काशी विश्वनाथ मंदिर - ज्ञानवापी मस्जिद केस की सुनवाई आज

अयोध्या में विवाद का अन्त, वाराणसी में आरंभ

361 वर्ष के इतिहास में संशोधन होगा ! 
1669 ई. में मन्दिर को तोड़कर बनाई गई थी मस्जिद
1809 में हिन्दुओं का पुन: हुआ था अधिकार   
प्राचीन स्वयंभू ज्योतिर्लिंग भगवान विश्वेश्वर (काशी विश्वनाथ मंदिर) और ज्ञानवापी मस्जिद  
वाराणसी (धर्म नगरी / DN News मो. 6261868110)   
द्वादश ज्योतिर्लिंग में प्रमुख वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद विवाद (केस) की सुनवाई आज (10 अगस्त) को होगी। केस में प्राचीन मूर्ति स्वयंभू ज्योतिर्लिंग भगवान विश्वेश्वर बनाम अंजुमन इंतजामियां मस्जिद के दो पक्षकार आमने-सामने हैं। इस विवाद में अंजुमन इंतजामिया मस्जिद और अन्य विपक्षी भी सम्मिलित हैं। प्राचीन मूर्ति स्वयंभू ज्योतिर्लिंग भगवान विश्वेश्वर ने सिविल जज कोर्ट में ज्ञानवापी मस्जिद सहित विश्वनाथ मंदिर परिसर के आसपास पुरातात्विक सर्वेक्षण कराने की अपील की है।  
15 जनवरी 2020 को विवादित परिसर में शिवलिंग का दावा करते हुए कोर्ट से पुरातात्विक सर्वेक्षण कराने की अपील की गई थी। 25 फरवरी 2020 को वाराणसी के फास्ट कोर्ट से निर्णय आता है, कि मामले को वफ्फ ट्रिब्यूनल में नहीं, फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुना जाएगा। सबसे पहले वाद 1991 में दायर किया गया था, जिसमें विश्वेश्वर ज्योतिर्लिंग में पूजा का अधिकार दिए जाने की मांग की गई थी। 

शिवलिंग का दावा, पुरातात्विक सर्वेक्षण की अपील-
प्राचीन मूर्ति स्वयंभू ज्योतिर्लिंग भगवान विश्वेश्वर के पक्षकार पंडित सोमनाथ व्यास और अन्य ने (17 जनवरी 2020 को) याचिका दायर करके कोर्ट से पुरातात्विक सर्वेक्षण कराने की मांग की थी। इस केस में अंजुमन इंतजामिया मस्जिद और अन्य विपक्षी भी सम्मिलित हैं। केस दायर करने वाले दो वादियों डॉ. रामरंग शर्मा और पंडित सोमनाथ व्यास की मृत्यु हो चुकी है। जिसके बाद वादी पंडित सोमनाथ व्यास की जगह पर वादमित्र पूर्व जिला शासकीय अधिवक्ता (सिविल) विजय शंकर रस्तोगी केस का प्रतिनिधित्व कर रहे है।
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