6 बार जवानों के बीच पहुंच चुके हैं #PMModi

"विस्तारवाद का युग खत्म हो गया है, ये विकासवाद का युग है इतिहास गवाह है, ऐसी तकते मिट गई हैं, या रोने के लिए मजबूर हुई है विश्व का यही अनुभव रहा है, इसी अनुभव के आधार पर पूरे विश्व ने अपना मन बना लिया है..." #PMModi 

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प्रधानमंत्री मोदी के आईना दिखाते ही तिलमिया चीन, बोला- हमें विस्तारवादी कहना गलत


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लेह (लद्दाख) में भारतीय सेना को सम्बोधित करते हुए 
लेह, लद्दाख, गलवान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जाना, एक बहुत बड़ी लीडरशिप की निशानी है. भारत एक बहुत मजबूत देश है, अबतक जो कुछ चीन करता आया हैं, वो इतिहास में चला जायेगा 

PM मोदी ने बलिदानी जवानों के सम्मुख अपना शीश झुका दिया, लेकिन भारतीय सेना का, करोड़ों हिन्दुस्तानियों का सिर ऊँचा कर दिया। लेह भ्रमण बहुत सही शमी हुआ, बहुत महत्वपूर्ण है, इससे संदेश जायेगा कि देश हमारी सेना के साथ है। यही संदेश गया, कि हिंदुस्तान बिलकुल सक्षम और तैयार है चीन, पाकिस्तान को मुहतोड़ जवाद देने के लिए।      

"...हम न भटकेंगे, न अटकेंगे, कुछ भी हो, हम देश नहीं मिटने देंगे... सौगंध मुझे इस मिटटी की, मैं देश नहीं झुकने दूंगा, मैं देश नहीं बिकने दूंगा...।"  -प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (26 फर 2019) 

लद्दाख के फॉरवर्ड पोस्ट पर सैनिकों को संबोधित करने के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कड़े संदेश में स्वयं को 'विस्तारवादी राष्ट्र' कहे जाने से चिढ़े चीन ने इस आरोप को बेबुनियाद बताया और कहा कि वे बातों को बहुत बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर रहे हैं। 15 जून को चीन के साथ झड़प में 20 जवानों के सर्वोच्च बलिदान के बाद अचानक लद्दाख दौरे पर पहुंचे #PMModi ने सैनिकों को संबोधित करते हुए बिना चीन का नाम लिए कहा- ''विस्तारवाद का युग समाप्त हो चुका है। यह युग विकासवाद का है। तेजी से बदलते हुए समय में विकासवाद ही प्रासंगिक है। विकासवाद के लिए अवसर है और विकासवाद भविष्य का आधार भी है। विस्तारवाद की जिद किसी पर सवार हो जाती है तो उसने हमेशा विश्व शांति के सामने खतरा पैदा किया है। और यह न भूलें इतिहास गवाह है। ऐसी ताकतें मिट गई हैं या मुड़ने को मजबूर हो गई है।"

चीन को इशारों में दिए इस संदेश पर बीजिंग की ओर से चीनी दूतावास के प्रवक्ता ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी। चीनी दूतावास के प्रवक्ता जी रोंग ने कहा- "अपने 14 में से 12 पड़ोसी देशों के साथ सीमा का निर्धारण चीन ने शांतिपूर्ण बातचीत के जरिए किया है। हमने जमीनी सीमाओं को मैत्रीपूर्ण सहयोग में बदला है। चीन को 'विस्तारवादी' के तौर पर देखना बिल्कुल आधारहीन है और पड़ोसी देशों के साथ अपने विवादों को गढ़ने जैसा है।"

"दुनिया कर रही आपके पराक्रम का विश्लेषण" 
#NarendraModi लद्दाख में घायल जवानों से बोले 

चीन पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में 
कहा- बीती शताब्दियों में विस्तारवाद ने ही मानवता का सबसे ज्यादा अहित किया। मानवता के विनाश का प्रयास किया। मोदी ने कहा- ''विश्व का हमेशा यही अनुभव रहा है और इसी अनुभव के आधार पर अब इस बार फिर से पूरे विश्व ने विस्तारवाद के खिलाफ मन बना लिया है। आज विश्व विकासवाद को समर्पित है और विकासवाद की स्पर्धा का स्वागत कर रहा है।"

Prime Minister suddenly visited #Leh_Ladakh region on 3 July (Friday) morning, where both countries had to face talks with #PMModi Army #IAF and #ITBP soldiers definitely gave a very strong msg to China and the world.
सेना के पराक्रम से भारत की ताकत का संदेश- 
#PMNarendraModi ने कहा कि भारतीय सेना ने जो पराक्रम दिखाया, उससे दुनिया को भारत की ताकत का संदेश मिल गया। लद्दाख क्षेत्र को 130 करोड़ भारतीयों के मान-सम्मान का प्रतीक करार देते हुए उन्होंने कहा- ''कमजोर कभी शांति की पहल नहीं कर सकता और वीरता ही शांति की पूर्व शर्त होती है... लद्दाख का ये पूरा हिस्सा, भारत का मस्तक है। 130 करोड़ भारतीयों के मान सम्मान का प्रतीक है। यह भूमि भारत के लिए सर्वस्व त्याग करने के लिए हमेशा तैयार रहने वाले राष्ट्रभक्तों की धरती है।"

