अर्थव्यवस्था को 2.65 लाख करोड़ रु, 26 क्षेत्रों को ऋण गारंटी समर्थन

10 क्षेत्रों में उत्पादन संबद्ध प्रोत्साहन योजना


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दीपावाली से पहले आत्मनिर्भर भारत प्रोत्साहन के तीसरे चरण के अंतर्गत 12 नए उपायों की घोषणा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने की। आज (12 नवंबर) वित्त मंत्री ने अर्थव्यवस्था सुधारने इन प्रयासों के अंतर्गत 2.65 लाख करोड़ रुपये व्यय करने की घोषणा की। प्रमुख घोषणा में संकट का सामना कर रहे 26 क्षेत्रों को ऋण गारंटी समर्थन देना सम्मिलित है। सरकार ने स्वास्थ्य क्षेत्र पर विशेष जोर दिया है।

संगठित एवं असंगठित क्षेत्रों में रोजगार सृजन, रियल एस्टेट कंपनियों और खरीदारों के लिए कर राहत, ढांचागत क्षेत्र में पूंजी निवेश करने से जुड़ी शर्तें आसान बनाने की घोषणा की। किसानों की स्थिति सुधारने के लिए सरकार ने उन्हें उर्वरक सब्सिडी देने का भी निर्णय लिया है।

प्रोत्साहन के चौथे चरण (कुल 2.65 लाख करोड़ रु) में 10 क्षेत्रों के लिए उत्पादन संबद्ध प्रोत्साहन योजना भी सम्मिलित है, जिसपर केंद्रीय मंत्रिमंडल बुधवार को स्वीकृति दे चुका है। यह योजना अगले पांच वर्षों के लिए प्रभावी रहेगी और इस पर करीब 1.46 लाख करोड़ रुपये व्यय किए जाएंगे।
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- बिजली वितरण क्षेत्र के लिए, 17 राज्‍यों और केन्‍द्रशासित प्रदेशों को ऋण के रूप में एक लाख 18 हजार करोड रूपये से अधिक की राशि स्‍वीकृत की जा चुकी है। 
- सड़क परिवहन मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय को अतिरिक्‍त पूंजी खर्च के लिए 25 हजार करोड रूपये की अतिरिक्‍त राशि उपलब्‍ध कराई गई। 
-11 राज्‍यों को पूंजी व्‍यय के लिए ब्‍याजमुक्‍त ऋण के रूप में 3,621 करोड रूपये उपलब्‍ध कराई गई।   
- कोविड से उबरने, रोजगार के नए अवसर बढ़ाने "आत्‍मनिर्भर भारत" के अंतर्गत केन्‍द्र सरकार इस वर्ष पहली अक्‍टूबर के बाद नए पात्र कर्मचार‍ियों के लिए दो वर्ष तक सब्‍सिडी देगी, जिसे इन के आधार से जुड़े ईपीएफओ खाते में जमा किया जाएगा।
- आत्‍मनिर्भर भारत अभियान के तहत सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम क्षेत्र के लिए मौजूदा आपात ऋण गारंटी योजना की अवधि अगले वर्ष 31 मार्च तक बढ़ा दी गई। योजना में अब तक दो लाख करोड़ रुपए की राशि 61 लाख कर्जदारों के लिए स्‍वीकृत जा चुकी है।
- उत्‍पादन से जुड़ी प्रोत्‍साहन योजनाओं को लेकर, अर्थव्‍यवस्‍था और रोजगार को बढ़ावा देने तीन क्षेत्रों के लिए, 51 हजार करोड़ रुपए से अधिक लागत की इस योजना को स्वीकृति दी गई।  

मई में राहत उपायों प्रभावी नहीं हुए-
इससे पहले सरकार ने आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत बीते मई में जिन उपायों की घोषणा की, ताजा उपाय उसी का हिस्सा है। हालांकि, पहले उठाए कदमों से अर्थव्यवस्था में मांग बढ़ाने में बहुत सहायक नहीं हुए। वित्त मंत्री सीतारमण ने बुधवार को नए उपायों की घोषणा करते हुए कहा- 'प्रोत्साहन संबंधी घोषणाओं के सिलसिले में मैं कुछ नए उपायों की घोषणा करना चाहूंगी। कई आर्थिक संकेतक देश की अर्थव्यवस्था में धीरे-धीरे सुधार आने की झलक दे रहे हैं।'
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