मौनी अमावस्या पर प्रयागराज में उमड़ा 'श्रद्धालुओं का सागर'

मौनी अमावस्या पर प्रयागराज 'संगम' में उमड़ा 'श्रद्धालुओं का सागर'

दो दिन पहले से आने लगे श्रद्धालु
16 पॉर्किंग स्थल वाहनों से फुल, रात तक आती रहीं श्रद्धालुओं की गाडियां 
50 मेला स्पेशल ट्रेन चलाई गईं है मौनी अमावस्या स्नान पर्व पर
2800 बसें भी चलाई जा रही है, 200 बस रिजर्व में अमावस्या पर्व के लिए  
05 पांटून पुल माघ मेला में गंगा पर बनाएं  है आवागमन के लिए
15 प्रवेश मार्ग बनाए गए है माघ मेला में श्रद्धालुओं के प्रवेश के लिए 
200 CCTV कैमरे, घाटों, पांटून पुलों व मेला के इंट्री प्वाइंटों पर लगे
और
अमावस्या के एक दिन पहले शाम तक 40 लाख से अधिक ने लगाई डुबकी

प्रयागराज। धर्म नगरी / डीएन न्यूज (वा.एप-6261868110)
माघ मेला के सबसे प्रमुख स्नान पर्व- मौनी अमावस्या पर कल 80 लाख से एक करोड़ के बीच श्रद्धालुओं, तीर्थयात्रियों के पवित्र संगम में स्नान करने की संभावना है। संगम स्नान के लिए श्रद्धालुओं माघ मेले में आने का क्रम अमावस्या के दो दिन पहले से हो गया था। जबकि, गुरुवार दोपहर तक माघ मेला आने वाले हर मार्ग पर स्नानार्थी ही दिख रहे थे। साधु-संतों और स्थानीय पुरोहितों, प्रयागवाल, पंडों के शिविर भरे थे। जबकि लोगों के आने का क्रम जारी है। पुलिस और प्रशासन समेत अन्य विभाग भी अलर्ट पर हैं। मौनी अमावस्या के एक दिन पूर्व गुरुवार देर रात तक लाखों की संख्या में श्रद्धालु-तीर्थयात्री संगम क्षेत्र पर पहुंच गए।

शिविरों में संतों-भक्तों का तांता, संगम नोज पर नहीं बची जगह- 
मौनी अमावस्या पर पुण्य की डुबकी कल है, लेकिन आज गुरुवार को संगम क्षेत्र में हर ओर भीड़ है। हर तरफ से संगम की ओर से बढ़ रहे थे। अमावस्या के एक दिन पहले भोर से ही पुण्य की कामना में संगम पर त्रिवेणी दर्शन, स्नान करने लगे। सभी सेक्टरों के मार्गों पर लोग आगे बढऩे लगे। जगह-जगह शिविरों में संतों-भक्तों का तांता लगा है। संगम नोज पर कही भी जगह नहीं है। जगदीश रैंप के पास महामंडलेश्वर प्रेमदास महाराज के बालाजी आश्रम शिविर में अन्नक्षेत्र में प्रसाद ग्रहण करने के बाद श्रद्धालुओं को जिसे जहां जगह मिली, वहीं डेरा डा दिया। यहां शिविर के भीतर से सड़क की पटरियों तक श्रद्धालुओं की पक्तियां देर रात तक लगी रहीं। त्रिवेणी मार्ग पर मेला प्रशासन कार्यालय से पहले ऊं नम: शिवाय के अलावा मोरी मार्ग, दंडी स्वामी नगर व त्रिवेणी मार्ग पर बाबा रामकेवल दास, शारदानंद महाराज के शिविरों में भी स्नानार्थी टिक गए हैं। सभी सेक्टरों के आलावा पांटून पुलों, मार्गों पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। स्नान पर्व व भीड़ को देखते हुए शाम को आईजी जोन केपी सिंह ने मेला क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था का निरीक्षण कर आवश्यक निर्देश दिए। मौनी अमावस्या की पूर्व संध्या पर मेला प्रशासन ने शाम तक संगम में 95 लाख से अधिक श्रद्धालुओं, तो मौनी अमावस्या को एक करोड़ से अधिक श्रद्धालु के स्नान करने का अनुमान लगाया है।

