कर्नाटक में मिला 1600 टन लिथियम का भंडार

 
प्रतीकात्मक चित्र #साभार 

(धर्म नगरी / DN News) वाट्सएप- 6261868110 
साल भर के भूगर्भीय रिसर्च और खोजबीन के बाद अब पता चला है कि कर्नाटक के मंड्या जिले में 1600 टन लिथियम अयस्क है. बीते साल 12 मार्च 2020 को राज्यसभा में ये जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा था लिथियम के ये स्रोत मंड्या जिले के मार्लागाला-अल्लापटना क्षेत्र में मिला है 

यहाँ मिल सकते हैं लिथियम के स्रोत- 
लिथियम के स्रोत जिन स्थानों पर हो सकते हैं, उनमें छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले का काटघोड़ा-गढ़हाटारा क्षेत्र, हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले के नाको ग्रेनाइट इलाके में, बिहार के नवादा जिले के पिछली मेघहटारी क्षेत्र में, बिहार के जमुई जिले के हर्णी-कल्वाडीह छरकापतल और परमनिया-तेतरिया इलाके में, राजस्थान के सिरोही जिले के सिबागांव इलाके में, मेघालय के ईस्ट खासी हिल्स जिले के उमलिंगपुंग ब्लॉक में और झारखंड के कोडरमा के धोराकोला-कुशहना इलाके में. इसके अलावा ओडिशा, केरल, मध्यप्रदेश और तमिलनाडु में भी लिथियम की खोज के लिए तैयारी की गई है..

अभी दूसरे देशों पर है निर्भरता- 
लिथियम आयन पर भारत दूसरे देशों पर निर्भर है. इस दुर्लभ खनिज के सबसे बड़े स्रोत ये देश हैं. बोलिविया में लिथियम का 21 मिलियन टन, अर्जेंटीना में 17 मिलियन टन, चिली में 9 मिलियन टन, अमेरिका में 6.8 मिलियन टन, ऑस्ट्रेलिया में 6.3 मिलियन टन और चीन 4.5 मिलियन टन स्रोत मौजूद है. इन देशों के बीच लिथियम निर्यात करने की प्रतियोगिता चलती रहती है.

भारत हर साल लिथियम बैटरी आयात करता है. ये बैटरी फोन, टीवी, लैपटॉप, रिमोट हर जगह उपयोग होती हैं. साल 2016-17 में केंद्र सरकार ने 17.46 करोड़ से ज्यादा की लिथियम बैटरी आयात की, जिसकी कीमत थी 384 मिलियन यूएस डॉलर्स (2818 करोड़ रु)  साल 2017-18 में 31.33 करोड़ बैटरी आयात की, कीमत थी 727 मिलियन डॉलर्स (5335 करोड़ रु), साल 2018-19 में 71.25 करोड़ बैटरी आई, कीमत थी 1255 मिलियन डॉलर्स यानी 9211 करोड़ रुपए. साल 2019-20 में 45.03 करोड़ बैटरी आई, कीमत थी 929 मिलियन डॉलर्स यानी करीब 6820 करोड़ रुपए.

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