भतीजे की दादागिरी खत्म करने, बांग्लादेशी घुसपैठियों को हटाने के लिए होगा बदलाव : अमित शाह
नरेंद्र मोदी को एक मौका दीजिए, पांच साल में 'सोनार बांग्ला' बना देंगे -अमित शाह
(धर्म नगरी / DN News) वाट्सएप- 6261868110
पश्चिम बंगाल विधानसभा में 294 सीटें हैं, जिनमे 211 जीत्तकर ममता की TMC सरकार बनाई। अगले साल होने वाले प्रदेश के चुनाव के लिए इसबार भाजपा ने अपनी शक्ति लगा दी, जिससे प्रदेश में चुनाव प्रचार, आरोप-प्रत्यारोप में तेजी आ गई है। वहीं, पश्चिम बंगाल के दो-दिवसीय दौरे में ताबड़तोड़ सभा एवं कार्यक्रम के बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आज शाम प्रेस कांफ़्रेंस को सम्बोधित किया।
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Bauls are the perfect reflection of our rich and versatile Bengali culture, best known for their songs and poems to God who dwells within. Thank you Basudeb Das ji for your incredible hospitality, I am truly mesmerised.
गृह मंत्री अमित शाह बंगाल दौरे के दूसरे दिन बीरभूम में ति निकेतन स्थित विश्वभारती यूनिवर्सिटी पहुंचे। गुरुदेव रवींद्र नाथ टैगोर को श्रद्धांजलि दी. अमित शाह ने बीरभूम में बाउल गायक के घर दोपहर का भोजन किया। इसके बाद बोलपुर में अमित शाह ने रोड शो किया। रोड शो में उमड़े जनसैलाब को देखकर अमित शाह ने कहा कि उन्होंने ऐसा रोड शो जीवन में नहीं देखा है। शाह ने कहा कि बंगाल की जनता अब बदलाव चाहती है।
भारत में हर साल देश के किसी न किसी हिस्से में लोकतंत्र का त्योहार मनाया जाता है। 2020 में बिहार चुनाव हुए। जहां पर एनडीए ने बाजी मार ली। हालांकि बिहार के ये चुनाव हर बार की तरह नहीं थे इस बार एनडीए को सत्ता हासिल करने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ी। अब 2021 में सबकी निगाहें पश्चिम बंगाल (West Bengal Poll 2021) में टिकी हुई हैं। पश्चिम बंगाल में वाम मोर्चा ने दशकों तक राज किया। उसके बाद ममता बनर्जी ने आकर सियासत में बड़ा फेरबदल किया और तब से वो सत्ता पर काबिज हैं। मगर अब ममता दीदी भी परेशान होंगी क्योंकि अब उनके अपने भी साथ छोड़ते जा रहे हैं।
पहली बार 1 दिन में इतना टूटी TMC -
तृणमूल कांग्रेस से एक दिन में सर्वाधिक नेताओं के पार्टी छोड़ने के घटनाक्रम में शनिवार को दिग्गज नेता शुभेंदु अधिकारी और पांच विधायकों एवं एक सांसद समेत 34 अन्य नेताओं ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में भाजपा का झंडा थाम लिया। शाह ने इस मौके पर दावा किया कि पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव आने तक मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपनी पार्टी में अकेली रह जाएंगी। वहीं तृणमूल कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने भी आशंका जताई कि आने वाले समय में और पार्टी नेता भाजपा में शामिल हो सकते हैं।
लेफ्ट पार्टी भी टूट रही-
