#Social_Media आज के चुनिंदा पोस्ट्स, ट्वीट्स, कमेंट्स...2021321
जोगीरा सा रा रा रा रा...
बुआ-बबुआ से यूपी गयल ,
दीदी से गयल बंगाल!
खांसी से दिल्ली गयल,
गठबंधन भयल कंगाल!
जोगीरा सा रा रा रा रा...
बुआ रोए...
भतीजा रोए..
रोए केजरीवाल...
चौराहे पर कुर्ता फाड़ के...
करे राहुल बवाल...
जोगीरा सा रा रा रा रा...
भैंस के चारा घपला कर के...
बाबूजी गइलन जेल,
अब संविधान बचावे निकलल हउवन...
बेटा ऩौवी फेल...
जोगीरा सा रा रा रा रा...
मायावती ने माया खोई,
ममता ने खोई क्षमता
गली गली में राहुल घूमे,
पर घास न डाले जनता
जोगीरा सा रा रा रा रा...
खांसी से दिल्ली गयल,
गठबंधन भयल कंगाल!
जोगीरा सा रा रा रा रा...
बुआ रोए...
भतीजा रोए..
रोए केजरीवाल...
चौराहे पर कुर्ता फाड़ के...
करे राहुल बवाल...
जोगीरा सा रा रा रा रा...
भैंस के चारा घपला कर के...
बाबूजी गइलन जेल,
अब संविधान बचावे निकलल हउवन...
बेटा ऩौवी फेल...
जोगीरा सा रा रा रा रा...
मायावती ने माया खोई,
ममता ने खोई क्षमता
गली गली में राहुल घूमे,
पर घास न डाले जनता
जोगीरा सा रा रा रा रा...
*****
"जय भीम जय मीम" यह एक राजनीतिक नारा है जो वोटबैंक की राजनीति के रूप में उपयोग किया जा रहा है लेकिन इसके पीछे बहुत बड़ी इस्लामिक प्रसारवाद की नीति छुपी हुई है। हिन्दुओ का आपस में विभेद उतपन्न होने से धर्म की हानि सुनिश्चित है। हिन्दुओ के लिए यह लड़ाई राजनीतिक है जबकी मुसलमानों के लिए यह मजहबी लड़ाई है जिसमे दलितों का प्रयोग केवल हथियार के रूप में किया जा रहा है।
-
The Bhima Army is hollowing out the roots of Hindutva.
So protest Bhima Army. -@dashiranmoy72
-
#भीम_मीम_धोखा_है
#भीम_मीम_धोखा_है
#भीम_मीम_धोखा_है
#भीम_मीम_धोखा_है
#भीम_मीम_धोखा_है
#भीम_मीम_धोखा_है
#भीम_मीम_धोखा_है
#भीम_मीम_धोखा_है
#भीम_मीम_धोखा_है
#भीम_मीम_धोखा_है
#भीम_मीम_धोखा_है
Jai Bhim Jai Meem - slogan aims to divide Hindus. Behind it the plan to spread Islam. Where Hindu in majority - Dalit-Muslim Bhai !! - @PathakMedia -
#होलिका_दहन #होलिकादहन2021 #होलिका_दहन_की_हार्दिक_शुभकामनाएं
🙏
त्यौहार नहीं, व्यवहार बदलिए... - www.twitter.com/DharmNagari
-
Today, a new political strategy has been played to cut the Scheduled Caste-Tribe class from Hindu society. It was named the maneuver of the nexus of "Bhim-mim".
G
#भीम_मीम_धोखा_है -@Ganeshs74486750
-The political class advocating for Dalit and Muslim unity is suffering from ideological collapse and heavy lack of imagination. Msd #भीम_मीम_धोखा_है -@hindu887515
-
-
-
नैरेटिव की ताकत...
नैरेटिव की ताकत क्या होती है वो मैं इन दो उदाहरणों से फिर से आपको बताता हूं.
1. कर्नाटक के कलबुर्गी में एक 14 वर्षीय दलित हिंदू को शांतिदूतों ने तालिबानी अंदाज में क्रूरतम तरीके से मार डाला. इसका कारण ये था कि मृतक की एक मुस्लिम लड़की से दोस्ती थी. और पता है हत्या किसने की? लड़की अम्मी और उसकी एक परिचित ने. लड़के का प्राइवेट पार्ट काट डाला गया, नाक काट डाली गई और फिर बोरी में भरकर नदी में फेंक दिया..!!
