भोपाल रेलवे मण्डल ने शुरु किया मजदूरों को काम देना

रेल मंत्री का सभी रेलवे जोन महाप्रबंधकों को है निर्देश

भोपाल (धर्म नगरी/डीएन न्यूज)। लॉकडाउन में शहर से काम छोड़कर अपने गांव आए मजदूरों को भोपाल मण्डल ने मनरेगा के अंतर्गत काम देना शुरू कर दिया है। मण्डल रेल प्रबंधक उदय बोरवणकर ने भोपाल मण्डल में ग्रामीण और शहर के रेलवे स्टेशन, पहुँच मार्गों के निर्माण कार्य से लेकर लेवल क्रासिंग, पटरियों के आस-पास की सफाई, मिटी-गिट्टी की भराई, सफाई और पौधारोपण आदि कार्य मनरेगा के तहत कराने के निर्देश दिए हैं।
रेलवे इंजीनियरिंग विभाग ने भोपाल-बीना रेल खंड पर सुमेर स्टेशन के पहुँच मार्ग का निर्माण कार्य प्रवासी मजदूरों को दिया है। स्टेशन से कॉलोनी तक जाने वाले इस 60 मीटर लंबे और 3 मीटर चौड़े पहुँच मार्ग के निर्माण में 3.60 लाख रु लागत आई है। मजदूरों की मजदूरी का भुगतान मनरेगा के तहत किया जा रहा है।  इसी तरह मंडल के विभिन्न जिलों में रेलवे ट्रैक के दोनो ओर निरीक्षण हेतु पथ बनाये जा रहे है। जन सम्पर्क विभाग, भोपाल मण्डल के अनुसार, मरम्मत एवं रखत्र्-रखाव के कार्य भी इन मजदूरों को देकर रोजग़ार का अवसर प्रदान किया जा रहा है।
रेल मंत्री पीयूष गोयल : धर्म नगरी 
रेल मंत्री की जोन के महाप्रबंधकों की बैठक में निर्देश-
उल्लेखनीय है, कि रेल मंत्रालय ने लॉकडाउन में शहर से काम छोड़कर अपने गांव आए मजदूरों को राज्य सरकार व जिला प्रशासन से समन्वय कर मनरेगा के अंतर्गत काम देने दिशा-निर्देश दिए हैं। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने विगत 25 जून को सभी रेलवे जोन के महाप्रबंधकों की बैठक में निर्देश दिये थे, कि जोन राज्य सरकार और जिला प्रशासन से समन्वय कर अपने-अपने जोन की सीमा में चल रहे कार्यों को मनरेगा के अंतर्गत कराएं। निर्देश के बाद पश्चिम मध्य रेलवे (WCR) ने इसकी तैयारी शुरू कर दी। WCR के निर्माण और इंजीनियरिंग विभाग के आलाधिकारियों को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है। भोपाल मण्डल में यह कार्य विभाग के निर्माण और इंजीनियरिंग के अधिकारियों को सौंपा गया है।

भुगतान मनरेगा खाते से होगा-
रेलवे में मनरेगा के तहत जो मजदूर काम करेंगे उनका पारिश्रमिक मनरेगा खाते से ही केंद्र सरकार द्वारा दिया जाएगा। इसका भुगतान रेलवे नहीं करेगा।

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