#Raksha_Bandhan : शनिदेव की बहन भद्रा को ब्रह्मा का है श्राप

इसबार रक्षा-बंधन पर हैं शुभ योग 

धर्म नगरी / DN News मो. 6261868110)   
श्रावण मास के शुक्‍ल पक्ष पूर्णिमा को रक्षा-बंधन 3 जुलाई को इसबार चतुर्योग बन रहा है। सोमवार व पूर्णिमा का योग महादेव शिव की विशेष कृपा के साथ सर्वार्थ-सिद्धि योग, आयुष्मान-योग दीर्घायु का वर प्रदान करेगा। इस बार भद्रा और राहुकाल 9.30 से पहले ही समाप्त हो रहे हैं। इस योग में भाई-बहन की सभी इच्छाएं पूरी होंगी।

राखी बांधने  के मुहूर्त-
शुभ योग- सुबह 9:31 से 10:46 तक
अभिजीत मुहूर्त- दोपहर 12:00 से 12:53 तक
अपराहन मुहूर्त-  दोपहर 1:48 से  4:29 तक
लाभ मुहूर्त- दोपहर 3:48 से शाम 5:29 तक
संध्या अमृत मुहूर्त- शाम 5:29 से 7:10 तक
प्रदोष काल-  शाम 7:06 से रात 9:14 तक
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भद्रा- प्रातः 9:28 बजे तक  
राहुकाल- प्रातः 7:30 बजे से 09 बजे तक।  

भद्रा में इसलिए नहीं बांधते राखी- 
राखी बांधते समय भद्रा-काल का ध्यान रखा जाता है। शास्त्रानुसार, राहुकाल और भद्रा के समय शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। शास्त्रानुसार, भद्रा शनि महाराज की बहन है। उन्हें ब्रह्माजी जी ने श्राप दिया था, जो भी व्यक्ति भद्रा में शुभ काम करेगा, उसका परिणाम अशुभ ही होगा। इसके अलावा राहुकाल में भी राखी नहीं बांधी जाती। पौराण‍िक मान्‍यतानुसार, लंकापति रावण ने अपनी बहन से भद्रा में राखी बंधवाई और एक साल के अंदर उसका विनाश हो गया। इसलिए इस समय को छोड़कर ही बहनें अपने भाई के राखी बांधती हैं। 

प्रायः रक्षा-बंधन के पर्व पर भद्रा का साया रहता है, परन्तु इस वर्ष भद्रा प्रातःकाल 8:28 तक रहेगी। फिर 9 बजे तक राहु काल रहेगा। इसलिए इसके बाद राखी बांधी जा सकती है।  दोपहर 2 से शाम 7 बजे के बीच लगातार चर लाभ और अमृत के तीन शुभ चौघड़िया मुहूर्त होंगे। इसलिए दोपहर 2 से शाम 7 बजे के बीच का पूरा समय भी राखी बांधने के लिए शुभ होगा।
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