आज का ट्वीट - मंदिर का दान मुस्लिम, क्रिस्चियन को क्यों ?

Today's Tweet : 8 August, 2020 
मंदिर का दान हिन्दुओं के लिए नहीं, तो दान-पात्र क्यों ? 
(धर्म नगरी / DN News M./W.app 6261868110)   
-राजेश पाठक
मंदिरों में आज करोड़ों रुपए केवल हिन्दुओ एवं सनातन हिन्दू धर्म में आस्था रखने वालों चढ़ाया जाता है. मनोकामना पूर्ण होने पर, मन्दिर पुजारी-अर्चक की व्यवस्था, संचालन या सहयोग हेतु भी चढ़ाया जाता हैं.
गैर-हिन्दू या हिन्दू-विरोधी मंदिर का कोई चढ़ावा या दान नहीं होता, फिर क्यों उस पैसे को हिन्दू-विरोधियों और अन्य धर्म वालों को दिया जाता है इसका एक प्रमुख कारण- मंदिर एक्ट, "हिन्दू धर्म दान एक्ट-1951"  जिसे जानबूझकर नेहरूजी ने बनाया, जो अन्य हिन्दू-विरोधी, हिन्दू भावना या हिन्दू-हिट के विरोध में बने कानूनों में एक है

आज देश के लाखों मंदिर उपेक्षित है, मंदिरों से सेवा करने वाले पुजारी-अर्चकों, साधुओं को दो समय की आरती-पूजन, भोग-प्रसाद की व्यस्था करने में समस्या होती हैं, क्योंकि उन मन्दिरों कभी कभार कोई जाता है या मन्दिर में दान या चढ़ावा नहीं होता। ऐसे मन्दिरों को शासन-प्रशासन टेक-ओवर (अधिग्रहण) नहीं करती, बल्कि देशभर के उन सभी मन्दिरों का अधिग्रहण करती हैं, जहां लाखों-करोड़ों का चढ़ावा/दान सनातन हिन्दू-धर्मावलम्बी करते हैं। 

हिन्दू सबकुछ देख-सुनकर भी मौन है, सबकुछ सहन करता चला जा रहा है... हिन्दू विरोधी नीतियों, हिन्दुओं से अन्याय, उपेक्षा और शोषण 1947 के पहले और 1947 उसके बाद, जब बंटवारे में हिन्दुओ को भारत मिला और मुस्लिमों को पाकिस्तान। पाकिस्तान 1991 में इस्लामिक कंट्री घोषित हो गया, वहां 27% हिन्दुओं की जनसंख्या 2013 में करीब डेढ़ प्रतिशत हो गई। पाकिस्तान में एक-एक मंदिर, गुरूद्वारे तोड़ दिए गए या मस्जिद में बदल दिए गए। वहीं, भारत में 1947 के समय तीन करोड़ से कम मुस्लिमों की आबादी अब लगभग 32 करोड़ हो गई है। मुस्लिमों को पाकिस्तान देने के बाद भी गाँधी-नेहरू और कांग्रेस ने भारत में क्यों रोका ? अब इन सब प्रश्नों, समस्याओं का हल स्वयं सनातन हिन्दू धर्मावलम्बियों को खोजना और उससे निपटना होगा, अगर हिन्दुओं को अपनी आने वाली पीढ़ी और 1947 के बटवारे में मिले इस देश भारत को बचाना है तो...!

ये प्रश्न और समस्या की और एकबार फिर हिन्दुओं का ध्यान  कर्नाटक की एक घटना से गया, जब कर्नाटक के पुजारियों ने मन्दिर से दान-पत्र (दान-पेटी) हटाना आरम्भ कर दिया ये कहकर, कि भक्तों का पैसा सनातन के लिए प्रयोग नहीं हो तो दान पेटी क्यों ? आज 8 अगस्त 2020 को इसे लेकर ट्वीटर पर लोगों, हिन्दुओं का आक्रोश भी दिखा और उनकी प्रतिक्रिया भी.... 

