चीन के डोनेशन में फंसी कांग्रेस !


नौ साल में दूसरी बार राजीव गांधी फांउडेशन ट्रस्ट विवाद में !

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ऐसा दूसरी बार हो रहा है, जब राजीव गांधी फाउंडेशन अपने अनीतिपूर्ण लेन-देन के लिए चर्चा में है। खबर है, जाकिर नायक, जो युवाओं को उग्र और आतंक की ओर पे्ररित करने के आरोप में देश से भागा अपराधी है, उसने भी राजीव गांधी ट्रस्ट को 50 लाख रु का अनुदान दिया है। राजीव गांधी फाउंडेशन द्वारा लेन-देन पर भारतीय जनता पार्टी ने बहुत आपत्तियां उठाई हैं। केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने अंतर-मंत्रालय कमेटी बनाई है, जो राजीव गांधी फाउंडेशन, राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट और इंदिरा गांधी मेमोरियल ट्रस्ट की जांच करेगी। ईडी के स्पेशल डायरेक्टर इसकी जांच करेंगे। पीएमएलए, इन्कम टैक्स एक्स, एफसीआरए के अंतर्गत इन तीनों ट्रस्ट की जांच की जाएगी।
राहुल, सोनिया चीनी राष्ट्रपति से मिलते हुए, साथ है पूर्व
PM डॉ मनमोहन सिंह। ये फोटो सोशल मीडिया में खूब वायरल हुई

भारत-चीन विवाद के समय केन्द्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने दावा किया, कि चीन ने राजीव गांधी फाउंडेशन के लिए फंडिंग की थी। चीन सीमा विवाद को लेकर केन्द्र सरकार और कांग्रेस के बीच वार-पलटवार के बीच केन्द्र सरकार की ओर से ये दावा किया गया था, 21 जून 1991 को राजीव गांधी फाउंडेशन की शुरुआत हुई। इसके अध्यक्ष सोनिया गांधी हैं, राहुल गांधी, मनमोहन सिंह और पी.चिदंबरम इसके ट्रस्टी हैं। पिछले कुछ दिनों से राजीव गांधी फाउंडेशन को लेकर बहुत विवाद चल रहा है। अभी इसमें ताजा विवाद और भी जुड़ा, जिसमें बताया गया कि विवादास्पद इस्लामी उपदेशक जाकिर नायक के एनजीओ ने बतौर चंदा 50 लाख रु राजीव गांधी फाउंडेशन (आरजीएफ)को डोनेट किया। हालांकि, इस पैसे को वापस लौटा दिया है।गृह मंत्रालय की अंतर-मंत्रालयीन कमेटी करेगी जांच, दूसरे देशों के नेताओं की आवाज को दबाने वाली चीन की संस्था से राजीव गांधी फाउंडेशन ने लिया चंदा, 29 साल पुराना फाउंडेशन नौ साल में दूसरी बाद विवाद में, 2004 में चीन से भारत का व्यापार घाटा 1.1 अरब डालर 2013-14 में 36.2 अरब डॉलर कैसे हुआ ?
गृह मंत्रालय, भारत सरकार, दिल्ली 

गृह मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, RGF की सहयोगी संस्था राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट को 2011 में जाकिर नायक के NGO ने ये पैसे दिए थे। गृह मंत्रालय ने जाकिर नायक के NGO- इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन को विदेशी चंदा लेने के मामले में पूर्व अनुमति की श्रेणी की सूची में डाल दिया है। जाकिर नायक का NGO युवाओं को आतंकवाद के लिए प्रोत्साहित करने के आरोपों को लेकर विवाद में है। केन्द्रीय गृह मंत्रालय, आरजीएफ की जाच को लेकर काफी गंभीर है। RGF को मिले चंदे को लेकर काफी विवाद खड़े हो गए हैं। 

#BJP का आरोप है, कि यूपीए सरकार के दौरान फाउंडेशन को प्रधानमंत्री राहत कोष से फंड ट्रांसफर किया गया। इसको लेकर भी हंगामा है। पूर्व पीएम राजीव गांधी के विजन और सपनों को पूरा करने के लिए फाउंडेशन की शुरुआत की गई थी। 
राजीव गांधी फाउंडेशन (RGF

फाउंडेशन की वेबसाइट बताती है, कि फाउंडेशन में स्वास्थ्य, शिक्षा, विज्ञान और तकनीकि, महिला एवं बाल विकास, अपंगता सहयोग, निशक्तों की सहायता, पंचायती राज, प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन आदि क्षेत्रों में काम किया। 2010 में फाउंडेशन ने शिक्षा के क्षेत्र में फोकस करने का फैसला किया। संघर्ष से प्रभावित बच्चों को शैक्षणिक मदद, निशक्त युवाओं की गतिशीलता बढ़ाने, भारतीय बच्चों को कैम्ब्रिज में पढऩे हेतु वित्तीय सहायता जैसे कार्यक्रम फाउंडेशन की ओर से चलाए जाते हैं। गांधी परिवार के सभी मेंबर, राहुल और प्रियंका इसके ट्रस्टी हैं।

