कश्मीर पहली बार हुई भगवामय, प्रत्याशियों के निकले पाक व PoK से लिंक


जम्मू-कश्मीर में सम्पन्न जिला विकास परिषद (DDC) चुनावों में अबतक का कुल वोट शेयर-

भाजपा 38.74 %, गुपकार गठबंधन 32.96 %

- भाजपा को मिले कुल 4,87,364 वोट
- एनसी, PDP, कांग्रेस का कुल वोट 4,77,000
- जम्मू-कश्मीर में डीडीसी चुनाव ने केंद्र सरकार को दी बड़ी उम्मीद
- DDC चुनाव में बड़े पैमाने पर स्थानीय लोगों और दलों ने लिया हिस्सा
आम लोगों ने बड़ी संख्या में चुनावी प्रक्रिया के दौरान डाले वोट
जिला विकास परिषद के बाद खुले विधानसभा चुनाव के भी रास्ते


घाटी से भाजपा के विजयी प्रत्याशी एजाज हुसैन   

(धर्म नगरी / DN News) वाट्सएप- 6261868110 
राजेश पाठक*
जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद-370 के हटने के बाद J&K संपन्न  पहले डीडीसी चुनाव में गुपकार गठबंधन और भाजपा में कांटे की टक्कर देखने को मिली। पिछले छह साल की कोशिशों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मिशन कश्मीर का रंग जिला विकास परिषद (DDC) चुनावों में सफल हो गया। हालांकि, डीडीसी चुनाव में भाजपा 75 सीटों पर जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। नेशनल कांफ्रेंस ने 67 और पीडीपी को 27 सीटों पर जीत मिली है। साथ ही गठबंधन के अन्य दलों के प्रत्याशियों भी जीते है।

चुनाव ने अपने परिणाम के बाद केंद्र की मोदी सरकार को एक सकारात्मक उम्मीद दी है। कभी चुनावी बहिष्कार के दिन देख चुके जम्मू-कश्मीर में जिला विकास परिषद के इलेक्शन में लोगों की भागीदारी देखने से केंद्र सरकार उत्साहित है, वहीं सरकार को 370 के अंत के बाद आए इस चुनाव परिणाम से राज्य का जीवन पटरी पर लौटता दिख रहा है। ऐसा चुनाव परिणाम 370 समाप्त होने के बाद घाटी में उमड़ी अनिश्चितता और तमाम राजनीतिक बयान आने के बाद है।  

भाजपा ने घाटी में जीत दर्ज कर भाजपा ने इतिहास रचा है। भाजपा के लिए घाटी में जीत काफी महत्व रखती है। दल के हिसाब से देखा जाए, तो भाजपा 75 सीटों पर जीत दर्ज कर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। कश्मीर पहली बार भगवामय हुई, जहां भाजपा तीन सीटें जीतने में सफल रही।  उल्लेखनीय यह है कि "आतंक का गढ़" दक्षिणी कश्मीर हो या एलओसी से लगा उत्तरी कश्मीर या फिर "अलगाववादियों का गढ़" रहे मध्य कश्मीर। सभी जगह भगवा ब्रिगेड ने एक-एक सीटें जीतकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। वैसे भाजपा ने 2014 के विधानसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करते हुए 25 सीटें (23 % मत) जीती थी, पर कश्मीर में खाता नहीं खुला था।

- "...बीजेपी अब पूरे जम्मू-कश्मीर की पार्टी है। जम्मू-कश्मीर में डीडीसी चुनाव के परिणाम बीजेपी और पूरे राज्य के लिए सकारात्मक हैं। जितेंद्र सिंह का कहना है कि डीडीसी चुनाव ने बीजेपी को जम्मू-कश्मीर के हर हिस्से की पार्टी बना दिया है। कश्मीर में भी पार्टी की सफलता एक सुखद संकेत है। -जितेंद्र सिंह, उधमपुर से सांसद एवं केंद्रीय मंत्री