कर्नाटक के पुजारियों ने मंदिर से दान पेटी हटाना शुरू कर दी है। कहा यदि भक्तों का पैसा सनातन के लिए प्रयोग नहीं हो तो दान पेटी क्यों ? 
मंदिर सरकारी नियंत्रण  से मुक्त हो ?   -@swamidipankar    
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पुजारियो की आमदनी बंद हो गई महाराज । -@Shilpa_Bhartiy
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जितने भी हिन्दू मंदिर सरकारी नियंत्रण में हैं उन सभी से वार्षिक लगभग 50 हजार करोड़ रु का राजनितिक दलों द्वारा दुरोप्योग किया जाता है, मुसलमानों और इसाईओं को दी जाने वाली सुविधाओं के लिए इस पैसे का प्रयोग किया जाता है. तिरुपति देवस्थानं समिति के कंगाल होने के पीछे यही कारण है -@ranakedar
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मौलानाओ को सरकार वेतन हमारे पैसे से ही देती है पर हमारे पुरोहित को नहीं आखिर इतनी नाइन्साफी क्यूँ 
#मंदीरों_से_सरकार_नियंत्रण_खत्म_हो 
मस्जिद चर्च के पैसे आतंकवाद में और धर्मान्तरण में की जाती है और हमारे पैसे हमें ही मारने के लिए उपयोग किया जाता है -@MouryaNishu
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वैसे भी मिशनरी हमारे मंदिर के ही पैसे से ईसाईयत का प्रचार करते है, अहसान जातते है 
फिर #हिन्दुओ को ही गाली देते है। -@hitesh60891817
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Bilkul sahi kiya mandiron ka paisa Hindu samaj ka hai aur ye Hindu samaj ki bhalayi ke liye paryog hona chahiye . Tabhi dahrmantarn rukega kyunki gareeb Hindu ki arthik majbooriyan ka fayeda utha kar ye sab kiya jaata hai . Aur Hindu apne dharm ki shiksha se bhi vanchit rehate h -@VijayTh22090780
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Ok, but this can't be permanent solution.
1)Sab Hindu daan kerte hi Hain, ye Pooja Ka process hai,can't be stopped permanently
2)Solution ye nai ki daan roka Jaye,Jo Hindu Ka dhan chura raah hai,use rokna hai. Problem Sahi tareke se solve ki Jaye, idhar udhar ghuma fira ke nai! -@Rashtraprem2
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स्वामी @swamidipankar मंदिर के दान पर और मंदिर के ट्रस्टी मुस्लिम ईसाई और सरकार का नियंत्रण खत्म करने की मुहिम रुकना नहीं चाहिए और अब तक मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड पर त्वरित कार्यवाही क्यूँ नहीं किया गया जब इनके तरफ से धमकी दी गई आखिर खामोशी क्युँ और कबतक  #मुस्लिम_ला_बोर्ड_बंद_हो -@MouryaNishu

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यही बात तो लोग राम मंदिर के लिए भी कह रहे थे। तब तो आपने प्रधानमंत्री द्वारा निर्माण कार्य आरंभ करने पर विरोध नहीं किया। जब एक संवैधानिक पद पर आसीन व्यक्ति मंदिर का शिलान्यास करेगा तो मंदिर पर सरकारी नियंत्रण होना तो बनता है। -@manmoha24961327
Reply
आप लोगों के पाखंड को यह देश भली-भांति समझ लगा है जब मौलवियों को तनखा देती है सरकार तब आपके मुंह से कोई शब्द नहीं निकलता हज सब्सिडी पर तुम्हारी मुंह से कोई शब्द नहीं निकलता मंदिर गवर्नमेंट अंडरटेकिंग और मस्जिद गुरुद्वारा गिरजाघर स्वतंत्र कहां से लाते हो इतनी दोगली नीति -@PanditOmPrakas8
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हमारा मुकाबला बेरहम खूंखार कातिल शिकारियो से है।अगर जिंदा रहना है तो उनसे ज्यादा खूंखार बन कर दिखाना पड़ेगा। @FansYati
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हमको दान में पैसे देने की जगह मन्दिर के उपयोग में आने वाली कोई भी वस्तु लेकर जानी चाहिए. जैसे- पांच ईट, पत्थर, घंटी, बाबाओं के लिए भोजन और वहां पर गरीब बैठे भूखे लोगो के लिए भोजन।
दान देने से तो मुझे यही अच्छा लगता है कि मन्दिर के लिए कुछ करो. गरीब लोगो के लिए कुछ करो -@TheJadaun

Hinduon ke Mandir par uske chadhawa par sirf hinduon ka adhikar hai.agar kanoon beech me aaye to bhakt daanpeti me daan karna band kar de. fund rahega na dusre dharm par kharch hoga. @NutanChoudhary7
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बिल्कुल 
आज साउथ के उन पंडित जी को क्रोधित देखा बोल रहे थे मंदिर के पैसे पर गरीब हिन्दुओं का हक है
उनके एजुकेशन health par खर्च होगा जाओ पहले मस्जिद और चर्च से पैसे लाओ फिर मंदिर आना -@Sandeep03630867
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सत्य वचन हिन्दू मंदिर ही क्यों सरकार के नियंत्रण में है, सविंधान में सब एक है मस्जिद और चर्च क्यों नही है सरकरी नियंत्रण में , क्यों ऐसा है क्या मनसा थी इसके पीछें पुरानी कांग्रेस सरकार की , मस्जिद में मदरसे , चर्चो मे कान्वेंट स्कूल तो मंदिरो में गुरुकुल क्यों नही -@Abhi51027064
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एकदम सही !! 
मै तो कहता हूँ सभी हिंदुओ के मंदिरोने इसका अनुकरण करना चाहिये. एक झटके मे सरकार की आँखे खुल जाएगी. 
पेटपर लात मारो, आदमी कमर मे झुकता है ! -@shripadxxc
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मंदिर में यदि आवक है तो ट्रस्ट बनाए सभी मंदिर ट्रस्ट होना चाहिए एक एक पैसा का हिसाब होना चाहिए मंदिर में परमार्थ कार्य होना  चाहिए वाहा जो भी दर्शनार्थी आबे उको पेट भरके रोटी मिले  फिर सरकार कभी वाहा हात नहीं डालती ज़ाहा आमदानी 1 रुपया खर्च 25 पैसा होता तब सरकार हबी होती है - महंत केशव दास जी राष्ट भक्त @ss4cLECKbOUMsOC
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जब तक हिन्दू धर्म दान एक्ट 1951 नहीं हटेगा तब तक ऐसा ही होगा सरकार को जल्द से जल्द मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त कर देना चाहिये ! @dilipjaisawat