बर्द्धमान पूर्व लोकसभा सीट से दो बार के तृणमूल कांग्रेस सांसद सुनील मंडल ने भी भाजपा का दामन थाम लिया। वह पिछले कुछ दिनों से मुखर तरीके से तृणमूल नेतृत्व के साथ अपने मतभेदों पर बोल रहे थे। मंडल पहले वाम मोर्चा के घटक ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक के विधायक थे और 2014 में तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गये थे। मेदिनीपुर के कॉलेज ग्राउंड में आयोजित विशाल रैली में तृणमूल कांग्रेस विधायक बनश्री मैती, शीलभद्र दत्ता, बिस्वजीत कुंडू, शुक्र मुंडा और सैकत पांजा ने भाजपा का झंडा थामा।
(धर्म नगरी / DN News) वाट्सएप- 6261868110
पश्चिम बंगाल विधानसभा में 294 सीटें हैं, जिनमे 211 जीत्तकर ममता की TMC सरकार बनाई। अगले साल होने वाले प्रदेश के चुनाव के लिए इसबार भाजपा ने अपनी शक्ति लगा दी, जिससे प्रदेश में चुनाव प्रचार, आरोप-प्रत्यारोप में तेजी आ गई है। वहीं, पश्चिम बंगाल के दो-दिवसीय दौरे में ताबड़तोड़ सभा एवं कार्यक्रम के बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आज शाम प्रेस कांफ़्रेंस को सम्बोधित किया।
WB के दो-दिवसीय दौरे के बाद रविवार शाम प्रेस कांफ़्रेंस में बोलते हुए अमित शाह |
प्रेस कांफ़्रेंस में अमित शाह ने कहा-
मां, माटी, मानुष का नारा लेकर चलने वाले टोलबाजी, तुष्टिकरण, तानाशाही में अटक कर रह गए हैं।
मां, माटी, मानुष का नारा लेकर चलने वाले टोलबाजी, तुष्टिकरण, तानाशाही में अटक कर रह गए हैं।
एक पारिवारिक पार्टी बनकर टीएमसी बनकर रह गई है।
राजनीतक हिंसा चरम पर 300 से अधिक भाजपा के कार्यकर्ता मारे गए, भ्रष्टाचार भी चरम पर है
"...कई रोड शो किए हैं और देखे हैं, लेकिन ऐसा रोड़ शो उन्होंने जीवन में नहीं देखा है ...आज साफ हो गया है कि बंगाल की जनता परिवर्तन चाहती है...जनता तय कर चुकी है अगली बार बीजेपी को सत्ता देगी...ममता दीदी के प्रति लोगों का गुस्सा दिख रहा है..."
"बंगाल में लोगों के मन में पीएम मोदी के मन में प्यार दिख रहा है... अगले चुनाव में भतीजे की दादागिरी को खत्म करने के लिए बदलाव होगा, बांग्लादेश में घुसपैठियों को हटाने के लिए बदलाव होगा... (भारत माता की जय, जय श्री राम के नारे के बीच)... लोगों ने पोरिबर्तन का फैसला कर लिया है, लेकिन ये बदलाव सिर्फ व्यक्ति का बदलाव नहीं है, ये बदलाव बंगाल के विकास के लिए होगा... घुसपैठ रोकने के लिए बदलाव होगा... राजनीतिक हिंसा खत्म करने के लिए बदलाव होगा... ये टोलबाजी के खिलाफ बदलाव होगा. टोलबाजी बंद करने के लिए बदलाव होगा..."
"...क्या अगली बार बीजेपी को वोट देंगे (लोगों से पूछते हुए अमित शाह)...? ...आप हमें वोट दीजिए हम आपको वोट देंगे और बंगाल को विकास के रास्ते पर ले जाएंगे (विशाल भीड़ के हुंकार का जवाब देते हुए)... हम बंगाल को बोस बाबू और टैगोर बाबू के सपनों का बंगाल बनाएंगे..." -अमित शाह (TMC के किले बोलपुर में रोड शो में भीड़ को देखकर)---
1998 के बाद अब 2020 में पहली बार इतनी तेजी से बिखरी TMC
कहीं ये मोह ले न डूबे ममता दीदी को !
2011 में अपने दम बंगाल में सरकार बनाई और पहली बार सीएम बनीं
1998 में कांग्रेस ने नाता तोड़कर अपनी पार्टी तृणमूल कांग्रेस का गठन किया
कहीं ये मोह ले न डूबे ममता दीदी को !