2. डासना में एक नाबालिग शांतिदूत मंदिर में पानी पीने घुस गया तो श्रृंगी यादव ने उसकी पिटाई कर दी. श्रृंगी यादव पर एक्शन हुआ है वो जेल गए हैं..!!
अब लड़ाई शुरू हुई नैरेटिव की. कर्नाटक में एक नाबालिग हिंदू को काट डाला गया जबकि डासना में एक नाबालिग शांतिदूत की पिटाई की गई. कर्नाटक मामले में सबने चुप्पी साधे रखी लेकिन डासना मामला राष्ट्रीय मुद्दा बन गया. कर्नाटक मामला कमजोर हिंदू नैरेटिव के कारण गुम हो गया जबकि मजबूत व सशक्त नैरेटिव के कारण डासना मुद्दे जबरदस्त हाइप दी गई तथा ये प्रमाणित करने में कामयाब रहे कि हिंदू उग्रवादी होते जा रहे हैं शांतिदूतों को निशाना बना रहे हैं..!!
एकजगह क्रूरतम हत्या होती है तो चुप्पी साध ली जाती है लेकिन दूसरी तरफ पिटाई होती है तो लोकतंत्र खतरे में आ जाता है तथा सॉरी अब्दुल ट्रेंड चलने लगता है. आप अब्दुल के लिए सॉरी हो लेकिन 14 साल के दलित को मार डाला गया, उसके लिए नहीं आखिर क्यों?
आप डासना मामले पर सॉरी हो लेकिन फतेहपुर में मोहम्मद राजू के बलात्कार की शिकार दलित नाबालिग के लिए नहीं, आखिर क्यों? आप डासना पर सॉरी हो जाते हो लेकिन मेरठ में लड़कियों के अंडरगारमेंट्स चुराकर, उन्हें सूंघकर *** करने वालों की हरकत पर नहीं, आखिर क्यों? आप डासना पर सॉरी हो लेकिन 30 से ज्यादा कुत्ते कुतियो के साथ **** करने वाले अहमद पर नहीं ,आखिर क्यों??
इसका सीधा जवाब हिंदू नैरेटिव का कमजोर व हिंदू विरोधी नैरेटिव का मजबूत होना है. वो अपने मजबूत नैरेटिव के कारण छोटी सी घटना को राष्ट्रीय मुद्दा बना देते हैं जबकि हम लोग नैरेटिव सेट कर ही नहीं पा रहे हैं और जो लोग हिंदू नैरेटिव सेट करना भी चाहते हैं, उनका साथ देना तो छोड़ो, मौका मिलते ही उन्हें लपेट ही लेते हैं..!!
और बड़ी बात.. डासना मामले का पूरा सच सामने ही नहीं आ पाया है. अगर लड़के को प्यास ही लगी थी तो पानी पीने डासना मंदिर में अंदर क्यों गया था जबकि नल मंदिर के बाहर ही लगा है. जब मंदिर मुस्लिमों को प्रवेश नहीं देता तो जबरन क्यों जाना मंदिर में?
लेकिन नैरेटिव की ताकत देखिए! बड़ी आसानी से उन्होंने इस मामले को लोकतंत्र के लिए खतरा बताया दिया, वह इसके लिए इस कदर सॉरी हो गए कि हिंदुओं को उग्रवादी साबित कर बैठे और हम? हमने क्या किया? हम तो कर्नाटक के मृतक के लिए सॉरी हो पाए और फतेहपुर की रेप पीड़िता के लिए क्योंकि हमारा कोई नैरेटिव है ही नहीं..!!
पुनः दोहरा रहा हूं कि जब तक हिंदू अपना खुद का नैरेटिव सेट कर उसे मजबूती से लागू नहीं करेगा, वह पिछड़ता ही चला जाएगा और वो लोग इसी तरह सॉरी होकर हिंदुओं को नीचा दिखाते रहेंगे..!!
#साभार #सोशल_मीडिया से
-
-
... Coloum being updated shortly
------------------------------ -----------------
इसे भी पढ़ें-
आज के चुनिंदा पोस्ट्स, ट्वीट्स, कमेंट्स...
आज के चुनिंदा पोस्ट्स, ट्वीट्स, कमेंट्स...
☟
http://www.dharmnagari.com/2021/01/Aaj-ke-selected-Posts-Tweets-Comments-Friday-15-Jan-2021.html
------------------------------ -----------------
-
https://twitter.com/OfficialTeamPs/status/1376028157187350534?s=20https://twitter.com/OfficialTeamPs/status/1376028157187350534?s=20
Post a Comment