Masik Shivratri 2020: मासिक शिवरात्रि, महत्व, व्रत कथा

कल मार्गशीष (अगहन) मास की मासिक शिवरात्रि


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प्रत्येक माह की कृष्ण चतुर्दशी को शिवरात्रि मनाई जाती है। कल सोमवार (14 दिसंबर) को मार्गशीष (अगहन) मास की मासिक शिवरात्रि है। मासिक शिवरात्रि का पर्व शिव भक्तों के लिए अति विशेष होता है। इस दिन भक्त आज शिवलिंग पर दूध, जल और बेलपत्र चढ़ाएंगे।

हर माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि कहा हाता है। मान्यतानुसार, फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को मध्य रात्रि में भगवान शिव “लिंग” के रूप में प्रकट हुए थे और श‍िवलिंग की पहली बार पूजा अर्चना भगवान विष्णु और ब्रह्माजी द्वारा सम्पन्न हुई थी। इसलिए फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को महा शिवरात्रि मनाई जाती है, जबकि अन्य सभी कृष्ण चतुर्दशी को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है।

मासिक शिवरात्रि के दिन व्रत करने से हर मुश्किल कार्य आसानी से हो जाता है। इस दिन जो भी कन्याएं मनोवांछित वर पाना चाहती हैं या जिनके विवाह में किसी भी प्रकार की रुकावटें आ रही हैं, वह अगर यह मासिक शिवरात्रि का व्रत करें तो उनकी हर समस्या दूर हो जाती है। शिवपुराण में कहा गया है की इस दिन जो भी सच्चे मन से व्रत करता है उसकी हर इच्छा पूरी हो जाती हैं।

हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, मासिक शिवरात्रि का विशेष महत्त्व है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, शिवरात्रि के दिन आधी रात में भगवान शिव लिङ्ग के रूप में उत्पन्न हुए थे. भगवान विष्णु और ब्रह्माजी ने सबसे पहली बार मासिक शिवरात्रि के दिन शिव लिङ्ग की आराधना की थी. भोले शंकर भगवान शिव सबसे जल्दी प्रसन्न होने वाले भगवान माने जाते हैं।

मासिक शिवरात्रि व्रत कथा-
पौराणिक कथाओं और धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, शिवजी महाशिवरात्रि के दिन मध्य रात्रि के समय शिवलिंग के रूप में प्रकट हुए। उनके शिवलिंग में प्रकट होने के बाद सबसे पहले उनकी पूजा भगवान ब्रह्मा और भगवान विष्णु ने की थी। तब से लेकर आज तक इसी दिन भगवान शिव का जन्मदिवस बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। पुराणों में भी शिवरात्रि पर किए जाने ल्रत का उल्लेख है। शास्त्रों के अनुसार, माता लक्ष्मी, मां सरस्वती, गायत्री, सीता, पार्वती जैसे देवियों ने भी अपने जीवन के उद्धार के लिए शिवरात्रि का व्रत किया था। मासिक शिवरात्रि से सुख और शांति प्राप्त होती है। ऐसी मान्यता एवं विश्वास है, कि यह व्रत संतान प्राप्ति, रोगों से मुक्ति पाने के लिए भी किया जाता है।

मासिक शिवरात्रि का महत्व-
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, मासिक शिवरात्रि के दिन भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा करने और व्रत रखने वालों जातकों पर भगवान शिव की कृपा बनी रहती है और उनकी सभी मुरादें पूरी होती हैं. मान्यताओं के अनुसार, यह व्रत रखने से संतान प्राप्ति का आशीर्वाद प्राप्त होता है और बीमारियों से मुक्ति भी मिलती है.

(Disclaimer: उक्त लेख / कॉल्म में दी जानकारियां एवं सूचनाएं मान्यताओं / प्राचीन सनातन ग्रंथों पर आधारित हैं। "धर्म नगरी" / DN News इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी अनुष्ठान / विशेष आध्यात्मिक उपाय को करने से पूर्व अनुभवी कर्मकांडी, ज्योतिर्विद से अवश्य संपर्क करें
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