उन्होंने गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प का संकेत करते हुए कहा, ''आपने और आपके साथियों ने जो वीरता दिखाई है, उसने पूरी दुनिया में यह संदेश दिया है कि भारत की ताकत क्या है।" उन्होंने कहा, ''देश के वीर सपूतों ने गलवान घाटी में जो अदम्य साहस दिखाया है वह पराक्रम की पराकाष्ठा है। देश को आप पर गर्व है, नाज है।"

भारत और चीन की सेना के बीच पूर्वी लद्दाख में जारी तनाव के बीच प्रधानमंत्री का यह दौरा काफी महत्व रखता है। उल्लेखनीय है भारत और चीन के सैनिकों के बीच गलवान घाटी में पिछले दिनों हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे। अनुमान है इसमें चीन के भी कई सैनिक हताहत हुए, किंतु इस बारे में चीन की ओर से आधिकारिक रूप से कुछ भी नहीं कहा गया।
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http://www.dharmnagari.com/2020/06/IndiaChinaWasNehruvsModiMaovsZinping.html
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"हम बांसुरीधारी और सुदर्शनधारी कृष्ण की पूजा करने वाले लोग"

लेह में पीएम ने जवानों से कहा- "आपका यह हौसला, शौर्य और मां भारती के मान-सम्मान की रक्षा के लिए आपका समर्पण अतुलनीय है। आपकी जीवटता भी जीवन में किसी से कम नहीं है। जिन कठिन परिस्थितियों में जिस ऊंचाई पर आप मां भारती की ढाल बनकर उसकी रक्षा, उसकी सेवा करते हैं,उसका मुकाबला पूरे विश्व में कोई नहीं कर सकता है।" उन्होंने कहा- 

आप उसी धरती के वीर हैं, जिसने हजारों वर्षों से आक्रांताओं के हमलों और अत्याचारों का मुंहतोड़ जवाब दिया। हम वो लोग हैं, जो बांसुरी धारी कृष्ण की पूजा करते हैं तो हम वो ही लोग हैं, जो सुदर्शनधारी कृष्ण को भी आदर्श मानकर चलते हैं। इसी प्रेरणा से हर आक्रमण के बाद भारत और सशक्त होकर उभरा है। 

➔ राष्ट्र, दुनिया और मानवता की प्रगति के लिए शांति और मित्रता हर कोई मानता है कि जरूरी है। लेकिन हम यह भी जानते हैं कि कमजोर शांति की पहल नहीं कर सकता। वीरता ही शांति की पहली शर्त होती है। 

 भारत आज जल, नभ और अंतरिक्ष तक, अपनी ताकत बढ़ा रहा है तो उसके पीछे का लक्ष्य मानव कल्याण ही है। भारत आज आधुनिक शस्त्र का निर्माण कर रहा है। सेना के पास आधुनिक तकनीक लाई जा रही है, जिसके पीछे की भावना भी यही है। भारत अगर आधुनिक इंफ्रास्ट्रचर का निर्माण कर रहा है तो उसके पीछे का संदेश भी यही है।

➔ विश्व युद्ध हो या फिर शांति की बात, जब भी जरूरत पड़ी है, दुनिया ने हमारे वीर जवानों का पराक्रम देखा है और उसे महसूस किया है। हमेशा ही मानवता के लिए काम किया है। आप सभी भारत की इस परंपरा को स्थापित करने वाले लीडर हैं।

 14 कोर की जांबाजी के किस्से हर तरफ है। दुनिया ने आपका अदम्य साहस देखा है। आपकी शौर्य गाथाएं घर-घर में गूंज रही है। भारत के दुश्मनों ने आपकी फायर भी देखी है और आपकी फ्यूरी भी।

 मैं गलवान घाटी में शहीद हुए सैनिकों को आज पुनः श्रद्धांजलि देता हूं। उनके पराक्रम, उनके सिंहनाद से धरती अब भी, उनका जयकारा कर रही है। आज हर देशवासी का सिर, आपके सामने आदरपूर्वक नमन करता है। आज हर भारतीय की छाती आपकी वीरता और पराक्रम से फूली हुई है।

➔ विस्तारवाद का युग समाप्त हो चुका है। यह युग विकासवाद का है। तेजी से बदलते हुए समय में विकासवाद ही प्रासंगिक है। विकासवाद के लिए ही, अवसर है और विकासवाद ही भविष्य का आधार भी है। 


➔ बीती शताब्दियों में विस्तारवाद ने ही मानवता का सबसे ज्यादा अहित किया और मानवता को विनाश करने की कोशिश की। विस्तारवाद की जिद जब किसी पर सवार होती है तो उसने हमेशा ही विश्व शांति के लिए खतरा पैदा किया है। इतिहास गवाह है कि ऐसी ताकतें मिट गई हैं या मुड़ने के लिए मजबूर हो गई हैं।

➔ आज लद्दाख के लोग हर स्तर पर चाहे वो सेना हो या सामान्य नागरिक के कर्तव्य हों, राष्ट्र को सशक्त करने के लिए अद्भुत योगदान दे रहें हैं।

➔ अभी जो आपने और आपके साथियों ने वीरता दिखाई है, उसने पूरी दुनिया में ये संदेश दिया है कि भारत की ताकत क्या है।

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