आज 22 नवंबर : प्रमुख समाचार पत्रों की "हेड लाइन्स"

आयुर्वेद चिकित्सक भी करेंगे हड्डी, नाक-कान की  सर्जरी


(धर्म नगरी / DN News
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जम्‍मू-कश्मीर के नगरोटा में आतंकी हमले की साजिश को नाकाम किये जाने के बाद पाकिस्तान को दिया गया कड़ा संदेश आज इसे सभी समाचार पत्रों ने प्रमुखता से दिया है। राष्ट्रीय सहारा ने सुर्खी दी है - नापाक हरकत पर भारत सख्त। नगरोटा के पाकिस्तानी कनेक्शन पर पाक उच्चायोग के अधिकारी तलब, सख्त विरोध जताया। वहीं दैनिक जागरण ने लिखा है- नगरोटा में पाक साजिश के पुख्ता सबूत। वीर अर्जुन ने सुर्खी दी है- नगरोटा मुद्दे पर सरकार सख्त। हिन्दुस्तान ने अपने पहले पन्ने पर दिया है- नगरोटा मुठभेड़ पर पाक को चेताया, पाकिस्तानी दूतावास के कार्यकारी तलब, कहा- आतंकी गतिविधियां बंद करे। 

कोरोना संकट के बीच शुरू हुए 15वें जी-20 शिखऱ सम्मेलन में गूंजा मोदी मंत्र- वीर अर्जुन के पहले पन्ने पर है। वहीं, हिन्दुस्तान ने संवाद शीर्षक से दिया है- प्रधानमंत्री मोदी ने कहा- कोरोना द्वितीय विश्व युद्ध जैसी चुनौती। 
तेजी से बढ़ते कोरोना मामलों को देखते हुए दिल्ली के बाद एनसीआर के शहरों में भी कड़े कदम उठाये जा रहे हैं। नोएडा, गाजियाबाद में शादियों में सौ से ज्यादा लोगों पर रोक को आज के सभी समाचार पत्रों ने दिया है। 

आयुर्वेद के डॉक्टर अब कर सकेंगे बड़ी सर्जरी- आज के सभी अखबारों ने अपने पहले पन्ने पर इस खबर को प्रमुखता से दिया है। अमर उजाला ने लिखा है - आयुर्वेद चिकित्सक भी हड्डी, नाक-कान की कर सकेंगे सर्जरी। केंद्र ने दी मंजूरी। पाठ्यक्रम में जोड़ी जायेगी प्रशिक्षण की प्रक्रिया। दैनिक जागरण लिखता है - वैद्य अब ऑपरेशन के जरिये भी करेंगे इलाज। पंजाब में दो महीने से ठप्प पड़ी रेल सेवाएं बहाल होने के आसार को भी अखबारों ने अपने पहले पन्ने पर जगह दी है। दैनिक ट्रिब्यून की सुर्खी है - कल पटरियों से हटेंगे किसान। नवभारत टाइम्स लिखता है- पंजाब के किसान माने, कल से चल सकेंगी रेलगाड़ियां। 

राजपथ पर होने वाले गणतंत्र दिवस समारोह में इस बार कोरोना का असर देखने को मिलेगा, सभी समाचार पत्रों ने इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया है। नवभारत टाइम्स लिखता है - 26 जनवरी की परेड भी सोशल दूरी के साथ। परेड देखने के लिए टिकट की व्यवस्था को भी खत्म किया जा सकता है। हैदराबाद के 14 वर्षीय अगस्त जायसवाल सबसे कम उम्र में स्नातक की पढ़ाई करने वाले देश के पहले छात्र बने। उस्मानिया यूनिवर्सिटी से की पढ़ाई। प्राप्त की जर्नलिज्म की डिग्री, हरिभूमि में है। हिन्दू देवी अन्नपूर्णा की अनोखी मूर्ति लौटाएगा कनाडा - जनसत्ता ने दिया है। जिसे एक सदी से अधिक समय पहले भारत से चुरा कर लाया गया था।

