. हमारा लक्ष्य विश्व के कोने-कोने तक संस्कृत भाषा की पताका को शिखर तक पहुंचाना है.
कृपया देखें- 

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