करवा चौथ : 16 श्रृंगार करने से आती है सुख और समृद्ध‍ि, ऋग्वेद में भी उल्लेख

अपनी राशि के अनुसार करें श्रृंगार


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"करवा चौथ" के व्रत के साथ इस दिन महिलाएं, युवतियां पूरा श्रृंगार करती हैं। महिलाए श्रृंगार अपनी राशि के अनुसार इस दिन श्रृंगार कर सकती हैं, जो ज्योतिष विज्ञान के अनुसार इस प्रकार है-  
मेष- आपको करवा चौथ पर लाल रंग की साड़ी, सूट या लहंगा पहनना चाहिए। आपके लिए यह शुभ रहेगा।
वृषभ- करवा चौथ पर सिल्वर या लाल रंग के कपड़े पहनने चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से पति के प्यार में कमी नहीं आती है।
मिथुन- इस राशि की महिलाओं को करवा चौथ पर हरे रंग की साड़ी, सूट या लहंगा पहना चाहिए और इसी रंग की चूड़ियां पहनकर पूजा करनी चाहिए। ऐसा करने से आपको बुध देव का आशीर्वाद मिलेगा।
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कर्क- इस राशि की महिलाओं को लाल में सफेद बॉर्डर या सफेद साड़ी में लाल बॉर्डर की साड़ी के साथ रंग-बिरंगी चूड़ियां पहनना आपके लिए शुभ रहेगा।
सिंह- इस राशि की महिलाओं को लाल, नारंगी और गोल्डन रंग के कपड़े पहनकर पूजा कर सकती हैं। ऐसा करने से आपको करवा माता का वरदान जल्द ही मिल सकता है।
कन्या- इस राशि की महिलाओं को करवा चौथ पर लाल, हरा या गोल्डन रंग की साड़ी, सूट या लहंगा पहनकर पूजा करनी चाहिए। ऐसा करने से इन महिलाओं को पूजा का शुभ फल मिल सकता है।
तुला- करवा चौथ पर लाल, सिल्वर या गोल्डन रंग के कपड़े व चूड़ियां पहनकर पूजा करनी चाहिए। ऐसा करने से इन्हें पूजा का शुभ फल तुरंत प्राप्त हो सकता है। करवा चौथ व्रत के इन नियमों के बिना पूरी नहीं होती पूजा, जरूर जान लें। 
वृश्चिक- करवा चौथ पर लाल, मैरून या गोल्डन रंग के कपड़े पहनकर करवा चौथ की पूजा करनी चाहिए। इससे पति-पत्नी के बीच प्यार भी बढ़ेगा।
धनु- इस राशि की महिलाओं को करवा चौथ पर पीले या आसमानी रंग के कपड़े पहनकर पूजा करनी चाहिए। ऐसा करना इन महिलाओं के दांपत्य जीवन में शुभ फल प्रदान कर सकता है।
मकर- 
इस राशि की महिलाओं को करवा चौथ पर नीले रंग के कपड़े पहनकर पूजा करनी चाहिए। ऐसा करने से इनके वैवाहिक जीवन में खुशियां बनी रहेंगी।
कुंभ- करवा चौथ पर नीले या फिर सिल्वर रंग के कपड़े और ज्वैलरी पहनकर पूजा करनी चाहिए। ऐसा करने से इन्हें पूजा का शुभ फल प्राप्त हो सकता है।
मीन- आपको करवा चौथ पर लाल या गोल्डन रंग के कपड़े पहनना शुभ रहेगा। इसके साथ ही गोल्डन कलर की चूड़ियां पहनना भी आपके लिए शुभ रहेगा।
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आवश्यकता है-
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सुख-समृद्ध‍ि, अखंड सौभाग्य का वरदान- 
करवा चौथ पर महिलाओं को 16 श्रृंगार करना चाहिए। ऐसी मान्यता  है, इससे घर में सुख और समृद्ध‍ि आ‍ती है और अखंड सौभाग्य का वरदान भी मिलता है। यही कारण है, भारतीय संस्कृति में सोलह श्रृंगार को जीवन का अहम और अभिन्न अंग माना गया है 16 श्रृंगार में कौन-कौन से श्रृंगार आते हैं ऋग्वेद में भी सौभाग्य के लिए सोलह श्रृंगारों का महत्व बताया गया है

1. बिंदी- संस्कृत भाषा के बिंदु शब्द से बिंदी की उत्पत्ति हुई है. भवों के बीच रंग या कुमकुम से लगाई जाने वाली बिंदी भगवान शिव के तीसरे नेत्र का प्रतीक मानी जाती है. सुहागिन स्त्रियां कुमकुम या सिंदूर से अपने ललाट पर लाल बिंदी लगाना जरूरी समझती हैं. इसे परिवार की समृद्धि का प्रतीक माना जाता है
 

