आज 13 दिसंबर रविवार : प्रमुख समाचार पत्रों की "हेड लाइन्स"

मोदी ने समझाए कृषि कानूनों के लाभ, कहा-
नीति और नीयत से किसान कल्याण के लिए प्रतिबद्ध

हरियाणा FPO (किसान निर्माता संगठन), जागरुक और प्रगतिशील किसान यूनियन के एक दर्जन से अधिक किसानों ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से उनके मंत्रालय में एक बैठक की और लिखित स्वीकृति दी

(धर्म नगरी / DN News) वाट्सएप- 6261868110)
नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का संदेश आज के अख़बारों ने प्रमुखता से प्रकाशित किया है। दैनिक जागरण ने लिखा है- मोदी ने समझाए कृषि कानूनों के लाभ लाभ, प्रधानमंत्री ने फिर कहा, नीति और नीयत से किसान कल्याण के लिए केन्द्र सरकार प्रतिबद्ध। राजस्थान पत्रिका की खबर है- फिक्की की बैठक, मोदी बोले सुधारों का सबसे अधिक लाभ किसानों को, नए बाजार मिलेंगे। हिन्दुस्तान ने प्रधानमंत्री का यह बयान दिया है- किसान, कृषि सुधारों से समृद्ध होगा। वहीं पंजाब केसरी ने लिखा है- किसानों के हित सुरक्षित, नए सुधारों से लाभ मिलेगा।

जनसत्ता के पहले  पृष्ठ पर समाचार है- परिवार नियोजन पर केन्द्र ने सुप्रीम कोर्ट में कहा- लोगों को बाध्य नहीं कर सकते। नवभारत टाइम्स ने केन्द्र को ु को उद्धृत करते हुए लिखा है- परिवार नियोजन जबरन नहीं। शादी कर धोखा देने वाले एन.आर.आई. के खिलाफ नए प्रावधान -दैनिक भास्कर के मुखपृष्ठ पर है।

राजस्थान पत्रिका की यह खबर ध्यान खींचती है - अब मोबाइल में होगा वोटर आई.डी., चुनाव आयोग कर रहा विचार, जल्द लागू होगा। औद्योगिक उत्पादन अक्तूबर में तीन दशमलव छह प्रतिशत बढ़ा -अमर उजाला के बॉक्स में है। तीन चरणों में भरे जाएंगे रेलवे के एक दशमलव चार लाख रिक्त पद -हरिभूमि की सुर्खी है।

दैनिक जागरण लिखता है- 2021 में जे.ई.ई. और नीट के पाठ्यक्रम में नहीं होगी कोई कटौती। उम्मीद की तस्वीर शीर्षक से दैनिक भास्कर की खबर है- स्पीति में दिखी विलुप्त हो चुकी हिमालयन सिरो। बकरी की यह प्रजाती हुरलिंग के पास देखी गई।

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Newspaper Head lines (13 Dec) Sunday 2020-

The Hindu quoting Prime Minister Narendra Modi says "India set to exceed climate targets. Emissions intensity cut by 21%." On the FICCI AGM, the Financial Express notes "Economy recovered faster than expected, says Modi.

"India is being tested, China risks losing goodwill, says Jaishankar" writes Hindustan Times. The Sunday Tribune quoting The External Affairs Minister writes "India will rise to occasion, meet Chinese challenge".

"Rohingya outfit planning India strike, says intel" writes Sunday Times. In another story the paper leads with "Won't impose coercive steps to control population, government tells Supreme Court." "In breakthrough, India ropes in Uzbekistan for Chabahar project" writes the Sunday Statesman.

"US clears Pfizer Covid vaccine, 1st shot soon" reports the Asian Age. The Sunday Tribune reports that "Rare Himalayan serow spotted in Spiti." The goat antelope, was sighted and captured in a camera by the state wildlife wing for the first time in Spiti valley.

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हरियाणा में किसानों ने केंद्र सरकार के 

'कृषि बिल 2020' में संशोधन वाला प्रस्ताव स्वीकारा 

केंद्र सरकार द्वारा लागू तीन विवादास्पद कृषि कानूनों के  विरुद्ध शनिवार को किसानों का विरोध प्रदर्शन 17वें दिन भी जारी रहा. इस बीच हरियाणा के किसानों के एक समूह ने इन कानूनों में आवश्यक संशोधन के लिए केंद्र के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है हरियाणा एफपीओ (किसान निर्माता संगठन) और जागरुक और प्रगतिशील किसान यूनियन के एक दर्जन से अधिक किसानों ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को उनके मंत्रालय में एक बैठक के दौरान इस संबंध में एक लिखित स्वीकृति दी

उल्लेखनीय  है, कि केंद्र सरकार ने संसद के मानसून सत्र की अवधि में  सितंबर में किसान उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) विधेयक, किसान (सशक्तिकरण और संरक्षण) विधेयक मूल्य आश्वासन और सेवा विधेयक और आवश्यक वस्तुएं (संशोधन) विधेयक को लागू किया था

छह-सूत्रीय स्वीकृति पत्र में किसानों ने स्वीकारा-
हरियाणा के किसानों ने इन कानूनों में संशोधनों के लिए सरकार के प्रस्ताव को स्वीकार किया है. अपने छह-सूत्रीय स्वीकृति पत्र में किसानों ने कहा है, “हम सरकार की ओर से प्रस्तावित संशोधनों के साथ तीन कृषि कानूनों को जारी रखने के लिए तैयार हैं”  

पत्र में उल्लेख किया गया है- “केंद्र सरकार की ओर से किसानों के लिए भेजे गए नए संशोधन प्रस्तावों के साथ इन कानूनों को जारी रखा जाना चाहिए. हम न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और कृषि उपज बाजार समिति (एपीएमसी) को जारी रखने के बारे में आंदोलनकारी किसानों द्वारा उठाई गई मांगों का समर्थन करते हैं”  

किसानों ने केंद्र सरकार से इसके द्वारा प्रस्तावित तीन कानूनों में संशोधन के साथ आने का आग्रह किया। यह सुनिश्चित करने पर जोर दिया कि उनकी मांगों को समय पर पूरा किया जाए और उनके मुद्दों को ठीक से सुना जाए। आंदोलनरत किसानों ने हालांकि सरकार के प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया है. उनका कहना है कि जब तक सरकार किसान विरोधी काले कानूनों को वापस नहीं ले लेती, उनका आंदोलन जारी रहेगा

सरकार ने एमएसपी और एपीएमसी को जारी रखने के लिए किसानों की मांगों को स्वीकार करते हुए इन कानूनों में आवश्यक संशोधन करने का प्रस्ताव रखा. किसानों के एक समूह द्वारा सरकार के प्रस्ताव को स्वीकार करना इंगित करता है कि गतिरोध को बहुत जल्द हल किया जा सकता है.
किसानों के साथ सरकार की पांच दौर की वार्ता में हालांकि अभी तक समाधान नहीं निकल सका है और बातचीत के सभी प्रयास विफल रहे हैं सरकार के प्रस्ताव को स्वीकार करने वाले संगठन प्रदर्शन में शामिल 32 किसान यूनियनों से अलग हैं

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