बिहार: एक्शन में सरकार, कल शपथ लिया, आज 11 बजे पहली बैठक
बिहार विधानसभा का पहला सत्र 23 नवंबर को
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बिहार के मुख्यमंत्री की कुर्सी नीतीश कुमार ने एकबार फिर संभाल ली है, लेकिन इस बार उनकी जोड़ी टूट गई है। कल (16 नवंबर) को शपथ लेने के बाद आज मंगलवार (17 नवंबर) को नीतीश कुमार 11 बजे कैबिनेट की पहली बैठक करेंगे. एनडीए में शामिल सहयोगी दलों की और से 14 मंत्रियों ने भी पद की शपथ ली है। अब बिहार में प्रोटेम स्पीकर मनोनीत किया जाना है। 23 नवंबर को बिहार की नई विधानसभा का पहला सत्र होगा।
नई सरकार में सुशील मोदी उप-मख्यमंत्री नहीं होंगे।
एनडीए की नई सरकार में दो उप-मुख्यमंत्री (Dupty CM) बनाए गए, लेकिन सुशील मोदी का नाम नहीं है. सुशील मोदी को डिप्टी सीएम नहीं बनाए जाने पर नीतीश कुमार ने कहा, सुशील मोदी को डिप्टी सीएम नहीं बनाने का निर्णय भारतीय जनता पार्टी का है. इस बारे में बीजेपी से पूछना चाहिए. हमारा गठबंधन है, हम लोग मिलकर काम करते हैं और मिलकर काम करेंगे. सीएम ने आगे कहा कि एक नया मौका फिर मिला है, हर बार कुछ न कुछ नया होता है।
इन्होंने ली शपथ-
जेडीयू- विजय चौधरी, विजेंद्र यादव, अशोक चौधरी, मेवालाल चौधरी, शीला मंडल
भाजपा- तारकिशोर प्रसाद, रेणु देवी, अमरेंद्र प्रताप सिंह, मंगल पांडे, रामसूरत राय, रामप्रीत पासवान, जीवेश मिश्रा
VIP- मुकेश सहनी
HUM- संतोष सुमन
जानकारों के अनुसार, भाजपा नेतृत्व नंदकिशोर यादव को विधानसभा का स्पीकर बना सकती है। नंदकिशोर यादव ने पटना साहिब विधानसभा से लगातार सातवीं बार विजयी हुए। नंदकिशोर यादव बिहार बीजेपी के बड़े नेता के तौर पर जाने जाते हैं। नंदकिशोर यादव पिछली बार नीतीश कुमार सरकार में पथ निर्माण मंत्री भी रह चुके हैं।
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उल्लेखनीय है, कि नीतीश कुमार ने सोमवार को 7वीं बार सूबे के मुख्यमंत्री के पद की शपथ ली। उनके साथ 14 मंत्रियों ने भी शपथ ली. इसमें बीजेपी के 7, जेडीयू के 5, वीआईपी और हम पार्टी के एक-एक मंत्री शामिल हैं। इसबार डिप्टी सीएम पद की जिम्मेदारी तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी को सौंपी गई है।इन्होंने ली शपथ-
जेडीयू- विजय चौधरी, विजेंद्र यादव, अशोक चौधरी, मेवालाल चौधरी, शीला मंडल
भाजपा- तारकिशोर प्रसाद, रेणु देवी, अमरेंद्र प्रताप सिंह, मंगल पांडे, रामसूरत राय, रामप्रीत पासवान, जीवेश मिश्रा
VIP- मुकेश सहनी
HUM- संतोष सुमन
प्रोटेम स्पीकर का मनोनयन, फिर विधायकों को शपथ-
बिहार की नई विधानसभा का पहला सत्र 23 नवंबर को होगा. सर्वप्रथम प्रोटेम स्पीकर का मनोनयन होगा, जो नए विधायकों को शपथ दिलाएंगे. नए विधायकों का शपथ ग्रहण होने के बाद विधानसभा के स्पीकर का चुनाव होगा।
बिहार की नई विधानसभा का पहला सत्र 23 नवंबर को होगा. सर्वप्रथम प्रोटेम स्पीकर का मनोनयन होगा, जो नए विधायकों को शपथ दिलाएंगे. नए विधायकों का शपथ ग्रहण होने के बाद विधानसभा के स्पीकर का चुनाव होगा।
सबसे पहले मनोनीत प्रोटेम स्पीकर होंगे, जो नए विधायकों को शपथ दिलाएंगे। इसके बाद बिहार विधानसभा के स्पीकर का चुनाव होगा।विधानसभा स्पीकर के चुनाव का निर्णय बहुत महत्वपूर्ण है। कारण, NDA के पास कुल 125 विधायक हैं, जो सरकार बनाने के आंकड़े से केवल तीन अधिक हैं। ऐसे में प्रदेश में सरकार की स्थिरता के लिए बीजेपी अपने किसी विशेष नेता को ही यह पद सौंपना चाहती है।
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सोशल इंजीनियरिंग के महारथी हैं नीतीश-
नीतीश कुमार को इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग बनना था, परन्तु आपातकाल और जेपी ने उनको राजनीति का सोशल इंजीनियर बना दिया। सोशल इंजीनियर ऐसा, जिसने बिहार की राजनीति को बदल दिया। प्रदेश की सियासत में अजेय समझे जाने वाले लालू प्रसाद को पटखनी देकर स्वयं अजेय बन बैठे।
मृदुभाषी, जिद्दी और लक्ष्य का जुनून-
मेधावी छात्र रहे नीतीश का जन्मे राज्य के प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी रामलखन बाबू के घर 1 मार्च, 1951 को हुआ। जब बिहार कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग कर रहे थे, उस समय देश पर थोपे गए आपातकाल के खिलाफ लड़ाई के बीच जेपी की अगुवाई में आंदोलन में कूदे।यहीं से उन्होंने सरकारी सेवा की जगह राजनीति शुरू कर दी। नीतीश के सियासी करियर ने साल 1985 में करवट ली। इसी साल पहली बार विधानसभा चुनाव जीते, इसके दो साल बाद युवा लोकदल के अध्यक्ष और फिर दो साल बाद जनता दल के महासचिव बने। साल 1989 में पहली बार लोकसभा चुनाव जीते।लक्ष्य को पाने की जिद नीतीश कुमार के स्वाभाव में है, ये उनकी पहचान है। अनदेखी अस्वीकार्य है, यही कारण रह, कि अपनी अनदेखी के कारण लालू प्रसाद का प्रबल समर्थक होने के बाद विरोध शुरू किया। भाजपा ने लालू को शिकस्त देने के लिए पिछड़ी जाति के नीतीश के कंधे पर हाथ रखा। सियासी कद बढ़ने के साथ नीतीश आगे बढ़ते गए। कम बोलना, अवसर के महत्व को समझना, उसकी गंभीरता को आंकना उनके स्वभाव में है। वाजपेयी कार्यकाल (1998 से 2004) में नीतीश का राजनितिक प्रभाव बढ़ा और उन्हें रेल और कृषि जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालय मिले।
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