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बिल्कुल सही कहा, उन्होंने ये धन मंदिर को बनाने के लिए उपयोग में लाया जाए किसी को ना दिया जाए और भक्तों से बोला जाए कि अपने फोन पर गूगल पर या किसी भी ऐप से मंदिर के नाम से जो ट्रस्ट बना है उसके अंदर डाला जाए और यह सारा धन मंदिरों को और मंदिर में चलने वाले गुरुकुल के उपयोग में लिया -@hamarahindusta3
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यह बहुत पहले कर देना चाहिये।
पर मै इससे सहमत भी नही हूं।
क्युंकि इन पैसे से कित्ने गरीब के 1 दिन का भोजन हो पता है।
सनातन धर्म महान है। युगो युगो से -@VineetBJP5
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सही किया गया है,ऐसा कदम हर मंदिरों में किया जाये,सनसनी हिन्दुओं के दान का पैसा मलेच्छों पर खर्च क्यों किया जाता है।केन्द्र सरकार को मंदिरों को सरकारी नियंत्रण मुक्त करने कानून लाना चाहिए,जिससे मंदिरों की सम्पतियॉ,पैसो पर मंदिर प्रशासन,सनातन हिन्दुओं का ही हो,मलेच्छों का नहीं हो। -@BChaturvedi01
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मंदिरों में दान का पैसा हिन्दू धर्म के व्यापक प्रचार प्रसार और हिन्दू विद्यालयों के संचालन में लगना चाहिए -@dewangansn

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मठ मंदिरों से कलेक्टर प्रबंधक हटाया जाए और साधु संतों को सौंपा जाए पूर्ण अधिकार से ताकि वह समाज की सेवा कर सके -@devshastri777
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सरकारी नियंत्रण वाली देश की सभी  दान-पेटी हटा ही देनी चाहिए । अगर नही हटा सके तो कोई भी व्यक्ति दान-पेटी में पैसा नहीं डाले । 
जय सियाराम  -@AshokkumarKhem5
#मंदिर_सरकारी_नियंत्रण_से_मुक्त_हो 
#एक_देश_एक_संविधान

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मंदिरों की मूर्तियों को तोड़ तोड़ कर मस्जिदों की सीढ़ियां बनाई गई है... -@anurag9101
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देश भर लगभग बड़े मंदिर ट्रस्ट बनाए उनका पैसा सरकार ले लेती हैं.
लेकिन यही नीति चर्च, मस्जिद पर क्यों नहीं लगता हैं. -@rakeshrai887481
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या तो  सभी सनातन धार्मिक स्थलों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करो अन्यथा  मस्जिद चर्च जैसी सभी धार्मिक संस्थाओं को भी अपने नियंत्रण में लो।  तभी ये  न्यायसंगत ह। -@MeraBha72555700
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अधिकतर जनता जानती ही नहीं कि उसके चढ़ावे के पैसे को सरकार हड़प लेती है.एक बार यह प्रचारित हो जाय तो दान पेटियों में जाने वाले धन का रास्ता बदल जाएगा.लोगऔर रास्ते निकाल लेंगे किन्तु सरकारी पेटियों में पैसा डालना बन्द कर देंगे.दान को टैक्स की तरह घसीट लेना हिन्दूआस्था का अपमान है। -@drvkpande
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कर्नाटक में जो कुछ पुजारियों ने किया वह एक बानगी है हर मंदिर को सरकार के अधिग्रहण से मुक्त करवाना चाहिए और मंदिर का पैसा सिर्फ गरीब हिंदुओं के काम आए ऐसे जेहादियों के लिए नहीं जो बोलें मंदिर गिरा देंगे। -@Krishan94R
Last updated Aug 9, 2020 10.30 AM   
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