#Kisanandolan : अड़े किसान, बढाएंगे घमासान !

कृषि बिल पर अड़े किसान, कैसे होगा समाधान ?
एक और वार्ता, निकलेगा रास्ता !
किसान आंदोलन का 26वां दिन आज (21 दिसंबर)
संयुक्त सचिव ने लिखी चिटठी
40 किसान संगठनों को बातचीत के लिए सरकार ने दिया निमंत्रण
कृषि बिल पर आज से बड़ा घमासान,
उपवास पर अन्नदाता, सरकार करेगी वार्ता
थाली बजाकर करेंगे प्रदर्शन
25-27 दिसंबर को कराएंगे टोल प्लाजा फ्री


(धर्म नगरी / DN News) वाट्सएप- 6261868110 

"...कानून लागू हुए छह महीने हो गए। हिन्दुस्तान के किसी कोने में, कोई भी मंडी बंद नहीं हुई... बिना सिर-पैर झूठ फैलाओ, बार-बार बोालो..." -नरेन्द्र मोदी, प्रधानमंत्री

"...संवाद की भाषा होती है, वो हमें सुनें हम उन्हें सुने। हाँ या न संवाद की भाषा नहीं है..." -अमित शाह, केंद्रीय गृह मंत्री


- भारतीय किसान यूनियन (उगराहा) के मंच पर लगे थे देश विरोधी पोस्टर 
(सरकार ने विदेशी फंडिंग की जानकारी मांगी -जोगिंदर सिंह अध्यक्ष-भाकियू-उगराहा) 

सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों की भूख हड़ताल आज से शुरू हो रही है। दिल्ली बॉर्डर के आसपास नवंबर के अंत में शुरू हुए विरोध प्रदर्शन के बीच किसानों ने कानून को वापस करने के लिए कड़ा रुख अपनाया हुआ है। हालांकि पांच दौर की वार्ता विफल होने के बाद सरकार ने रविवार को प्रदर्शनकारी किसानों से अगले दौर की वार्ता के लिए एक तारीख चुनने को कहा है।

भूख हड़ताल इस महीने (दिसंबर 2020) के आरम्भ में देशव्यापी बंद के बाद किसानों द्वारा आयोजित तीसरी बड़ी राष्ट्रीय घटना है, जिसका समर्थन विपक्षी दलों और ट्रेड यूनियनों ने किया था। न्यूनतम समर्थन मूल्य या एमएसपी  (MSP) पर सरकार से बार-बार आश्वासन के बीच किसान भी एक बार फिर से बातचीत करने के लिए आपस में बैठक करेंगे, लेकिन अभी भी कुछ किसान संगठन चाहते हैं कि कानून निरस्त हों।

अबतक का प्रमुख घटनाक्रम- 
40 किसान नेताओं को लिखे पत्र में सरकार ने रविवार को कहा कि वह किसानों की सभी चिंताओं को हल करने के लिए उचित समाधान खोजने के लिए "खुले दिल से" प्रयास कर रही है।

रविवार को प्रदर्शनकारियों ने हलचल को तेज करने के लिए एक अपील की, क्योंकि दिल्ली की सीमाओं पर संख्या बढ़ गई थी। स्वराज इंडिया के प्रमुख योगेंद्र यादव, जोकि विरोध के नेताओं में से एक हैं, उने संवाददाताओं से कहा, "हम यहां अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल करेंगे, जिसमें 11 लोग बारी-बारी से 24 घंटे का उपवास करेंगे।"

प्रदर्शनकारियों ने देशभर के लोगों से अपील की कि वे बुधवार को किसान दिवस पर भोजन छोड़ें, "उन पुरुषों और महिलाओं के सम्मान के लिए जो दिन में आपको तीन बार भोजन मुहैया करते हैं"।

रविवार को प्रदर्शनकारियों ने भी सरकार पर हमला किया और कहा कि वे "पीएम मोदी की अगली मन की बात" के दौरान धमाकेदार प्रदर्शन करेंगे। "27 दिसंबर को जब प्रधानमंत्री अपना मन की बात रेडियो संबोधन देंगे, तो किसान कहेंगे 'हम आपके मन की बात सुनकर थक गए हैं, आप हमारे मन की बात कब सुनेंगे ?" स्वराज इंडिया के योगेंद्र यादव ने कहा, ''हम बर्तन मांजेंगे ताकि उनके मन की बात का शोर हम तक न पहुंचे।''

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