आज सोमवार (28 दिसंबर) पिशाच मोचिनी तिथि (श्राद्ध) ये करें अपने पूर्वजों के निमित्त, अगर...


...पूर्वज (जीव) प्रेत-योनि को प्राप्त हैं या उनकी सद्गति हेतु  

- कल मार्गशीर्ष शुक्ल चतुर्दशी भी है, कल क्या करें, पढ़ें उपाय



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पिशाच मोचिनी तिथि (श्राद्ध) / पिशाच मोचन यात्रा (सोमवार (28 दिसंबर) - 

मार्गशीर्ष शुक्ल चतुर्दशी (28 दिसम्बर, 2020) सोमवार की तिथि / दिन प्रेत-योनि को प्राप्त जीवों (पूर्वजों) के निमित्त तर्पण आदि करने से उनकी सदगति होती है। जिनके घर-परिवार, आस-पडोस या परिचय में किसी की अकाल मृत्यु हुई हो या कोई भूत-प्रेत अथवा पितृबाधा से पीड़ित हो, वे पिशाच-मोचिनी तिथि को उनकी सदगति, आत्मशांति और मुक्ति के लिए संकल्प करके श्राद्ध-तर्पण अवश्य करेंभूत-प्रेतादि से ग्रस्त व्यक्ति इसे अवश्य करें

विधि- प्रातः स्नान के बाद दक्षिणमुख होकर बैठें। तिलक, आचमन आदि के बाद पीतल या ताँबे के थाल (अथवा तपेली) आदि मे पानी लें। उसमें दूध, दही, घी, शक्कर, शहद, कुम -कुम, अक्षत, तिल, कुश मिलाकर रखें। हाथ में शुद्ध जल लेकर संकल्प करें- ʹअमुक व्यक्ति (नाम) के प्रेतत्व निवारण हेतु हम आज पिशाचमोचन श्राद्ध तिथि को यह पिशाचमोचन श्राद्ध कर रहे हैं।ʹ हाथ का जल जमीन पर छोड़ दें। फिर थोड़े काले तिल अपने चारों ओर जमीन पर छिड़क दें, कि भगवान विष्णु हमारे श्राद्ध की असुरों से रक्षा करें। 

अब अनामिका उँगली में कुश की अँगूठी पहनकर (ʹૐ अर्यमायै नमःʹ) मंत्र बोलते हुए पितृतीर्थ से 108 तर्पण करें अर्थात् थाल में से दोनों हाथों की अंजली भर-भर के पानी लें एवं दायें हाथ की तर्जनी उँगली व अँगूठे के बीच से गिरे, इस प्रकार उसी पात्र में डालते रहें। ( तर्पण पीतल या ताँबे के थाल अथवा तपेली में बनाकर रखे जल से करना है।)

108 तर्पण हो जाने के बाद दायें हाथ में शुद्ध जल लेकर संकल्प करें कि सर्व प्रेतात्माओं की सदगति के निमित्त किया गया, यह तर्पण कार्य भगवान नारायण के श्रीचरणों में समर्पित है। फिर तनिक शांत होकर भगवद्-शांति में बैठें। बाद में तर्पण के जल को पीपल में चढ़ा दें।

