आज 14 दिसंबर सोमवार : प्रमुख समाचार पत्रों की "हेड लाइन्स"

रक्षा उपकरण, गोला-बारूद के अधिग्रहण के लिए 50,000 करोड़ रु से अधिक खर्च किया जाएगा

भारतीय सेना PLA के साथ (फाइल फोटो) 

(धर्म नगरी / DN News
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सीमा पर चल रहे तनाव के बीच सरकार ने उठाया बड़ा कदम आज के समाचार पत्रों की सुर्खी है। चीन के साथ तनाव के बीच में भारत ने अब 15 दिनों के युद्ध के लिए हथियारों और गोला-बारूद की अपनी स्टॉकिंग बढ़ाने के लिए रक्षा बलों को अधिकृत करके एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इसके लिए 50000 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किया जाएगा। हिंदुस्तान की सुर्खी है- सेना 15 दिन का गोला-बारूद रख सकेगी। पंजाब केसरी ने लिखा है- 15 दिन की जंग के लिए हथियार, गोला-बारूद स्टॉक कर रही सेना।

कर्मचारी भविष्यनिधि संगठन के इसी महीने ईपीएफ खातों में आठ दशमलव पांच प्रतिशत ब्याज देने की खबर को भी समाचारपत्रों ने प्रमुखता से प्रकाशित किया है।

भारत ने बड़े पैमाने पर कोविड टीकाकरण की तैयारी की खबर को राष्ट्रीय सहारा ने पहले पन्ने पर जगह दी है। पत्र लिखता है- पहले और दूसरे बूस्टर खुराक के बीच अंतर 21 दिन। दैनिक भास्कर ने लिखा है- स्पूतनिक फाइव बनाने वाली कंपनी का दावा वैक्सीन दो साल तक कोरोना से बचा सकती है।

अब 15 दिन का गोला-बारूद रख सकेगी सेना (प्रतीकात्मक तस्वीर)

सेना 15 दिन का गोला-बारूद रख सकेगी-
चीन के साथ तनाव के बीच भारत ने बड़ा कदम उठाया है। सुरक्षाबलों को अब 15 दिनों के युद्ध के लिए हथियारों और गोला-बारूद का स्टॉक तैयार करने का अधिकार दे दिया है। पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ जारी तनातनी के बीच इस नए अधिकार और आपातकालीन खरीद की शक्तियों का उपयोग करते हुए स्थानीय और विदेशी स्रोतों से रक्षा उपकरण और गोला-बारूद के अधिग्रहण के लिए 50,000 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किया जाएगा। यह कदम चीन व पाकिस्तान के साथ टू-फ्रंट वॉर की संभावनाओं को देखते हुए पुख्ता तैयारी की दिशा में देखा जा रहा है। अब तक सेना के पास 10 दिन के युद्ध के लिए स्टॉक जमा करने की छूट थी।

सरकारी सूत्रों के अनुसार, दुश्मनों के साथ 15 दिन के युद्ध के लिए स्टॉक तैयार करने के लिए अब कई हथियार प्रणाली और गोला-बारूद का अधिग्रहण किया जा रहा है। 10 दिन के बजाय अब 15 दिनों तक के लिए स्टॉकिंग होगी। उन्होंने कहा कि रक्षा बलों के लिए स्टॉक की सीमा बढ़ाने की मंजूरी कुछ समय पहले ही दी गई थी।

सशस्त्र बलों को पहले 40-दिन के युद्ध के लिए स्टॉक रखने की अनुमति थी, लेकिन हथियारों और गोला-बारूद के भंडारण में आने वाली दिक्कतों के साथ-साथ युद्ध के बदलते स्वरूप के कारण इसे कम करके 10 दिन कर दिया गया। उरी हमले के बाद, यह महसूस किया गया कि युद्ध के लिए स्‍टॉक कम है और तत्कालीन मनोहर परीकर के नेतृत्व वाले रक्षा मंत्रालय ने सेना, नौसेना और वायु सेना के उपाध्यक्षों की वित्तीय शक्तियों को बढ़ाकर 100 करोड़ रुपये से 500 करोड़ कर दिया।

तीनों सेनाओं को किसी भी उपकरण को खरीदने के लिए 300 करोड़ रुपये की खरीद के लिए आपातकालीन वित्तीय अधिकार भी दिए गए। इसके माध्यम से वे युद्ध लड़ने में काम आने वाला कोई भी उपकरण खरीद सकते हैं। रक्षा बल कई हथियारों, मिसाइलों और प्रणालियों की खरीद कर रहे हैं, ताकि दोनों विपरीत परिस्थितियों में प्रभावी ढंग से कार्रवाई की जा सके।

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Newspaper Head lines (14 Dec) Monday 2020-

With consistent efforts towards vaccine development, "Life to be normal by Sept-Oct, all to get vaccines then." "Centre gears up its machinery to deliver 600 million doses nationwide."informs the Asian Age. Amid the COVID-19 pandemic, the Indian Express writes, "Team India's big unknown: 13 in COVID bubble for six months."

In the middle of a conflict with China, "Forces told to stockpile weapons for 15-days war." is a lead in the Hindustan Times. Coinciding with the anniversary of the 2001 Parliament attack yesterday, "Book chronicling valour of CRPF bravehearts released." writes the Pioneer

Talking about Financial Independence, The Times of India quoting the National Family Health Survey states, "Sharp rise in bank a/cs operated by women." And finally, in some exciting news, for nature lovers, the Hindu informs, "Now, explore Kaziranga on boats and bicycles."

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