अयोध्या में मंदिर बनेगा, ससुराल में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा

#Ayodhya : श्रीराम मंदिर निर्माण से माँ सीता की जनकपुर में होगी प्रगति  
(धर्म नगरी / DN News M./W.app 6261868110)  
राजेश पाठक - अवैतनिक सम्पादक 
श्रीराम की नगरी अयोध्या में रामलला का मंदिर के निर्माण होगा। मंदिर निर्माण से पांच सदियों से विपरीत परिस्थितयों से जूझते, रक्तपात, मुस्लिम हमलावरों द्वारा मंदिरों के विध्वंस को देखने वाली अयोध्या का चहुमुखी विकास होगा, इसमें कोई संदेह नहीं अयोध्या के विकास के साथ श्रीराम के ससुराल और माता सीता की जन्मभूमि जनकपुर में भी बहुत प्रगति, उन्नति होगी। अयोध्या में मंदिर में दर्शन के पश्चात स्वभाविक है, की लोग माता जानकी के घर जाएंगे। इससे नेपाल के जनकपुर में लोगों को रोजगार के अधिक अवसर मिलेंगा,  यहां अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा।

अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण से माता सीता की जन्मभूमि नेपाल के जनकपुर के निवासियों को भी बहुत आशा है। आशा उस दिन से, जब जनकपुर उस "रामायण सर्किट" का एक हिस्सा बन गया, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2018 में, श्रीराम और उनकी धर्मपत्नी  के जन्मस्थान के बीच शटल-सेवा को हरी झंडी दिखाई। अयोध्या आने वाले भक्तों के लिए जनकपुर उनके तीर्थस्थान में से एक होगा। इससे नेपाल के लोगों को रोजगार के अधिक अवसर मिलेंगे और यहां अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा। 


जनकपुर पहले से ही रामायण सर्किट में सम्मिलित है, लेकिन अयोध्या में राम मंदिर के बाद यहां पर्यटकों की संख्या और बढ़ेगी। उल्लेखनीय रामायण सर्किट पर्यटन मंत्रालय की "स्वदेश दर्शन योजना" के अंतर्गत विकास के लिए पहचाने जाने वाले 15 विषयगत सर्किटों में से एक है।  
माता सीता भक्ति और गुणों की प्रतीक-
श्री राम की जन्मभूमि अयोध्या में राम मंदिर बनाया जा रहा है
। इस संबंध में जनकपुर के निवासियों, सामाजिक कार्यकर्ता सुशील कर्ण का कहना है, अयोध्या का राम मंदिर हमारे स्थान के पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देगा। दुनियाभर के हिंदुओं के लिए यह गर्व की बात है, कि भगवान राम की जन्मभूमि अयोध्या में श्रीराम मंदिर बनाया जा रहा है। माता सीता भक्ति और गुणों की प्रतीक हैं। वहीं, राम मंदिर निर्माण हमारे लिए गर्व की बात है। रामायण के अनुसार, विदेह साम्राज्य के राजा जनक को मिथिला क्षेत्र के एक बाड़े में एक बच्ची मिली, जिसका एक हिस्सा इस समय जनकपुर शहर में है।

भगवान राम की ससुराल का मानते 
जनकपुरवासी-
जनकपुर नेपाल की राजधानी काठमांडू से 225 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में है। राजा जनक ने उसका नाम सीता रखा और उसे अपनी बेटी के रूप में पाला। वहीं, श्रीराम मंदिर का निर्माण जनकपुर के उन लोगों के लिए खुशी का कारण है, जो प्रायः स्वयं को भगवान राम की ससुराल का निवासी बताते हैं। हमारी माता जानकी को अब अयोध्या में एक घर मिलेगा, क्योंकि वहां मंदिर निर्माण शुरू हो गया है। हम भारत सरकार के इस प्रयास से बहुत आनंदित हैं। 

---------------------------------------------------
☞निवेदन 
"धर्म नगरी" को मिलने वाले शुभकामना या  किसी प्रकार के सहयोग / विज्ञापन से हम संबंधित व्यक्ति, आश्रम, संस्था के नाम से प्रतियां भेजते हैं, क्योंकि धर्म नगरी का प्रकाशन पूर्णतः अव्यावसायिक  है।  
☞ कृपया  अपना सहयोग (दान) केवल "धर्म नगरी" के चालू खाते नंबर- 325397 99922, स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया (SBI) IFS Code- CBIN0007932, भोपाल के माध्यम से भेजें

No comments