2011 में अपने दम बंगाल में सरकार बनाई और पहली बार सीएम बनीं
1998 में कांग्रेस ने नाता तोड़कर अपनी पार्टी तृणमूल कांग्रेस का गठन किया
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"धर्म नगरी" की सदस्यता लेने अथवा अपनी शुभकामना के साथ अपनों को "अपने नाम से" धर्म नगरी भिजवाने 6261868110 पर सम्पर्क करें। ईमेल- dharm.nagari@gmail.com ध्यान दें। "धर्म नगरी" का प्रकाशन व्यवसायिक है, इसलिए आपके कहने (पूछने) पर आपके दिए आर्थिक सहयोग का हिसाब भी देते है। हमें आपसे, आपके परिचित सनातन हिन्दू को सहयोग करने हेतु करें। धन्यवाद -प्रबन्ध सम्पादक
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गृह मंत्री अमित शाह बंगाल दौरे के दूसरे दिन बीरभूम में ति निकेतन स्थित विश्वभारती यूनिवर्सिटी पहुंचे। गुरुदेव रवींद्र नाथ टैगोर को श्रद्धांजलि दी. अमित शाह ने बीरभूम में बाउल गायक के घर दोपहर का भोजन किया। इसके बाद बोलपुर में अमित शाह ने रोड शो किया। रोड शो में उमड़े जनसैलाब को देखकर अमित शाह ने कहा कि उन्होंने ऐसा रोड शो जीवन में नहीं देखा है। शाह ने कहा कि बंगाल की जनता अब बदलाव चाहती है।
गृह मंत्री अमित शाह ने तृणमूल के किले बोलपुर में आज रविवार (20 दिसंबर) रोड शो किया। बोलपुर में ममता से पहले 43 साल तक कम्युनिस्टों का कब्जा रहा है। शाह का बंगाल दौरा आज खत्म हो जाएगा और वे शाम को दिल्ली रवाना हो जाएंगे।
बांग्लादेश से घुसपैठ को बनाया चुनावी मुद्दा-
अमित शाह ने कहा- "ये परिवर्तन बंगाल के विकास के लिए होने जा रहा है। ये परिवर्तन बांग्लादेश से होने वाली घुसपैठ को रोकने के लिए है। ये परिवर्तन राजनीतिक हिंसा को खत्म करने के लिए है। ये परिवर्तन टोलबाजी खत्म करने के लिए है।"
"...तृणमूल कांग्रेस का ‘मां, माटी, मानुष’ का नारा ‘वसूली, भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद’ में तब्दील हो गया है। विधानसभा चुनाव में 200 से ज्यादा सीटें जीत कर भाजपा राज्य में अगली सरकार बनाएगी। जिस तरह से नेता आपकी पार्टी को छोड़ कर जा रहे हैं, चुनाव आने तक ममता बनर्जी तृणमूल कांग्रेस में अकेली रह जाएंगी..."
-गृह मंत्री अमित शाह
पत्ते, मिट्टी के बर्तन में शाह ने खाए पके चावल-
बांग्लादेश से घुसपैठ को बनाया चुनावी मुद्दा-
अमित शाह ने कहा- "ये परिवर्तन बंगाल के विकास के लिए होने जा रहा है। ये परिवर्तन बांग्लादेश से होने वाली घुसपैठ को रोकने के लिए है। ये परिवर्तन राजनीतिक हिंसा को खत्म करने के लिए है। ये परिवर्तन टोलबाजी खत्म करने के लिए है।"
"...तृणमूल कांग्रेस का ‘मां, माटी, मानुष’ का नारा ‘वसूली, भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद’ में तब्दील हो गया है। विधानसभा चुनाव में 200 से ज्यादा सीटें जीत कर भाजपा राज्य में अगली सरकार बनाएगी। जिस तरह से नेता आपकी पार्टी को छोड़ कर जा रहे हैं, चुनाव आने तक ममता बनर्जी तृणमूल कांग्रेस में अकेली रह जाएंगी..."
-गृह मंत्री अमित शाह
पत्ते, मिट्टी के बर्तन में शाह ने खाए पके चावल-
शाह अपने दौरे के दूसरे दिन शांति निकेतन पहुंचे। रविंद्र नाथ टैगोर को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद विश्वभारती विश्वविद्यालय में कार्यक्रम में समितित हुए। शाह ने बोलपुर में एक बाउल सिंगर के घर खाना खाया। खास डिश मिट्टी के बर्तन में पके चावल थे। इस अवसर उनके साथ मुकुल राय, दिलीप घोष भी थे।
TMC का एक धड़ा क्यों है रुष्ट ?
तृणमूल कांग्रेस से एक दिन में सर्वाधिक नेताओं के पार्टी छोड़ने के घटनाक्रम में शनिवार (19 दिसंबर) को दिग्गज नेता शुभेंदु अधिकारी और पांच विधायकों एवं एक सांसद समेत 34 अन्य नेताओं ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में भाजपा का झंडा थाम लिया। ममता बनर्जी भले ही बार-बार कहती रहें, कि उनको इन नेताओं के जाने से कोई फर्क नहीं पड़ता मगर असल दर्द तो उनके दिल में होगा ही। जिनसे बैठकर वो कभी राज्य की सियासती चर्चे किया करती थी वो अब उनपर ही आरोप लगा रहे हैं। मगर ये सब एक दिन में नहीं हुआ। इसके लिए कहीं न कहीं ममता बनर्जी भी जिम्मेदार हैं। स्थानीय सूत्रों और टीएमसी के बागी नेताओं की मानें तो तृणमूल के मंत्रियों, विधायकों, सांसदों और जमीनी कार्यकर्ताओं के एक धड़े में उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी और चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर को लेकर नाराजगी है। इन नेताओं का आरोप है कि ये दोनों पार्टी को मनमाने तरीके से चला रहे हैं।
TMC का एक धड़ा क्यों है रुष्ट ?
