बजट सत्र आज से, देश के इतिहास में पहली बार कागज-रहित बजट प्रस्तुत होगा, और...


सभी सदस्‍य पहली बार संसद में तीन स्‍थानों पर बैठेंगे
बजट सत्र का आरम्भ राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण देने के साथ हो गया 

(धर्म नगरी / DN News) वाट्सएप- 6261868110
संसद का बजट सत्र आज से शुरू हो रहा है। यह सत्र राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के साथ शुरू होगा। सभी सदस्‍य पहली बार संसद में तीन विभ‍िन्‍न स्‍थानों पर बैठेंगे। मंत्री, दोनों सदनों के विभिन्‍न दलों के नेता, पूर्व प्रधानमंत्रियों तथा भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष सहित 144 सांसद केन्‍द्रीय कक्ष में बैठेंगे। शेष सांसद सुरक्षित दूरी बनाये रखने के कोविड नियमों के अनुसार लोकसभा और राज्‍यसभा कक्ष में बैठेंगे। सरकार ने लोकसभा और राज्‍यसभा में सुचारू कार्यवाही सुनिश्चित करने में राजनीतिक दलों का सहयोग लेने के लिए कल सर्वदलीय बैठक बुलाई है।

राज्‍यसभा के सभापति एम वैंकेया नायडू ने राज्‍यसभा में सभी दलों के नेताओं की रविवार को बैठक आयोजित की है।

कोविड महामारी को देखते हुए संसद की कार्यवाही-
राज्यसभा की सुबह 9 बजे से, दिन में 2 बजे तक 
लोकसभा की कार्यवाही शाम 4 बजे से, रात्रि 9 बजे तक 

बजट सत्र का पहला हिस्सा 15 फरवरी को, जिसमें कुल 12 बैठकें होंगी,
बजट सत्र का दूसरा हिस्सा, 8 मार्च से 8 अप्रैल तक, जिसमें 21 बैठकें होंगी,

संसद के बजट सत्र के दौरान इस बार प्रश्न काल और शुन्यकाल दोनों होंगे,
सत्र के पहले दिन, सदन में आज आर्थिक सर्वेक्षण प्रस्तुत किया जायेगा,
वर्ष 2021-22 का केंद्रीय बजट, पहली फरवरी को पेश किया जाएगा,
देश के इतिहास में पहली बार कागज-रहित बजट प्रस्तुत किया जाएगा।  

आज आर्थिक सर्वेक्षण प्रस्तुत किया जाएगा - 
बजट सत्र के पहले दिन आज आर्थिक सर्वेक्षण प्रस्तुत किया जाएगा। वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों का विभाग आर्थिक सर्वेक्षण तैयार करता है। यह सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार की देखरेख में तैयार होता है। आर्थिक सर्वेक्षण अर्थव्यवस्था की सालाना आधिकारिक रिपोर्ट होती हैइस दस्तावेज को बजट सत्र की अवधि में संसद के दोनों सदनों में प्रस्तुत किया जाता है। इसमें भविष्य में बनाई जाने वाली योजानाओं और अर्थव्यवस्था में आने वाली चुनौतियों की सारी जानकारी दी जाती है। इस सर्वेक्षण में देश के आर्थिक विकास का अनुमान होता है। सर्वेक्षण के आधार पर ही सरकार द्वारा बजट में घोषणाएं की जाती हैं। हालांकि इन सिफारिशों को मानने के लिए सरकार कानूनी तौर पर बाध्य नहीं होती है।

वित्‍त मंत्री जारी किया यूनियन बजट मोबाइल ऐप-
वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारामन ने यूनियन बजट मोबाइल ऐप नाम से मोबाइल ऐप जारी किया है, ताकि ससंद के सदस्‍यों और आम लोगों को बजट दस्‍तावेज डिजिटल रूप में आसानी से सुलभ हो सकें। इस ऐप से बजट, अनुदान मांगों और वित्‍त विधेयक सहित केन्‍द्रीय बजट के 14 दस्‍तावेजों की सम्‍पूर्ण जानकारी मिल सकेगी। 