प्रवेश पर रोक-
छह सेक्टर में बसे मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए के पांच पांटून पुलों पर यातायात वन-वे करते हुए वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दी है। मौनी अमावस्या से एक दिन पूर्व सुबह से ही संगम जाने वाले मार्गों पर श्रद्धालुओं की भाड़ी भीड़ उमडऩे लगी। रेलवे स्टेशनों, बस अड्डों से लेकर संगम जाने वाली प्रत्येक सड़क और पर लोगों का तांता लगा रहा। सिर पर गठरी, हांथ में झोला लिए लोग एक-दूसरे का हाथ थामकर बढ़ते रहे। सायंकाल छह बजे तक काली सड़क, लाल सड़क, लोवर संगम मार्ग, मुक्ति मार्ग आदि सहित साधु-संतों के शिविर, हर तरफ मौनी स्नान करने वालों भीड़ ही नजर आई। वहीं, परेड ग्रांड स्थित टेंट-तंबुओं में बड़ी संख्या में भक्तों ने दिन में ही डेरा डाल दिया।

रस्ते में जहां मिली जगह, वही जले चूल्हे- 
सड़कों की पटरियों से लेकर रेती तक जिसे जहां जगह मिली, उसने वहीं चूल्हे जला लिए। दूर-दराज के इलाकों से आए बड़ी तादाद में श्रद्धालु त्रिवेणी में स्नान के बाद रवानगी भी करते रहे, लेकिन देर शाम के बाद मौनी अमावस्या स्नान के लिए आस्थावानों की भीड़ का दबाव बढऩे लगा। 2500 बीघा क्षेत्रफल नागवासुकि से अरैल के बीच बसे मेले में आठ किमी लंबे संगम के 20घाटों पर स्नान की तैयारियां मेला प्रशासन की ओर से की गई हैं। भीड़ को देखते हुए हर सेक्टर में इस बार स्नान घाट बनाए गए हैं। इससे पहले एडीजी प्रेम प्रकाश व मंडलायुक्त आशीष कुमार गोयल ने मौनी अमावस्या स्नान की तैयारियों की समीक्षा की। साथ लोगों से रूट डायवर्जन की स्थिति में प्रशासन का सहयोग करने की अपील की।

मौनी अमावस्या : एक दृष्टि में-
01 करोड़ श्रद्धालुओं के स्नान को पहुंचने का अनुमान
20 घाटों पर लगेगी मौन डुबकी
08 किमी लंबे संगम पर स्नान पर्व की व्यवस्था

अमावस्या पर रेलवे की व्यवस्था- 
जंक्शन पर यात्रियों को चार आश्रय स्थलों से प्रवेश दिया जाएगा
हर आश्रय स्थल एवं और हर रूट अलग-अलग रंग है
एक हजार आरपीएफ और 800 जीआरपी के जवान तैनात
जंक्शन पर छह बेड की इमरजेंसी चिकित्सा सुविधा उपलब्ध
सभी प्लेटफार्म पर मेडिकल बूथ। नैनी, छिवकी एवं प्रयाग में भी है व्यवस्था
239 सीसीटीवी कैमरे से जंक्शन के कंट्रोल रूम में सभी स्टेशनों की सीधी फुटेज

अक्षयवट-सरस्वती कूप में दर्शन स्थगित-
मौनी अमावस्या स्नान पर्व के दृष्टिगत गुरुवार शाम से 'मूल अक्षयवटÓ और 'सरस्वती कूपÓ में श्रद्धालुओं का प्रवेश स्थगित कर दिया गया। भीड़ के कारण शुक्रवार को इन दोनों तीर्थों में प्रवेश नहीं दिया जाएगा।

नाविकों को नहीं मिली नाव चलाने की अनुमति-
मौनी अमावस्या के अवसर पर संगम क्षेत्र में नाव संचालन की अनुमति न मिलने से नाविक निराश है। आक्रोशित नाविकों का एक दल भाजपा नेता पीयूष रंजन निषाद से मिला। नाविकों ने कहा, जब पिछले वर्ष अद्र्धकुंभ-2019 में नाव संचालन के समय कोई दुर्घटना नहीं हुई, तो इस वर्ष पाबंदी क्यों लगाई ? रंजन ने कहा, माघ मेले के समय नाविकों को कमाई होती है। इसलिए इस दौरान नावों का संचालन रोकने का कोई औचित्य नहीं। उन्होंने कहा, नावों के संचालन से श्रद्धालुओं को भी राहत मिलेगी और उन्हें कई किलोमीटर पैदल नहीं चलना होगा।