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आयुर्वेद के डॉक्टर भी सर्जरी कर सकेंगे-
देश में अब आयुर्वेद के डॉक्टर भी रोगियों की सर्जरी कर सकेंगे। भारत सरकार ने आयुर्वेद के स्नातकोत्तर (पीजी) छात्रों को सामान्य सर्जरी की अनुमति दे दी है। इसके अंतर्गत डॉक्टर हड्डी रोग, नेत्र विज्ञान, नाक-कान-गला (ईएनटी) और दांतों से जुड़ी सर्जरी कर सकेंगे। सरकार की अधिसूचना के अनुसार, आयुर्वेदिक अध्ययन के पाठ्यक्रम में सर्जिकल प्रक्रिया के लिए प्रशिक्षण मॉड्यूल को जोड़ा जाएगा। इसके लिए अधिनियम का नाम बदलकर भारतीय चिकित्सा केंद्रीय परिषद (स्नातकोत्तर आयुर्वेद शिक्षा) संशोधन विनियम, 2020 कर दिया गया है।

लंबे समय से थी एलोपैथी के समान अधिकार की माँग- 
 देश में आयुष चिकित्सा की प्रैक्टिस कर रहे डॉक्टरों की ओर से लंबे समय से एलोपैथी के समान अधिकार देने की मांग हो रही थी। नए नियमों के अनुसार, आयुर्वेद के छात्र पढ़ाई के मध्य ही शल्य (सर्जरी) और शालक्य चिकित्सा को लेकर प्रशिक्षित किए जाएंगे। छात्रों को शल्य-चिकित्सा की दो धाराओं में प्रशिक्षित किया जाएगा और उन्हें एमएस (आयुर्वेद) जनरल सर्जरी और एमएस (आयुर्वेद) शालक्य तंत्र (नेत्र, कान, नाक, गला, सिर और सिर-दंत चिकित्सा का रोग) जैसी शल्य तंत्र की उपाधियों से सम्मानित भी किया जाएगा।

वहीं, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) का मानना है, इस तरह की अनुमति से चिकित्सा वर्ग में खिचड़ी हो जाएगी। IMA अध्यक्ष डॉ. राजन शर्मा का कहना है, मिश्रित पैथी से देश में हाइब्रिड डॉक्टरों को बढ़ावा मिलेगा। वहीं, इंटीग्रेटेड मेडिकल एसोसिएशन (आयुष) के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. आर पी पाराशर का कहना है, कि मोदी सरकार ने आयुष चिकित्सा को बढ़ावा देने को लेकर शुरू से संतोषजनक काम किया है। नया आदेश वर्तमान में देश की चिकित्सीय व्यवस्था के लिए बेहतर साबित हो

सर्जरी आयुर्वेद की देन-
इंटीग्रेटेड मेडिकल एसोसिएशन (आयुष) के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. आरपी पाराशर का कहना है, 'विश्व के पहले सर्जन सुश्रुत थे जो आयुर्वेद चिकित्सा से जुड़े थे। विश्व में सर्जरी आयुर्वेद की देन है। ऐसे में सरकार अनुमति देती भी है तो इससे किसी भी पैथी को संकट नहीं है। यह अधिकार आयुर्वेद का है और उसे अब मोदी सरकार ने दिलाया है।'


कुल 58 तरह की सर्जरी करेंगे-
भारतीय चिकित्सा केंद्रीय परिषद (Central Council Of Indian Medicine) ने नोटिफिकेशन में कहा है, आयुर्वेद के डॉक्टर भी कुल 58 तरह की सर्जरी करेंगे। उन्हें जनरल सर्जरी (सामान्य चीर-फाड़), ENT (नाक, कान, गला), ऑप्थेलमॉलजी (आंख), ऑर्थो (हड्डी) और डेंटल (दांत) से संबंधी बीमारियों के इलाज के लिए जरूरी सर्जरी कर पाएंगे। भारतीय चिकित्सा संघ (IMA) ने आयुर्वेद डॉक्टरों को दिए इस अधिकार का पुरजोर विरोध किया है। निर्णय को मेडिकल संस्थानों में चोर दरवाजे से एंट्री का प्रयास बताते हुए कहा, ऐसे में NEET जैसी परीक्षा का कोई महत्व नहीं रह जाएगा। इसके साथ ही, संस्था ने इस नोटिफिकेशन को वापस लेने की मांग की।