- "जम्मू-कश्मीर में हुए डीडीसी चुनाव में पार्टी को मिली जीत लोकतंत्र और आशा की जीत है। यह कश्मीर के भविष्य की सोच की जीत है। ...गुपकार कमजोर दलों को गठबंधन है। डीडीसी चुनाव में भाजपा को चार लाख, 87 हजार, 364 वोट हासिल हुए हैं। इस तरह हम कह सकते हैं कि घाटी में कमल खिल गया है... -रविशंकर प्रसाद, केंद्रीय मंत्री 

- "डीडीसी चुनाव में लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। 51 फीसदी से अधिक वोटिंग हुई। जो पिछले चुनावों की तुलना में बहुत अच्छी थी। गुपकार गैंग में बहुत से दल इकट्ठा होकर भी भाजपा और मोदी जी को चुनौती नहीं दे पाए। भाजपा को जम्मू कश्मीर में 74 सीटें मिलीं जो कि सबसे ज्यादा है। ...भाजपा का वोट शेयर 38.74 % है और गुपकार गैंग का कुल वोट शेयर 32.96 % है। भाजपा को कुल 4,87,364 वोट मिले और एनसी, पीडीपी तथा कांग्रेस का कुल वोट मिलाकर 4,77,000 है, जो भाजपा के वोट से काफी कम है। -अनुराग ठाकुर, जम्मू-कश्मीर में डीडीसी चुनावों के भाजपा प्रभारी

- "डीडीसी चुनाव में कश्मीर में भाजपा ने नींव रखी है। जल्द ही वहां बड़ा महल बनने वाला है। अलगाववाद तथा आतंकवाद परस्त राजनीति के अंत की शुरूआत है। यह जम्हूरियत की जीत है। साथ ही 30 साल के आतंक पर भी जीत है। -विबोध गुप्ता, भाजपा के कश्मीर प्रभारी
 
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चुनाव परिणाम (दोपहर 2:30 बजे, 23 दिसंबर  तक)- 
1 भाजपा 75
2 नेशनल कांफ्रेंस 67
3 निर्दलीय   50
4 पीडीपी    27
5 कांग्रेस    26
6 जेकेएपी 12
7 जेकेपीसी 8
8 सीपीआई(M) 5
9 जेकेपीएम 3
10 जेकेएनपीपी 2
11 पीडीएफ 2
12 बीएसपी 1
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उल्लेखनीय है, जम्मू-कश्मीर में 8 चरणों में डीडीसी के चुनाव हुए। सभी जिला मुख्यालयों में अपनी-अपनी 14 सीटों पर डाले गए वोटों की गिनती की जा रही है। मतगणना केंद्रों के बाहर सुरक्षा व्यवस्था का तीन स्तरीय घेरा बनाया गया। जहां प्रदेश पुलिस, सुरक्षा बल और सेना के जवान पल-पल की निगरानी कर रहे हैं। संवेदनशील केंद्रों के बाहर क्विक एक्शन टीम (क्यूएटी) भी तैनात रही। क्यूएटी किसी भी घटना से निपटने के लिए कारगर होगी।

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पाकिस्तानी, PoK से जुड़े उम्मीदवार-
उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में द्रगमुल्ला व हाजिन में मतों की गिनती उम्मीदवार की राष्ट्रीयता मंगलवार को रोक दी गई। उम्मीदवार सोमैया सदाफ, जो एक पाकिस्तानी नागरिक हैं और एक दशक पहले से कश्मीरी पति के साथ यहां रह रही हैं।
हाजिन-ए में उम्मीदवार शाजिया पीओके से हैं, जिसने एक कश्मीरी से शादी की थी, जो वहां आतंकी बनने के लिए हथियारों के प्रशिक्षण के लिए गया था। सूत्रों के अनुसार, जब तक इस मुद्दे को हल नहीं किया जाता, तब तक बैलट बॉक्स को प्रोटोकॉल के अनुसार स्ट्रांग रूम में रखा जाएगा।
 
