18 पुराण, वाल्मीकि रामायण, महाभारत का सार है 'व्यास उवाच'

हिन्दू धर्म की प्रमाणिक, सारगर्भित ग्रंथ है 'व्यास उवाच'

18 पुराण, संपूर्ण वाल्मीकि रामायण, संपूर्ण महाभारत का सार है : गवेषणात्मक ग्रंथ 

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 #व्यास_उवाच #Vyas_Uvach (प्रथम खंड) 
धर्म नगरी / डीएन न्यूज 
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संभवत: पहली बार किसी विद्वान ने सभी 18 पुराण, संपूर्ण वाल्मीकि रामायण एवं महाभारत का सार (सारांश) एवं रहस्यों को लिखा है। ये गवेषणात्मक ग्रंथ (पुस्तक) अभी दो खण्ड में है। नाम है- 'व्यास उवाच' और इसको लगभग 11 वर्ष के अथक, अनवरत परिश्रम, शोध के बाद लिखा है डॉ. अल्प नारायण त्रिपाठी 'अल्प' ने।

डॉ. अल्प, श्री महानिर्वाण वेद संस्कृत स्नातकोत्तर महाविद्यालय, दारागंज प्रयाग के पूर्व प्राचार्य हैं। सहज, सरल, विनोदी एवं माँ सरस्वती के उपासक डॉ. अल्प की प्रतिभा का अनुमान आप इस प्रकार लगा सकते हैं, कि लगभग 23 वर्ष की आयु में संस्कृत महाविद्यालय में व्याख्यात (लेक्चरर) के पद पर नियुक्ति पाई। अपने छात्र जीवन के पश्चात और विगत लगभग 48 साल से लगातार शिक्षा देने के साथ-साथ अध्ययन, लेखन कार्य भी करते रहें। इस अवधि में अनेक पुस्तकें लिखीं। इनमें सबसे प्रमुख है 'व्यास उवाच' जिसको पढऩे के बाद संभवत: मेरी तरह (मैं, राजेशपाठक, संपादक 'धर्म नगरी') आप भी कहें, कि विगत कुछ दशक में ऐसी सारगर्भित एवं प्रमाणिक (सनातन हिन्दू धर्म का) ग्रंथ नहीं पढ़ा।


आप भी मंगाएं ग्रंथ को-
दो खण्ड में 'व्यास उवाच' 800/- की... या डाक/कुरियर खर्च सहित आपके पते पर (सजिल्द) लगभग 980/- में उपलब्ध है। अब सीमित संख्या में (कुछेक सौ ही) शेष बची हैं। अत: प्रतियाँ मँगाने एवं इसका अग्रिम राशि देने से पूर्व इसकी उपलब्धता अवश्य पूंछ ले। ग्रंथ में आप किसी भी विषय या तथ्य को तुरन्त खोज सके, इसलिए लिए 'वर्णमालानुक्रमणिका' या इंडेक्स (Index) दिया गया है।

ग्रंथ हेतु आप सीधे डॉ. अल्प नारायण त्रिपाठी जी से या चाहे तो 'धर्म नगरी' के नाम से बैंक खाते में उक्त राशि जमा या ट्रांसफर कर उसकी रसीद भेंजे वाट्सएप, ईमेल करें, ट्वीट ( https://twitter.com/DharmNagari ) करें,  जिससे आपको ग्रंथ भेजा जा सके। डॉ अल्प नारायण त्रिपाठी 'अल्प'  (सम्पादकीय सलाहकार- 'धर्म नगरी')
https://twitter.com/Dralp7/status/1232988460467621889  द्वारा 'व्यास उवाच' के प्रचार-प्रसार एवं प्रकाशन का अधिकार प्राप्त है।


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सुने- 'व्यास उवाच' पर डॉ अल्प नारायण त्रिपाठी से साक्षात्कार-1 (Interview-1) माघ मेला-2020 में लिया गया (कृपया चैनल को सब्स्क्राइब करें)

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https://www.youtube.com/watch?v=7Wd6RKUSuHo&feature=youtu.be 

ये भी देखें- 
(डॉ अल्प नारायण त्रिपाठी रचित 'कोरोना' पर कविता)-
☟  

https://www.youtube.com/watch?v=AXpR0NslKB4

'व्यास उवाच' के तथ्यों के स्तर का आप एक शीर्षक- पितरों से निम्न प्रकार लगा सकते हैं, जिससे जुड़े तथ्य एवं ग्रंथ में उल्लेखित पेज-नंबर इस प्रकार हैं-
पिता के प्रकार (195)
पितरों के नाम (266, 297, 304)
पितृसेवा फल (385)
पितृतर्पण विधि (795)
पिण्डदान (925, 491)
पितृयज्ञ प्रारम्भ (490, 491)
पितृगण भाग (529, 700)
पितरगण (423, 700, 884, 904)
पितृसंतृप्ति नाम (627)
पिशाच मोचन (634, 652)
पितृगणों का आविर्भाव (637)
पितर वर्ष (917)
पितृगण प्रशस्त वस्तु (771)
पितृकार्य (772)
पितृगण भोजन काल (628)

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