चार दशक के फ़िल्मी यात्रा में लगभग 25 हज़ार गीत गाए और...


देशभक्ति गीतों का पर्याय बन गए महेन्द्र कपूर 



(धर्म नगरी / DN News) वाट्सएप- 6261868110
अपने गीतों से कई पीढ़ियों को सम्मोहित करने वाले बहुमुखी प्रतिभा के धनी महेन्द्र कपूर हिन्दी फ़िल्म संगीत के स्वर्णकाल की प्रमुख हस्तियों में से एक थे और जब भी देशभक्ति के गीतों का ज़िक्र होता है, लोगों के मस्तिष्क में सबसे पहला नाम उनका ही आता है। 

उनके गाये हुए देशभक्ति गीत लोगों को देश के लिए कुछ कर गुजरने की भावना से भर देने की अपूर्व क्षमता रखते हैं। 'मेरे देश की धरती सोना उगले...', 'भारत का रहने वाला हूँ...', 'अबके बरस तुझे धरती की...' जैसे गीतों के साथ देशभक्ति गीतों का पर्याय बन गए महेन्द्र कपूर ने अपने चार दशक के फ़िल्मी यात्रा में लगभग 25 हज़ार गीत गाए। 

उनकी प्रतिभा केवल हिन्दी तक ही सीमित नहीं थी, बल्कि उन्होंने पंजाबी, मराठी, भोजपुरी आदि क्षेत्रीय भाषाओं के गीतों को भी स्वर दिया। इनकी संगीत के प्रति इनकी सेवाओं के लिए इन्‍हें 'राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार' (1968), 'फ़िल्म फ़ेयर अवार्ड' (1964, 1968, 1975), 'लता मंगेशकर पुरस्कार', 'पद्मश्री' जैसे पुरस्‍कारों से सम्‍मानित किया गया है। वैसे तो महेन्द्र कपूर ने अपने कैरियर में हज़ारों गीत गाये। 

महेंद्र कपूर को 1968 में “उपकार” फिल्म के बहुचर्चित गीत मेरे देश की धरती सोना उगले.. के लिए सर्वश्रेष्ठ पा‌र्श्व गायक का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला था. मोहम्मद रफी, किशोर कुमार, मुकेश, मन्ना डे, तलत महमूद, हेमंत कुमार जैसे बेमिसाल गायकों के दौर में होने के कारण कपूर को वैसी प्रसिद्धि नहीं मिली जिसके वह अधिकारी थे, फिर भी उन्होंने अपनी एक अलग पहचान बनाई। 9 जनवरी 1934 को अमृतसर में जन्में महेंद्र जी का 27 दिसंबर 2008 को हृदयघात (दिल का दौरा) से निधन हो गया.

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‘आधा है चन्द्रमा, रात आधी’ से करियर- 
महेंद्र कपूर ने ‘नवरंग’ फिल्म के ‘आधा है चन्द्रमा, रात आधी’ गीत से अपने सिंगिंग करियर की शुरुआत की थी. गाना डुएट था. आशा भोंसले के साथ. इसका म्यूज़िक कंपोज़ किया था सी. रामचंद्र ने. पहला गाना होने के चलते महेंद्र कपूर नर्वसाए हुए थे ऊपर से रिकॉर्डिंग वाले कमरे में आशा के साथ गाना, लेकिन रामचंद्र तक महेंद्र कपूर की आवाज पहुंच नहीं पा रही थी रामचंद्र ने आशा के पास जाकर कहा, महेंद्र आज नर्वस हैं बाद में रिकॉर्ड करेंगे. आशा ने बताया की कमरे में तो महेंद्र सही गा रहे हैं और उनको वहीं सुनने के लिए कहा- यहां वास्तव में उनकी आवाज सही आ रही थी. फिर पता लगा कि महेंद्र तो सही गा रहे हैं, लेकिन केबल की तार माइक्रोफोन से कनेक्टेड नहीं है. म्यूजिक डायरेक्टर तक आवाज इसलिए नहीं पहुंच पा रही थी. महेंद्र मानते हैं कि भगवती सरस्वती का आशीर्वाद था, इसीलिए सफलता मिली, अन्यथा करियर आरम्भ होने से पहले ही समाप्त हो जाता

परिवार में संगीत को लेकर नहीं थी कोई विशेष रुचि- 
महेंद्र कपूर के पापा कपड़े बेचने का काम करते थे और परिवार में संगीत को लेकर कोई विशेष रूचि नहीं थी. मां को संगीत से थोड़ा बहुत लगाव था और बाकी महेंद्र को था. कई बार जब मोहम्मद रफ़ी महेंद्र के घर आते, तो उनकी मां के हाथों की बनी छोले-पूरी खाते। फिल्मों में गाए इनके कई गाने सुपरहिट रहे साथ ही इनका गाया रामानंद सागर कृत महाभारत का थीम सॉन्ग भी लोगों के बीच काफी पसंद किया गया. ‘चलो इक बार फिर से अजनबी बन जाएं हम दोनों’ (गुमराह, 1963), ‘नीले गगन के तले’ (हमराज़, 1967), ‘मेरा प्यार वो है’ (ये रात फिर न आएगी, 1966) सहित कई गानों को अपनी आवाज़ देने वाले महेंद्र को 1972 में पद्मश्री दिया गया. 27 सितंबर, 2008 को महेंद्र कपूर ने अपनी आखिरी सांस ली थी.

Mere Desh Ki Dharti... 

One of Hindi cinema’s most prominent singers, Mahendra Kapoor, who dominated the golden age of Hindi film music for a pretty long time, was born on this day (9 January) in the year 1934. His repertoire included many popular songs but His name however became most closely associated with patriotic songs including Mere Desh Ki Dharti in Manoj Kumar's film Upkaar. He lent his voice to actor Manoj Kumar in most of his films .

In 1972, he was awarded the Padma Shri. Kapoor created a style of his own.... which led to his debut as a playback singer in V. Shantaram's Navrang in 1958, singing Aadha Hai Chandrama Raat Aadhi, under the musical direction of C. Ramchandra.

He was awarded the Indian film industry's highest award, the Dadasaheb Phalke Award, in 1985 and the Padma Vibhushan in 1992. Mahendra Kapoor is no more but his songs like ‘Mere Desh Ki Dharthi’ will keep him alive in the hearts of countless music lovers across generations.

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1 comment:

  1. महेंद्र कपूर को वैसी प्रसिद्धि नहीं मिली जिसके वह अधिकारी थे, फिर भी उन्होंने अपनी एक अलग पहचान बनाई। It is 100% true He was great singer. We pay tribute on his birth anniversary 9 January

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