घाटी में कमल खिलाने युद्धस्तर पर  BJP ने की तैयारियां-
कश्मीर घाटी में भाजपा ने 140 में से 50 पर अपने प्रत्याशी खड़ेेे किए थे। घाटी में कमल खिलाने युद्धस्तर पर तैयारियां कीं। केंद्रीय मंत्रियों की पूरी टीम उतार दी। केंद्रीय नेता शाहनवाज हुसैन ने यहां कैंप कर रखा था। केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी, अनुराग ठाकुर व डॉ. जितेंद्र सिंह, राष्ट्रीय महामंत्री व जम्मू-कश्मीर प्रभारी तरुण चुघ, आशीष सूद ने पूरे संभाग में भाजपा के पक्ष में माहौल बनाने के लिए सभाएं कीं।

शिकारा रैली से तिरंगा रैली, 100 सभाएं-
कुल 100 से अधिक सभाएं विभिन्न स्थानों पर की। साथ ही भाजपा ने डल झील में तिरंगा शिकारा रैली निकालकर माहौल बनाने की कोशिश की। गुपकार रोड पर महबूबा के घर के बाहर तिरंगा रैली निकाली। पिछले छह साल की कोशिशों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मिशन कश्मीर के सपने को साकार करने केंद्र तथा राज्य दोनों ही सरकारों ने तमाम विकास योजनाएं शुरू की। युवाओं को रोजगार के साधन उपलब्ध कराने की कोशिशें हुईं। विश्लेषकों का कहना है कि अब जाकर भाजपा की स्वीकार्यता कश्मीर में भी बनी है। 

370 हटने के बाद बने माहौल का चुनाव पर प्रभाव-
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, अनुच्छेद-370 हटने के बाद घाटी में बने माहौल, विकास कार्यों, आतंकवाद तथा अलगाववाद पर प्रभावी नियंत्रण का आम कश्मीरियों पर असर पड़ना शुरू हुआ है। इस कारण ही लोगों ने भाजपा का दामन थामा है, ताकि पिछले 30 साल से हिंसा के दुष्चक्र में फंसे लोगों की आने वाली पीढ़ियों को यह सब न झेलना पड़े। नौजवानों के हाथ में बंदूक की बजाय कलम व लैपटॉप हो। हर हाथ को काम हो।

घाटी में BJP की जीत J&K की राजनीति में सकारात्मक संकेत-
कश्मीर घाटी में भाजपा का तीन सीटों पर चुनाव जीतना अच्छा संकेत है। जम्मू विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान विभाग के प्रो. एम ताजुद्दीन का कहना है, यह भाजपा के लिए ही नहीं बल्कि जम्मू-कश्मीर की राजनीति तथा स्वस्थ लोकतंत्र के लिए भी बेहतर तथा सकारात्मक संकेत है। इसका सीधा आशय है कि 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में भाजपा की ओर से विकास के मोर्चे पर किए गए प्रयासों पर भी मुहर लगी है। आतंक के साये में जी रहे कश्मीर में भाजपा ने कार्यकर्ताओं की फौज तैयार की जिससे वह सीट जीतने में सफल रही तो यह अच्छा प्रयास है। 
*राजेश पाठक, संपादक - धर्म नगरी, DN News Mob. 6261868110 ईमेल- bhopal.news@gmail.com 
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आवश्यकता है- "धर्म नगरी" का विस्तार हर जिले में हो रहा है. इसलिए शहरी (वार्ड, कालोनी तक) व ग्रामीण (पंचायत, ब्लॉक स्तर तक) क्षेत्रों में स्थानीय प्रतिनिधि, अंशकालीन रिपोर्टर की तुरंत आवश्यकता है प्रमुख जिलों, तीर्थ नगरी एवं राज्य की राजधानी में पार्टनर एवं ब्यूरो चीफ नियुक्त करना है योग्यता- राष्ट्रवादी विचारधारा एवं सक्रियता। वेतन- अनुभवानुसार एवं कमीशन योग्यतानुसार होगा। सम्पर्क- वाट्सएप- 6261868110 ईमेल- dharm.nagari@gmail.com



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2 comments:

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  2. वास्तव में कश्मीर पहली बार भगवामय हुई है jai shri ram

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