सूर्य की आराधना का पर्व, सूर्य देव की बहन छठी माता की कृपा का त्यौहार

घर परिवार में सुख-शांति, संपन्नता प्रदान करती हैं छठ मैया

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पाँच पर्वों के त्यौहार दीपावाली के बाद सबको छठ पर्व की प्रतीक्षा है। उत्तर भारत, विशेषकर बिहार, यूपी और झारखंड में यह पर्व/त्यौहार बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है। हालांकि, पूरे देश में छठ पूजा पर कोरोना महामारी का प्रभाव पड़ेगा। सार्वजनिक स्थानों पर कम भीड़ जुटाने की, घर पर ही जल स्रोत बनाकर पूजा अचर्ना करने की अपील की जा रही है।

छठ पूजा की शुरुआत नहाय खाय से होती है, इसके अगले दिन खरना होता है, तीसरे दिन छठ पर्व का प्रसाद तैयार किया जाता है और स्नान कर डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। छठ पर्व के चौथे और आखिरी दिन उगले सूर्य की आराधना की जाती है। इस तरह चार दिवसीय छठ पर्व पूर्ण होता है।


क्यों करते है सूर्य की आराधना-
छठ पूर्व में सूर्य की आराधना का बड़ा महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, छठी माता को सूर्य देवता की बहन माना जाता हैं। कहा जाता है कि छठ पर्व में सूर्य की उपासना करने से छठ माता प्रसन्न होती हैं और घर परिवार में सुख शांति तथा संपन्नता प्रदान करती हैं। छठ पर्व कार्तिक शुक्ल षष्ठी को मनाया जाता है।
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छठ पूजा के मुहूर्त-
20 नवंबर को छठ पर्व का शुभारम्भ होगा। इस दिन सूर्योदय 06:48 बजे तथा सूर्यास्त 05:26 पर होगा। वैसे षष्ठी तिथि एक दिन पहले अर्थात 19 नवंबर की रात्रि 9:58 से लग जाएगी और 20 नवंबर को रात 9:29 बजे तक रहेगी। इसके अगले दिन सूर्य को सुबह अर्घ्य देने का समय छह बजकर 48 मिनट है।

छठ पूजा : किस दिन क्या  
पहला दिन (नहाय खाय)- 
व्रत रखने महिलाएं स्नान करने के बाद नए वस्त्र धारण करती हैं। शाम को शाकाहारी भोजन होती है।
दूसरा दिन (खरना)-
कार्तिक शुक्ल पंचमी को महिलाएं पूरे दिन व्रत रखती हैं और शाम को भोजन करती हैं। शाम को चाव व गुड़ से खीर बनाकर खाई जाती है।
तीसरे दिन (षष्ठी के दिन)-
इस दिन छठ पर्व का प्रसाद बनाया जाता है। अधिकांश स्थानों पर चावल के लड्डू बनाए जाते हैं। प्रसाद व फल बांस की टोकरी में सजाये जाते हैं। टोकरी की पूजा की जाती है। व्रत रखने वाली महिलाएं सूर्य को अर्ग देने और पूजा के लिए तालाब, नदी या घाट पर जाती हैं। स्नान कर डूबते सूर्य की पूजा की जाती है।
चौथे दिन-
सूर्योदय के समय भी सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। पूजा के बाद प्रसाद बांट कर छठ पूजा संपन्न की जाती है। छठ पर्व को लेकर श्रद्धालुओं के द्वारा शकरकंद, लौकी एवं गन्ने की खरीदी की जा रही है। वहीं पर्व को देखते हुए बाजार में इनकी आवक बढ़ गई है।
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छठ पूजा पर अर्ध्य देते योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो)
छठ पूजा पर इस बार 
प्रतिबंध- 
छठ पूजा पर कहीं कहीं प्रतिबंध लगाया गया है। इसका विरोध किया जा रहा है। अधिकांश राज्यों ने सार्वजनिक स्थानों और तालाबों में छठ पूजा मनाने पर रोक लगाई है। स्थानीय प्रशासन का कहना है कि छठ पूजा के दौरान भीड़ जमा होने पर कोरोना संक्रमण का खतरा है। यही कारण है कि लोगों से घरों में ही पूजा करने को कहा जा रहा है।

रेलवे ने चलाई स्पेशल ट्रेनें: छठ पूजा के लिए रेलवे ने विशेष व्यवस्था किए हैं। बिहार और झारखंड के लिए स्पेशल ट्रेनें चलाई हैं, ताकि देश के अलग अलग हिस्सों में रह रहे लोग अपने घर पहुंच सकें।
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आवश्यकता है-
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