"बिहार में जब चुनाव हो रहा था, प्रियंका के शिमला वाले घर राहुल मना रहे थे पिकनिक"


"जब बिहार में चुनाव हो रहे थे, तब राहुल गांधी अपने बहन प्रियंका गांधी वाड्रा के शिमला वाले घर पर पिकनिक मना रहे थे। ...ऐसा कभी लगा ही नहीं कि कांग्रेस बिहार चुनाव को गंभीरता से ले रही है। जो भी नेता आए, उनमें से अधिकतर पटना में प्रेस में बयान देने तक ही सीमित रहे। ...कांग्रेस में भाजपा के विकल्प बनने की क्षमता नहीं है।" -शिवानंद तिवारी आरजेडी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष

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बिहार विधानसभा चुनाव में हार के बाद महागठबंधन में आरोप-प्रत्यारोप जारी है। आरजेडी नेता शिवानंद तिवारी ने राहुल गांधी को निशाने पर लेते हुए उक्त बयान दिया, तो कांग्रेस नेता अनिल कुमार ने आरजेडी को आत्ममंथन करने की सलाह दे डाली। अनिल कुमार ने कहा- हार का ठीकरा कांग्रेस से सिर फोड़ने के बजाए आरजेडी को समीक्षा करना चाहिए। भविष्य में यदि पूर्ण बहुमत की सरकार बनाना है, तो पार्टी को अपनी रणनीति बदलना चाहिए। अनिल कुमार ने बसपा का उदाहरण दिया और कहा, वोट बैंक की पॉलिटिक्स करने के बजाए समाज को एक सम्पूर्ण रूप में देखना चाहिए।

राहुल गांधी को लेकर क्या कहा शिवानंद ने ?
शिवानंद तिवारी ने कहा था, बिहार में चुनावी सरगर्मी थी। तेजस्वी यादव के नेतृत्व में भाजपा-जदयू जैसी मजबूत पार्टियों की संयुक्त ताकत के खिलाफ लड़ाई थी और राहुल गांधी शिमला में बहन प्रियंका वाड्रा के घर पिकनिक मना रहे थे। कांग्रेस बिहार में 70 सीटों पर चुनाव लड़ रही थी, लेकिन 70 जनसभाएं भी नहीं कर पाईं। यहां तक कि राहुल गांधी ने भी सिर्फ चार सभाएं ही की।
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शिवानंद तिवारी ने आगे पूछा, क्या पार्टी ऐसे ही चलती है ? ...कांग्रेस के इसी रुख का फायदा भाजपा को हो रहा है। ऐसा केवल बिहार नहीं, बाकी राज्यों में भी हुआ है। कांग्रेस को मंथन करना चाहिए। देश की सबसे बड़ी और पुरानी पार्टी होने का दावा करने वालों को चुनाव के प्रति तो गंभीर होना पड़ेगा। पार्टी आलाकमान एक बार फिर विचार करें। बिहार की हार पर मंथन के बहाने अपनी रणनीति पर दोबारा सोचें।

जनता कांग्रेस को प्रभावी विकल्प के रूप में नहीं देखती : कपिल सिब्बल  
बिहार विधान सभा चुनाव में खराब प्रदर्शन को लेकर एकबार फिर से कांग्रेस नेतृत्व पर सवाल उठने लगे हैं. पार्टी के तारिक अनवर के बाद अब वरिष्ठ कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने राहुल और सोनिया गांधी पर निशाना साधते हुए यहां तक कह दिया- कि जनता कांग्रेस को प्रभावी विकल्प के रूप में नहीं देखती

अंग्रेजी दैनिक "इंडियन एक्सप्रेस" को दिए इंटरव्यू में सिब्बल ने कहा- ‘बिहार ही नहीं, विभिन्न राज्यों के उपचुनावों के नतीजों से ऐसा लग रहा है कि लोग कांग्रेस को प्रभावी विकल्प नहीं मान रहे हैं. बिहार में विकल्प तो आरजेडी ही है. गुजरात उपचुनाव में हमें एक भी सीट नहीं मिली. लोकसभा चुनाव में भी यही हाल रहा था. उत्तर प्रदेश के उपचुनाव में कुछ सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशियों को 2 फीसदी से भी कम वोट मिले, जो निश्चित तौर पर चिंता का विषय है 
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सीट बंटवारे में देरी से महागठबंधन को खामियाजा : अनवर  
इससे पहले बिहार कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तारीक अनवर ने भी कहा कि बिहार चुनाव परिणाम पर पार्टी के अंदर मंथन होना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा था, सीटों के बंटवारे को अंतिम रूप देने में देरी का खामियाजा महागठबंधन को उठाना पड़ा. कांग्रेस को इससे सीखना चाहिए और आगामी विधानसभा चुनावों के लिए गठबंधन की औपचारिकताओं को अच्छी तरह से पूरा करना चाहिए

...तो होता रहेगा नुकसान
तारीक अनवर से जुड़े एक सवाल के जवाब में कपिल सिब्बल ने कहा- ‘यदि छह सालों में कांग्रेस ने आत्ममंथन नहीं किया तो अब क्या उम्मीद है? हमें कांग्रेस की कमजोरियां पता हैं, हमें पता है सांगठनिक तौर पर क्या समस्या है. मुझे लगता है कि इसका समाधान भी सबको पता है. कांग्रेस पार्टी भी यह अच्छी से जानती है, लेकिन वे इन उपायों को अपनाना नहीं चाहते. यदि वे ऐसा ही करते रहेंगे तो प्रदर्शन का ग्राफ यूं ही गिरता रहेगा 
 
सिब्बल से जब पूछा गया, यदि कांग्रेस हकीकत से वाकिफ है, तो आखिर उपायों को अपनाने में हिचकिचाहट कैसी ?  इस पर उन्होंने कहा, क्योंकि कांग्रेस वर्किंग कमिटी (CWC) एक नॉमिनेटेड बॉडी है, CWC के संविधान में लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को शामिल करना होगा. आप नामित सदस्यों से यह सवाल उठाने की उम्मीद नहीं कर सकते कि कांग्रेस चुनाव दर चुनाव कमजोर क्यों होती जा रही है
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