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प्रयागराज माघ मेले, हरिद्वार कुम्भ-2021 में )-
"धर्म नगरी" का सूचना केंद्र हेल्प-लाइन 
"धर्म नगरी" विगत वर्षों का सूचना केंद्र हेल्प-लाइन प्रयागराज माघ मेला-2021 एवं हरिद्वार कुम्भ-2021 में लगाया  गया / संचालित किया जाएगा। साथ मेले पर केंद्रित "धर्म नगरी" के विशेषांकों का भी प्रकाशन कर उनका FREE वितरण सहयोग (या शुभकामना, विज्ञापन देने वालों के नाम से) किया गयागा। पूर्व में या शिविर / सेवा प्रयाग कुम्भ-2013, नासिक कुम्भ-2015, सिंहस्थ उज्जैन कुम्भ-2016, प्रयाग (अर्द्ध) कुम्भ- 2019 सहित तीर्थराज प्रयाग के संगम क्षेत्र में लगने वाले माघ मेले लगाया/ संचालित किया गया। वर्ष 2021 में भी  इस शिविर / सेवा में आप भी आर्थिक सहयोग देकर या किसी प्रकार से सहयोग देकर स्वेच्छापूर्व जुड़ सकते हैं इच्छुक धर्मप्रिय, हिंदुत्ववादी या इस कार्य में पुण्य के भागी बनने सम्पर्क करें- मो. / वाट्सएप- 6261868110 (केवल सदस्यों, कवरेज एवं  विज्ञापन हेतु) मो. 9752404020 ईमेल- dharm.nagari@gmail.com मेले का हेल्प-लाइन नंबर- 8109107075 ही रहेगा।
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कल मार्गशीर्ष शुक्ल चतुर्दशी पर करें ये उपाय- 
मार्गशीर्ष शुक्ल चतुर्दशी (28 दिसम्बर, 2020) सोमवार को प्रातः 6:21 से मंगलवार (29 दिसम्बर) सुबह 7:54 तक मार्गशीर्ष शुक्ल चतुर्दशी है। 
मत्स्यपुराण के अनुसार, मार्गशीर्ष शुक्ल-पक्ष चतुर्दशी के दिन अगर कोई शिवजी का 17 नामों से पूजन करे या वो 17 मंत्र बोलकर उनको प्रणाम करता है,  जो शिव है, वो गुरु है और जो गुरु है वो शिव है
 अपने गुरुदेव का भी स्मरण करते करते करें, तो भी उन तक पहुँच जाता है 17 नाम मस्त्यपुराण में बताया है, इन नामों से, इस तिथि को पूजन करने की विशेष महिमा है, जो भगवत गीता पाठ करते हैं
 तो भगवान ने गीता के 10वें अध्याय में कहा है– ‘मासा नाम मार्गशीर्षोंहम’ की जो मार्गशीर्ष मास में भगवान ने अपनी विभूति बताया और उसमे शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी है

भगवान शिव के 17 नाम- 
ॐ शिवाय नम:
ॐ सर्वात्मने नम: 
ॐ त्रिनेत्राय नम: 
ॐ हराय नम:
ॐ इन्द्र्मुखाय नम: 
ॐ श्रीकंठाय नम:
ॐ सत्योजाताय नम:
ॐ वामदेवाय नम: 
ॐ अघोरहृदयाय नम:
ॐ तत्पुरुषाय नम:
ॐ ईशानाय नम:
ॐ अनंतधर्माय नम: 
ॐ ज्ञानभुताय नम: 
ॐ अनंतवैराग्यसिंघाय नम:
ॐ प्रधानाय नम:
ॐ व्योमात्मने नम:
ॐ युक्तकेशात्मरूपाय नम:
इन नामों से पूजन करने से, जिनको जीवन में कष्ट आदि हैं, उसका प्रभाव कम होता है, कष्ट दूर होते हैं। जो श्रद्धापूर्वक माता पार्वतीजी के दो नाम-  ॐ पुष्ट्ये नम: , ॐ तुष्टये नम: माँ पार्वती को नमन करके ये दो मंत्र उस दिन बोलेंगे, कि मैं श्रद्धा और भक्ति से पुष्ट बनूँ, क्योंकि पार्वतीजी ‘भवानी शंकरों वन्दे श्रद्धा विश्वास रुपिनों’ आप श्रद्धा की मूर्ति है माँ मैं श्रद्धा से पुष्ट बनूँ मैं गुरुदेव के प्रति विचार रूपी सात्विक श्रद्धा से पुष्ट बनूँ। 
शिव गायत्री मंत्र- ॐ तत्पुरुषाय विद्महे, महादेवाय धीमहि, तन्नो रूद्र प्रचोदयात् ।।

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बेरोजगार या राष्ट्रवादी विचारधारा के लोगों से अपील-
"धर्म नगरी" का विस्तार हर जिले में हो रहा है. इसलिए शहरी (वार्ड, कालोनी तक) व ग्रामीण (पंचायत, ब्लॉक स्तर तक) क्षेत्रों में स्थानीय प्रतिनिधि, अंशकालीन रिपोर्टर की तुरंत आवश्यकता है. प्रमुख जिलों, तीर्थ नगरी एवं राज्य की राजधानी में पार्टनर एवं ब्यूरो चीफ नियुक्त करना है. योग्यता- राष्ट्रवादी विचारधारा एवं सक्रियता। वेतन- अनुभवानुसार एवं कमीशन योग्यतानुसार होगा। सम्पर्क- वाट्सएप- 6261868110 ईमेल- dharm.nagari@gmail.com
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