लक्ष्मणरेखा लांघने का परिणाम होगा घातक: IMA
IMA ने CCIM के इस निर्णय को एकतरफा और उद्दंडतापूर्ण बताया है। उसने आयुर्वेदिक डॉक्टरों को सर्जरी के अयोग्य बताते हुए CCIM की कड़ी आलोचना की है। संस्था द्वारा बयान में कहा गया, 'IMA ने लक्ष्मण रेखा खींच रखी है जिसे लांघने पर घातक परिणाम सामने आएंगे।' उसने आगे कहा, 'आईएमए, काउंसिल को सलाह देता है कि वो प्राचीन ज्ञान के आधार पर सर्जरी का अपना तरीका इजाद करे और उसमें आधुनिक चिकित्सा शास्त्र पर आधारित प्रक्रिया से बिल्कुल दूर रहे।'

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"जी-20 शिखर सम्‍मेलन : दुनिया के लिए बनें नया वैश्विक सूचकांक"  

कोरोना महामारी मानव इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ है और दूसरे विश्व युद्ध के बाद की सबसे बड़ी चुनौती है। जी-20 देशों को अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने, रोजगार और व्यापार को चर्चा तक सीमित न रखकर पृथ्वी के संरक्षण पर भी विमर्श करना चाहिए। 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह बात जी-20 देशों के 15वें वर्चुअल शिखर सम्मेलन में कही, जिसका आयोजन सऊदी अरब ने किया है। 

कोरोना से उबरने के बाद नया वैश्विक सूचकांक बनाने की आवश्यकता होगी, जिसमें प्रतिभाओं का विशाल पूल हो, तकनीक की पहुंच समाज के हर वर्ग तक हो, पारदर्शी शासन व्यवस्था हो और पृथ्वी के संरक्षण का भाव हो। इन चारों बातों का ध्‍यान में रखकर ही जी-20 के देश एक नए विश्व की आधारशिला रख सकते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, पिछले दशकों में पूंजी और वित्त पर अधिक जोर रहा है, लेकिन अब कौशल पर जोर देने का समय है ताकि प्रतिभाओं का विशाल पूल तैयार हो सके।

शासन व्यवस्था में पारदर्शिता बढ़ाने की अपील करते हुए PM 
मोदी ने कहा, हमें स्वयं को पर्यावरण और प्रकृति का स्वामी न समझकर उसका संरक्षक बनना चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया, अब घर से ही काम को निपटाना व्यवहार में आ गया है, इसलिए जी-20 देशों को एक वर्चुअल सचिवालय का गठन करना चाहिए, जिसमें दस्तावेजों का संग्रहण हो सकें। आज (22 नवंबर) को जी-20 शिखर सम्मेलन के समापन दिवस पर घोषणापत्र जारी किया जाएगा और समूह की अध्यक्षता इटली को सौंपी जाएगी।

Newspaper Head lines (22 Nov) Sunday 2020-

The Asian Age and Sunday Pioneer carry almost identical headlines, "Stop backing terror: India to Pak after foiled Jaish attack" India pulls up Pak envoy on J&K plot, headlines Hindustan Times.

At G20, PM calls for a new global index in post-pandemic world, writes The Sunday Express. The Sunday Statesman quotes him as saying that India aims to reduce carbon footprint by 35%. Sunday Pioneer reports that 57 trainee civil service officers have tested Covid positive at Mussoorie Centre. Weather experts predict colder than normal winter as La Nina takes hold, reports Hindustan Times.

The Asian Age carries the disturbing news of 'Tiger State' Madhya Pradesh losing 25 big cats in 11 months.

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