तृणमूल कांग्रेस से एक दिन में सर्वाधिक नेताओं के पार्टी छोड़ने के घटनाक्रम में शनिवार (19 दिसंबर) को दिग्गज नेता शुभेंदु अधिकारी और पांच विधायकों एवं एक सांसद समेत 34 अन्य नेताओं ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में भाजपा का झंडा थाम लिया। ममता बनर्जी भले ही बार-बार कहती रहें, कि उनको इन नेताओं के जाने से कोई फर्क नहीं पड़ता मगर असल दर्द तो उनके दिल में होगा ही। जिनसे बैठकर वो कभी राज्य की सियासती चर्चे किया करती थी वो अब उनपर ही आरोप लगा रहे हैं। मगर ये सब एक दिन में नहीं हुआ। इसके लिए कहीं न कहीं ममता बनर्जी भी जिम्मेदार हैं। स्थानीय सूत्रों और टीएमसी के बागी नेताओं की मानें तो तृणमूल के मंत्रियों, विधायकों, सांसदों और जमीनी कार्यकर्ताओं के एक धड़े में उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी और चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर को लेकर नाराजगी है। इन नेताओं का आरोप है कि ये दोनों पार्टी को मनमाने तरीके से चला रहे हैं।
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आवश्यकता है- "धर्म नगरी" का विस्तार हर जिले में हो रहा है, इस हेतु संरक्षक सम्पादक की आवश्यकता है। साथ ही शहरी (वार्ड, कालोनी तक) व ग्रामीण (पंचायत, ब्लॉक स्तर तक) क्षेत्रों में स्थानीय प्रतिनिधि, अंशकालीन रिपोर्टर की तुरंत आवश्यकता है। प्रमुख जिलों, तीर्थ नगरी एवं राज्य की राजधानी में पार्टनर एवं ब्यूरो चीफ नियुक्त करना है। योग्यता- राष्ट्रवादी विचारधारा एवं सक्रियता। वेतन- अनुभवानुसार एवं कमीशन योग्यतानुसार होगा। सम्पर्क- वाट्सएप- 6261868110 ईमेल- dharm.nagari@ gmail.com
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भारत में हर साल देश के किसी न किसी हिस्से में लोकतंत्र का त्योहार मनाया जाता है। 2020 में बिहार चुनाव हुए। जहां पर एनडीए ने बाजी मार ली। हालांकि बिहार के ये चुनाव हर बार की तरह नहीं थे इस बार एनडीए को सत्ता हासिल करने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ी। अब 2021 में सबकी निगाहें पश्चिम बंगाल (West Bengal Poll 2021) में टिकी हुई हैं। पश्चिम बंगाल में वाम मोर्चा ने दशकों तक राज किया। उसके बाद ममता बनर्जी ने आकर सियासत में बड़ा फेरबदल किया और तब से वो सत्ता पर काबिज हैं। मगर अब ममता दीदी भी परेशान होंगी क्योंकि अब उनके अपने भी साथ छोड़ते जा रहे हैं।
पहली बार 1 दिन में इतना टूटी TMC -
तृणमूल कांग्रेस से एक दिन में सर्वाधिक नेताओं के पार्टी छोड़ने के घटनाक्रम में शनिवार को दिग्गज नेता शुभेंदु अधिकारी और पांच विधायकों एवं एक सांसद समेत 34 अन्य नेताओं ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में भाजपा का झंडा थाम लिया। शाह ने इस मौके पर दावा किया कि पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव आने तक मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपनी पार्टी में अकेली रह जाएंगी। वहीं तृणमूल कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने भी आशंका जताई कि आने वाले समय में और पार्टी नेता भाजपा में शामिल हो सकते हैं।
लेफ्ट पार्टी भी टूट रही-
बर्द्धमान पूर्व लोकसभा सीट से दो बार के तृणमूल कांग्रेस सांसद सुनील मंडल ने भी भाजपा का दामन थाम लिया। वह पिछले कुछ दिनों से मुखर तरीके से तृणमूल नेतृत्व के साथ अपने मतभेदों पर बोल रहे थे। मंडल पहले वाम मोर्चा के घटक ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक के विधायक थे और 2014 में तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गये थे। मेदिनीपुर के कॉलेज ग्राउंड में आयोजित विशाल रैली में तृणमूल कांग्रेस विधायक बनश्री मैती, शीलभद्र दत्ता, बिस्वजीत कुंडू, शुक्र मुंडा और सैकत पांजा ने भाजपा का झंडा थामा।
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