बसों का आवागमन रोका- 
मौनी अमावस्या के एक दिन पहले ट्रैफिक पुलिस ने जगह-जगह बैरीकेडिंग लगा दिए। सिविल लाइंस बस स्टेशन आने वाली बसों को रोकने से आज यात्रियों को समस्या हुई। गोरखपुर-वाराणसी रूट की बसें दिन में कई बार अंदावा में रोकी गईं। बसों को रोकने से असहाय यात्रियों को वहां से शहर तक आने में भारी समस्या और पीड़ा हुई। वहीं, रोडवेज ने जीरोरोड बस स्टेशन को भी बंद कर दिया। दिनभर में बसों को कई बार अंदावा में रोकने से वाराणसी, जौनपुर, गोरखपुर रूट से आने वाले यात्रियों को खासी परेशानी हुई।
कानपुर और लखनऊ रूट के लिए भी क्रमश: जीजीआईसी और एमएनएनआईटी के पास अस्थायी बस स्टेशन की व्यवस्था रोडवेज ने की है। इन दोनों रूट की बसें सिविल लाइंस तक आई। रोडवेज के क्षेत्रीय प्रबंधक टीकेएस बिसेन ने बताया, अमावस्या पर्व पर 2800 बसों का आवागमन होगा। 200 बसे रिजर्व भी रखी गई हैं। अमावस्या के दिन सिविल लाइंस बस स्टेशन से बसों का संचालन नहीं होगा। विशेष परिस्थितियों में ही यहां बसों का आवागमन होगा।

स्वास्थ्य विभाग के 300 अतिरिक्त कर्मचारी, दो बड़े अस्पताल-
मौनी अमावस्या पर्व पर स्वास्थ्य विभाग ने डॉक्टरों समेत 300 अतिरिक्त कर्मचारी नियुक्त किए हैं। सभी एसीएमओ के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में तैनात डॉक्टरों को भी मेला ड्यूटी में लगाया गया है। 20-20 बिस्तरों वाले दो बड़े अस्पतालों के साथ सेक्टरों में स्थापित एक-एक बिस्तर वाले मेला अस्पतालों में डॉक्टर, स्टाफ और दवाओं की उपलब्धता रहेगी। सीएमओ मेजर डॉ. जीएस बाजपेयी ने मेला के इस मुख्य स्नान पर्व के लिए 80 एंबुलेंस को विभिन्न स्थानों पर तैनात किया है। मेला क्षेत्र में सभी एसीएमओ को पर्यवेक्षण के लिए लगाया गया है। शुक्रवार को मेला क्षेत्र के केंद्रीय अस्पतालों में विशेषज्ञों की टीम भी मौजूद रहेगी।

दस मेडिकल केयर यूनिट, विशेष वार्ड-
दस मेडिकल केयर यूनिट के चिकित्सक मौनी अमावस्या पर मरीजों त्वरित उपचार कर दवाएं देंगे। रेलवे स्टेशन, बस अड्डों के साथ मेला के प्रमुख मार्गों और चौराहों पर इन टीमों की तैनाती की गई है। गंभीर मरीजों को एंबुलेंस से अस्पताल भेजने की भी व्यवस्था रहेगी। संगम सहित अन्य घाटों के आसपास मोबाइल मेडिकल यूनिट भी रहेगी। वहीं, जिलाधिकारी के निर्देश पर सीएमओ ने बेली और कॉल्विन अस्पतालों में दस-दस बेड के विशेष मेला वार्ड स्थापित कराए हैं। वहीं, एसआरएन में प्राचार्य डॉ. एसपी सिंह ने ट्रामा सेंटर में 20 बेड आरक्षित करा दिए हैं। मेला अवधि में इन अस्पतालों में डॉक्टरों की इमरजेंसी ड्यूटी लगाई गई है।

नागवासुकी पर नई चौकी- 
पिछले दिनों बनाए गए दो नए घाटों की सुरक्षा के लिए एक नई चौकी भी स्थापित की गई है। नागवासुकी घाट पर स्थापित इस चौकी पर 15 सिपाहियों सहित तीन दरोगा तैनात किए गए हैं। प्रभारी एसपी मेला आशुतोष मिश्रा के अनुसार, मौनी अमावस्या पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमडऩे की संभावना को देखते हुए ही नागवासुकी घाट पर नई चौकी की स्थापना की गई है।

एडीजी ने दिए निर्देश-
सुरक्षा व्यवस्था का निरीक्षण करने अमावस्या के एक दिन पहले एडीजी प्रेमप्रकाश पहुंचे। उन्होंने मेला पुलिस के साथ जिला पुलिस के अधिकारियों से अमावस्या पर्व की गई तैयारियों की जानकारी ली एवं स्वयं व्यवस्था का निरीक्षण किया। उनके साथ ही एसएसपी सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज आदि अधिकारी भी रहे। उधर, प्रभारी एसपी मेला आशुतोष मिश्र लगातार मेला क्षेत्र में भ्रमणशील रहकर आवश्यक दिशा-निर्देश देते रहे। अरैल जोन में प्रभारी एएसपी मोनिका चड्ढा ने शाम को वीवीआईपी व अन्य स्नान घाटों पर भ्रमण कर सुरक्षा में लगे जवानों को दिशा-निर्देश दिया।

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