ऐप में डाउनलोड, प्रिंट जैसी अनेक सुविधाएं है। ये अंग्रेजी और हिंदी दोनों भाषा में उपलब्‍ध होगा तथा एंडॉयड और आई.ओ.एस प्‍लेटफार्म से डाउनलोड किया जा सकता है। ये ऐप केन्‍द्रीय बजट वेब पोर्टल www.indiabudget.gov.in से भी डाउनलोड किया जा सकता है। इस ऐप को राष्‍ट्रीय सूचना विज्ञान केन्‍द्र ने विकसित किया है। पहली फरवरी को वित्‍त मंत्री का बजट भाषण पूरा होने के बाद बजट दस्‍तावेज मोबाइल ऐप पर उपलब्‍ध होंगे।
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चुनौती कितनी ही बड़ी क्यों न हो, न हम रुकेंगे और न भारत रुकेगा - राष्ट्रपति 
संसद का बजट सत्र आरम्भ हो गया। सत्र का आरम्भ राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण से हुआ। राष्ट्रपति ने दोनों सत्रों को संबोधित किया। राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में कहा-
चुनौती कितनी ही बड़ी क्यों न हो, न हम रुकेंगे और न भारत रुकेगा। भारत जब-जब एकजुट हुआ है, तब-तब उसने असंभव से लगने वाले लक्ष्यों को प्राप्त किया है। 

राष्ट्रपति ने कहा- महामारी के खिलाफ इस लड़ाई में हमने अनेक देशवासियों को असमय खोया भी है। हम सभी के प्रिय और मेरे पूर्ववर्ती राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का निधन भी कोरोना काल में हुआ। संसद के 6 सदस्य भी कोरोना की वजह से असमय हमें छोड़कर चले गए। मैं सभी के प्रति अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। मुझे संतोष है कि मेरी सरकार के समय पर लिए गए सटीक फैसलों से लाखों देशवासियों का जीवन बचा है। आज देश में कोरोना के नए मरीजों की संख्या भी तेजी से घट रही है और जो संक्रमण से ठीक हो चुके हैं उनकी संख्या भी बहुत अधिक है।

राष्ट्रपति ने कहा-
अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए रिकॉर्ड आर्थिक पैकेज की घोषणा के साथ ही मेरी सरकार ने इस बात का भी ध्यान रखा कि किसी गरीब को भूखा न रहना पड़े। ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना’ के माध्यम से 8 महीनों तक 80 करोड़ लोगों को 5 किलो प्रतिमाह अतिरिक्त अनाज निशुल्क सुनिश्चित किया गया। सरकार ने प्रवासी श्रमिकों, कामगारों और अपने घर से दूर रहने वाले लोगों की भी चिंता की।

महामारी के कारण शहरों से वापस आए प्रवासियों को उनके ही गांवों में काम देने के लिए मेरी सरकार ने छह राज्यों में गरीब कल्याण रोजगार अभियान भी चलाया। इस अभियान की वजह से 50 करोड़ Man-days के बराबर रोजगार पैदा हुआ। करीब 31 हजार करोड़ रुपए गरीब महिलाओं के जनधन खातों में सीधे ट्रांसफर भी किए। इस दौरान देशभर में उज्ज्वला योजना की लाभार्थी गरीब महिलाओं को 14 करोड़ से अधिक मुफ्त गैस सिलेंडर भी मिले।

यदि अपने महत्व को बढ़ाना है तो दूसरों पर निर्भरता को कम करते हुए आत्मनिर्भर बनना होगा। कोरोना काल में बनी वैश्विक परिस्थितियों ने, जब हर देश की प्राथमिकता उसकी अपनी जरूरतें थीं, हमें ये याद दिलाया है कि आत्मनिर्भर भारत का निर्माण क्यों इतना महत्वपूर्ण है। राष्ट्रपति ने कहा कि मेरी सरकार द्वारा स्वास्थ्य के क्षेत्र में पिछले 6 वर्षों में जो कार्य किए गए हैं, उनका बहुत बड़ा लाभ हमने इस कोरोना संकट के दौरान देखा है। आयुष्मान भारत योजना के तहत देश में 1.5 करोड़ गरीबों को 5 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज मिला है। इससे इन गरीबों के 30 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा, खर्च होने से बचे हैं। आज देश के 24 हजार से ज्यादा अस्पतालों में से किसी में भी आयुष्मान योजना का लाभ लिया जा सकता है। बीते 6 वर्षों में अंडरग्रैजुएट और पोस्ट ग्रैजुएट चिकित्सा शिक्षा में 50 हजार से ज्यादा सीटों की वृद्धि हुई है।

