चीन में मुसलमानों के शोषण पर खामोशी और...

भारत के मुस्लिमों पर बेवजह हल्ला क्यों ?

 (धर्म नगरी / DN News M./W.app 6261868110)   

चीन के शिन जियांग प्रांत में करीब 10 लाख उइगर मुसलमान रहते हैं। चीन के बाहर रह रहे उइगर नेताओं ने चेतावनी जारी की है, कि आने वाले वक्त में हालात और खराब हो सकते हैं। उनका कहना है, कि चीन में उइगर मुसलमानों के नरसंहार की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता। ये सवाल मानव अधिकार के इतिहास हमेशा रहा है, कि आखिर चीन की कम्युनिस्ट सरकार की मुसलमानों से क्या दुश्मनी है ? हालांकि, चीन की सरकार इसका हमेशा खंडन करती रही है।

प्रश्न उठता है, कि ये उइगर मुसलमान आखिर हैं कौन ? चीन के पश्चिम प्रांत शिन जियांग में चीनी प्रशासन और यहां के स्थानीय उइगर जनजाति के बीच संघर्ष का बहुत पुराना इतिहास है। उइगर असल में मुसलमान हैं। सांस्कृतिक और जनजातीय रूप में वे खुद को मध्य-एशियाई देशों के करीब मानते हैं। 20वीं शताब्दी के आरंभ में उइगर मुसमानों ने स्वयं को आजाद घोषित कर दिया था। 1949 में कम्युनिस्ट चीन ने इस इलाके पर पूरा नियंत्रण में कर लिया था। दक्षिण में तिब्बत की तरह ही शिन जियांग भी आधिकारिक रूप से स्वायत्त क्षेत्र है।


बीजिंग आरोप लगाता रहा है, कि निर्वासित उइगर मुसलमान नेता राबिया कबीर इस समस्या को बढ़ा रहे हैं। जबकि सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है, कि चीन की केन्द्रीय सरकार की नीतियां धीरे-धीरे उइगर मुसलमानों के धार्मिक, आर्थिक और सांस्कृतिक गतिविधियों को दरकिनार कर रही है। सरकार ने यहां दमन तेज किया हुआ है। इनके नेताओं को चमरपंथ के आरोप लगने के कारण जेलों में ठूस दिया जाता है। शिन जियांग में चीन के हान समुदाय को बड़े पैमाने पर बसाने की कार्रवाही में यहां उइगर मुसलमानों को अल्पसंख्यक बना दिया है। चीन इनको अलगाववादी बताकर बढ़ा-चढ़ाकर पेश करता है। यहां सुरक्षाबलों की भरमार है।


चीन उइगर मुसलमानों पर बम हमले, अशांति और तोडफ़ोड़ के हिंसक आरोप लगाता है और चीन ने इनको 9/11 के बाद अलकायदा का सहयोगी सिद्ध करने की कोशिश की। हालांकि, इसके सुबूत बहुत कम हैं। इन्हें बिना आरोप तय किए अमेरिका ने गुआंतामाबोन में बन्दी बनाकर रखा। करीब 20 से ज्यादा उइगर मुसलमानों को अफगानिस्तान पर हमले के दौरान अमेरिका ने पकड़ा था। शिन जियांग को मशहूर सिल्क रूट पर महत्वपूर्ण चौकी का दर्जा प्राप्त है। हाल ही में चीन ने 700 उइगर मुसलमानों को गिरफ्तार करके सजा दी है। चीन की कम्युनिस्ट सरकार ने रमजान के दौरान उइगर मुसलमानों पर नमाज पढऩे और रोजा रखने पर प्रतिबंध लगा दिया था। अरबी भाषा के बोलने, लिखने और पढऩे पर भी सख्त प्रतिबंध है। कुरान को भी अरबी में नहीं पढ़ सकते।


अभी ताजा घटनाक्रम में चीन की कम्युनिस्ट सरकार ने शिन जियांग प्रांत में उइगर मुसलमानों की मस्जिद को गिराकर शौचालय बना दिया है। यह कोई पहली घटना नहीं है। चीन ने लगातार इनके धार्मिक स्थल नष्ट कर रहा है, इनकी संस्कृति खत्म की जा रही है और एक तरह से पूरे प्रांत के उइगर मुसलमान बन्दी की स्थिति में हैं, जिनके कोई मानवाधिकार नहीं हैं। उल्लेखनीय है, कि चीन और पाकिस्तान की दोस्ती परवान पर चढ़ी हुई है।

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पढ़ें-
देख तेरे पाकिस्तान की हालत, क्या हो गई इमरान !  

http://www.dharmnagari.com/2019/08/JammuKashmir370SatyapalMalik.html
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भारत के मुसलमानों के अधिकार पर हल्ला मचाने वाला पाकिस्तान चीन के एहसानों तले इस कदर दबा हुआ है, कि वह शिन जियांग प्रांत में रहने वाले हम-प्याला हम-निवाला लख्ते-जिगर मुसलमानों के हितों की आवाज तक नहीं उठा पा रहा है। भारत, अमेरिका और चीन के बीच हाल ही के तनाव में अमेरिका में बड़े जोर-शोर से उइगर मुसलमानों का पक्ष उठाया और चीन की 11 कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिया है। अमेरिका में चीन के पश्चिम प्रांत शिन जियांग में उइगर मुसलमानों के मानव अधिकारों के उल्लंघन के मामले में यह कदम उठाया है। उसने कहा, यह कंपनियां अपने उत्पाद तैयार करने के लिए उइगर मुसलमानों का जबरजस्त शोषण करती हैं।


चीन ने लंबी दाढ़ी रखने, बुरका पहनने, सरकारी टीवी चैनल देखने से मना करने जैसी पाबंदिया उइगर मुसलमानों पर लगाई हैं। इनको रोजे रखने पर 2014 में रोक लगा दी गई थी। चीन ने उइगर मुसलमानों को कुरान जमा कराने के लिए आदेश दिया और किसी भी परिस्थिति में दाढ़ी नहीं रखने का आदेश दिया। तुर्की और पाकिस्तान भारत पर उंगली उठाते रहे हैं, जबकि भारत ने मुसलमानों को समस्त नागरिक अधिकार दे रखे हैं। आम हिन्दुस्तानियों की तुलना में इन मुसलमानों को ज्यादा सुविधाएं व अधिकार हैं। इतनी ज्यादा, कि भारत के मुसलमान भी भारत को दारुस-सलाम बनाने का सपना देखने लगे हैं। 

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Read-
Muslim are torture & Women are Gang Raped in China 

http://www.dharmnagari.com/2019/10/musliminChina-are-torture-women-are-gang-in.html
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पाकिस्तान भारत में अपनी करतूतों से बाज नहीं आ रहा है, लेकिन चीन के मामले में मुंह पर पट्टी और कान में रुई लगाए हुए है। अंतत: चीन आज अमेरिका के कटघरे में तो है ही। पाकिस्तान भी खुद को इस्लाम समर्थक, मुसलमानों का हित चिन्तक मानने के मामले में घेरे में हैं। 
-अनुराधा त्रिवेदी, सम्पादकीय सलाहकार- "धर्म नगरी", DN News 
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