2. सिंदूर- उत्तर भारत में लगभग सभी प्रांतों में सिंदूर को स्त्रियों का सुहाग चिन्ह माना जाता है और विवाह के अवसर पर पति अपनी पत्नी के मांग में सिंदूर भर कर जीवन भर उसका साथ निभाने का वचन देता है


3. काजल- काजल आंखों का श्रृंगार है. इससे आंखों की सुन्दरता तो बढ़ती ही है, काजल दुल्हन और उसके परिवार को लोगों की बुरी नजर से भी बचाता है

4. मेहंदी- मेहंदी के बिना सुहागन का श्रृंगार अधूरा माना जाता है. शादी के वक्त दुल्हन और शादी में शामिल होने वाली परिवार की सुहागिन स्त्रियां अपने पैरों और हाथों में मेहंदी रचाती हैं. ऐसा माना जाता है कि नववधू के हाथों में मेहंदी जितनी गाढ़ी रचती है, उसका पति उसे उतना ही ज्यादा प्यार करता है

5. लाल जोड़ा- उत्तर भारत में आमतौर से शादी के वक्त दुल्हन को शादी का लाल जोड़ा पहनाया जाता है. पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार में फेरों के वक्त दुल्हन को पीले और लाल रंग की साड़ी पहनाई जाती है
 इसी तरह महाराष्ट्र में हरा रंग शुभ माना जाता है और वहां शादी के वक्त दुल्हन हरे रंग की साड़ी मराठी शैली में बांधती हैं करवा चौथ पर भी सुहागिनों को लाल जोड़ा या शादी का जोड़ा पहनने का रिवाज है

6. गजरा- दुल्हन के जूड़े में जब तक सुगंधित फूलों का गजरा न लगा हो तब तक उसका श्रृंगार फीका सा लगता है
 दक्षिण भारत में तो सुहागिन स्त्रियां प्रतिदिन अपने बालों में हरसिंगार के फूलों का गजरा लगाती है. करवा चौथ पर किए जाने वाले 16 श्रृंगार में से एक गजरा भी है

7.मांग टीका- सिंदूर के साथ पहना जाने वाला मांग टीका जहां एक ओर सुंदरता बढ़ाता है, वहीं वह सौभाग्य का भी प्रतीक माना जाता है
 ऐसी मान्यता है कि नववधू को मांग टीका सिर के ठीक बीचों-बीच इसलिए पहनाया जाता है, कि वह शादी के बाद हमेशा अपने जीवन में सही और सीधे रास्ते पर चले और वह बिना किसी पक्षपात के सही निर्णय ले सके

8. नथ- ऐसी मान्यता है कि सुहागिन स्त्री के नथ पहनने से पति के स्वास्थ्य और धन-धान्य में वृद्धि होती है
 इसलिए करवा चौथ के अवसर पर नथ पहनना न भूलें

9. कर्णफूल या कान की बालियां- सोलह श्रृंगार में एक आभूषण कान का भी है. करवा चौथ पर अपना कान सूना ना रखें. उसमें सोने की बालियां जरूर पहनें


10. हार या मंगलसूत्र- दसवां श्रृंगार है मंगलसूत्र या हार
 सुहागिनों के लिए मंगलसूत्र और हार को वचनबद्धता का प्रतीक माना जाता है सौभाग्य का भी प्रतीक माना जाता है

11. आलता- नई दुल्हनों के पैरों में आलता देखा होगा आपने. इसका विशेष महत्व है
 एक ये श्रृंगार भी जरूरी है करवा चौथ के दिन

12. चूड़ियां- सुहागिनों के लिए सिंदूर की तरह ही चूड़ियों का भी महत्व है

13. अंगूठी- अंगूठी को 16 श्रृंगार का अभिन्न हिस्सा माना गया है

14. कमरबंद- कमरबंद इस बात का प्रतीक है कि सुहागन अब अपने घर की स्वामिनी है


15. बिछुआ- पैरों के अंगूठे में रिंग की तरह पहने जाने वाले इस आभूषण को अरसी या अंगूठा कहा जाता है और दूसरी उंगलियों में पहने जाने वाले रिंग को बिछुआ

16. पायल- माना जाता है कि सुहागिनों का पैर खाली नहीं होना चाहिए
 उन्हें पैरों में पायल जरूर पहनना चाहिए
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