प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत सरकार ने 22 नए ‘एम्स’ को भी स्वीकृति दी। सरकार ने बीते 6 वर्षों में बीज से लेकर बाज़ार तक हर व्यवस्था में सकारात्मक परिवर्तन का प्रयास किया, ताकि भारतीय कृषि आधुनिक भी बने और कृषि का विस्तार भी हो। मेरी सरकार ने स्वामीनाथन आयोग की सिफ़ारिशों को लागू करते हुए लागत से डेढ़ गुना MSP देने का फैसला भी किया था। मेरी सरकार आज न सिर्फ MSP पर रिकॉर्ड मात्रा में खरीद कर रही है बल्कि खरीद केंद्रों की संख्या को भी बढ़ा रही है। 2013-14 में जहां 42 लाख हेक्टेयर जमीन में ही माइक्रो-इरिगेशन की सुविधा थी, वहीं आज 56 लाख हेक्टेयर से ज्यादा अतिरिक्त जमीन को माइक्रो-इरिगेशन से जोड़ा जा चुका है।

राष्ट्रपति ने कहा-
2008-09 में जहां देश में 234 मिलियन टन खाद्यान्न की पैदावार हुई, वहीं 2019-20 में देश की पैदावार बढ़कर 296 MT तक पहुंच गयी है। इसी अवधि में सब्जी और फलों का उत्पादन भी 215 MT से बढ़कर अब 320 MT तक पहुंच गया है। मैं इसके लिए देश के किसानों का अभिनंदन करता हूँ। समय की मांग है कि कृषि क्षेत्र में हमारे जो छोटे और सीमांत किसान हैं, जिनके पास सिर्फ एक या दो हेक्टेयर जमीन होती है, उन पर विशेष ध्यान दिया जाए। देश के सभी किसानों में से 80% से ज्यादा ये छोटे किसान ही हैं और इनकी संख्या 10 करोड़ से ज्यादा है। मेरी सरकार की प्राथमिकताओं में ये छोटे और सीमांत किसान भी हैं। ऐसे किसानों के छोटे-छोटे खर्च में सहयोग करने के लिए पीएम किसान सम्मान निधि के जरिए उनके खातों में लगभग 1,13,000 करोड़ से अधिक रुपए सीधे ट्रांसफर किए जा चुके हैं।

राष्ट्रपति ने कहा-
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ भी देश के छोटे किसानों को हुआ है। इस योजना के तहत पिछले 5 वर्षों में किसानों को 17 हजार करोड़ रुपए प्रीमियम के एवज में लगभग 90 हजार करोड़ रुपए की राशि, मुआवजे के तौर पर मिली है। व्यापक विमर्श के बाद संसद ने सात महीने पूर्व तीन महत्वपूर्ण कृषि सुधार, कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक, कृषि (सशक्तीकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार विधेयक, और आवश्यक वस्तु संशोधन विधेयक पारित किए हैं। प्रधानमंत्री कुसुम योजना के तहत किसानों को 20 लाख सोलर पंप दिए जा रहे हैं। सरकार द्वारा गन्ने के सीरे, मक्का, धान इत्यादि से एथनॉल के उत्पादन को भी बढ़ावा दिया है। पिछले 6 वर्षों में सरकार की सकारात्मक नीतियों के कारण एथनॉल का उत्पादन 38 करोड़ लीटर से बढ़कर 190 करोड़ लीटर हुआ है।

गौरतलब है कि 1 फरवरी को देश का आम बजट पेश होगा। बजट सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद परिसर में प्रेस से भी चर्चा की और कहा कि सरकार संसद में सकारात्मक चर्चा चाहती है। प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण काल में सरकार ने सभी वर्गों को कई रियायत दी और संकेत दिया कि आगमी बजट भी उसी दिशा में आगे बढ़ेगा।
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