2005-06 में पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना (PRC) और चीनी दूतावास से तीन लाख अमेरिकी डॉलर का चंदा आरजीएफ ने लिया। इसपर सत्ताधारी दल भाजपा ने कांग्रेस पर आरोप दोहराते हुए पूंछा है, कि दोनों के बीच हस्ताक्षरित और अहस्ताक्षरित MoU (मेमोरेंडम ऑफ़ अंडरस्टैंडिंग) क्या है ? 
RGF में इंटरनेशनल एसोसिएशन फॉर इंटरनेशनल फ्रेंडली कांटेक्ट के साथ काम किया। यह संगठन चीन के सेंट्रल मिलिट्री कमीशन ऑफ चाइना से जुड़ा है। इसका उद्देश्य दूसरे देशों के नेताओं की आवाज को दबाना है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा, लग्जमबर्ग जैसे टैक्स हैवन ने भी 2006 से 2009 के बीच हर साल दान किया। ऐसे एनजीओ और फाउंडेशन ने भी दान किया, जिनके गहरे हित थे। आखिर सोनिया गांधी की अध्यक्षता वाले फाउंडेशन ने चीन सरकार और चीनी दूतावास से पैसे क्यों लिए ?

#UPA सरकार के कार्यकाल में 2005 से 2008 के बीच प्रधानमंत्री राहत कोष से 
RGF को पैसा ट्रांसफर किया गया। UPA शासन में सेल, गेल, एसबीआई आदि पर RGF को पैसा देने पर दबाव बनाया गया। भाजपा अध्यक्ष नड्डा ने कांग्रेस से पूंछा, कि प्रधानमंत्री राहत कोष जो जनता की सेवा और उनके राहत कार्य के लिए है, उस पैसे को RGF में क्यों ट्रांसफर किया गया ? उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, कि तत्कालीन समय में पीएम रिलीफ फंड का ऑडिटर कौन था ? ठाकुर वैद्यनाथन एंड अय्यर कंपनी RGF की ऑडिटर थी। रामेश्वर ठाकुर इसके फाउंडर थे, जो तत्कालीन समय में चार राज्यों के राज्यपाल रहे। ऐसे लोगों को ऑडिटर बनाकर सरकार क्या करना चाह रही थी ? चीन के साथ भारत का व्यापार घाटा 2004 में 1.1 अरब डालर का था, जो 2013-14 में 36.2 अरब डॉलर हो गया। क्या इसके एवज में कांग्रेस को लाभ मिला ?  

पूर्व कांग्रेसी गृहमंत्री चिदंबरम ने सवाल किया है, 
RGF को 15 साल पहले मिले अनुदान का मोदी सरकार के तहत 2020 में चीन के भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ करने से क्या लेना-देना ? क्या यदि RGF चाइना को उसका दिया हुआ अनुदान लौटा देती है, तो क्या प्रधानमंत्री मोदी देश को भरोसा दिलाएंगे, कि चीन अपना अतिक्रमण खाली करेगा और पूर्व की स्थिति बहाल करेंगा ? लब्बोलुआब ये, कि तमाम विवादों के बीच गृह मंत्रालय ने जांच समिति बनाकर RGF एवं उससे जुड़े चैरिटेबल ट्रस्ट और इंदिरा गांधी मेमोरियल ट्रस्ट की जांच शुरू कराने का निर्णय लिया है, जिसमें प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट और इंकम टैक्स के नियमों को तोडऩे के भी आरोप हैं। 29 साल पुराना RGF नौ वर्षों में दूसरी बार विवाद में आया। इसबार आपदा पीड़ितों के हक का पैसा डायवर्ट करने का मुद्दा भी उठा। इसपर नौ साल पहले भी विवाद हुआ था, जब जाकिर नायक ने राजीव गांधी फाउंडेशन को 50 लाख रुपए दिए थे। हालांकि, कांग्रेस ने बाद विवाद बढऩे के बाद रकम लौटा दी। भाजपा नेता आरपी सिंह ने कहा था, कि कांग्रेस ने जाकिर नायक की चल रही जांच से खुद को सुरक्षित रखने के लिए रकम लौटाई थी।
-अनुराधा त्रिवेदी, वरिष्ठ पत्रकार, भोपाल
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