महाराष्ट्र सरकार पर मुंबई के एक बड़े पत्रकार का खुलासा...

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मुंबई के एक बड़े पत्रकार का खुलासा
महाराष्ट्र में बच्चे बच्चे को पता है कि यह तीनों एकदम विपरीत विचारधारा वाले राजनीतिक दलों की सरकार सिर्फ पैसे की वसूली के लिए ही बनाई गई थी।

शिवसेना हिंदूवादी पार्टी थी, एनसीपी कट्टर इस्लाम परस्त पार्टी है और काँग्रेसी तो मौसमी विचारधारा वाली पार्टी है यानी हिंदू बहुल क्षेत्र में हिंदूवादी बन जाती है मुस्लिम बहुल या ईसाई बहुल राज्य में हिंदू विरोधी बन जाती है।

एनसीपी महाराष्ट्र में कभी सत्ता में नहीं आयी और पैसे की तंगी से जूझ रही है... काँग्रेस पिछली बार सत्ता में रही, लेकिन अलग-अलग वजहों से उसके तमाम मुख्यमंत्रियों को इस्तीफा देना पड़ा और वसूली का चेन हर बार टूट गया और काँग्रेस मनमाफिक वसूली नहीं कर पायी।

सबको पता होगा विलासराव देशमुख मुंबई बम कांड के बाद तुरंत ही अपने फिल्म स्टार बेटे रितेश देशमुख और फिल्म निर्देशक राम गोपाल वर्मा को उन सब जगहों को दिखाने ले गए थे जहाँ लोग मरे थे लाशें थी खून ही खून था ताकि राम गोपाल वर्मा इस पर फिल्म बनाए और उनके बेटे को हीरो ले सकें... उन्हें कुर्सी छोड़नी पड़ी! 

फिर अशोक चह्वाण आये  उनके ऊपर वसूली का हाईकमान का प्रेशर आया तो उन्होंने पूरी की पूरी एक वसूली वाली इमारत बना दी जिसे आदर्श घोटाला कहा जाता है... उसकी वजह से उन्हें भी इस्तीफा देना पड़ा!

शिवसेना हमेशा बीजेपी के पार्टनर के रूप में सत्ता में रही। बीजेपी के साथ होने से अपनी मनमाफिक काम यानी वसूली नहीं कर पायी। 

फिर जब महाराष्ट्र में इसबार किसी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला तब पैसे की तंगी से जूझ रहे काँग्रेस, एनसीपी और शिवसेना को एक ख्याल आया कि क्यों ना हम अपनी विचारधारा को फेंक दें और केवल वसूली के लिए मिलजुलकर सरकार बना लें। 

काँग्रेस को ये आईडिया तुरंत पसंद आ गया, क्योंकि काँग्रेस के पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह हाईकमान को घुंघराले केश समझते हैं... अशोक गहलोत हर बार कहते हैं मैडम ठजाना ठाली है... भूपेश बघेल थोड़ी बहुत हाईकमान की मदद करते हैं, लेकिन वह भी कहते हैं मैडम हमारा गरीब राज्य है!

फिर महाराष्ट्र जैसे समृद्ध राज को लूटने का मौका अपने हाथ से काँग्रेस जाने नहीं देना चाहती थी और तीनों विपरीत विचारधारा वाले दलों ने मिलकर एक महाराष्ट्र वसूली आघाडी बना लिया। 

उसके बाद के घटनाक्रम आप देखिए जो बड़े दिलचस्प हैं...
सचिन बाजे को सारे नियम कानून ताक पर रखकर दोबारा नौकरी पर रखा गया। तुरंत ही उसे सबसे महत्वपूर्ण पोस्टिंग यानी क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट का हेड बना दिया गया जबकि वह उस पद पर बैठने का काबिल नहीं था क्योंकि उस पद पर एक इंस्पेक्टर रैंक का अधिकारी ही बैठ सकता है! 
उसके बाद तमाम पुराने ऐसे केस खोजे गए जिसमें खूब पैसा मिले!
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जैसे 8 साल पहले बंद हो चुका कास्टिंग काउच केस दोबारा खोला गया और  तमाम फ़िल्म स्टार प्रोड्यूसर डायरेक्टर लोगों को पूछताछ के लिए सचिन वजे ने बुलाया और फिर उसकी जाँच बंद कर दी... अब सचिन बजे ने इसकी जाँच तो यूँ ही नहीं बंद की होगी या 8 साल पुराना केस ऐसे यूं ही नहीं खोला गया होगा!

उसके बाद कार मॉडिफाई करने वाले दिलीप छाबड़िया को सचिन वजे ने गिरफ्तार किया... 
कपिल शर्मा रितिक रोशन से लेकर 15 बड़े फिल्म स्टार को बुलाया गया फिर अचानक वो केस भी बंद हो गया!

आजकल एक मिस्ट्री वूमेन की चर्चा हो रही है जो होटल ट्राइडेंट में सचिन वजे से मिलने अक्सर आती थी! दरअसल महाराष्ट्र में कई बड़े बिल्डरों पर एक महिला सेक्सुअल एसॉल्ट का आरोप लगाती थी और वह केस सिर्फ सचिन वाजे को दिया जाता था और उसके बाद वापस बंद हो जाता था! अगर एनआईए उस महिला की पता लगा ले तो वह वही महिला निकलेगी जो सचिन वजे के इशारे पर बड़े-बड़े बिल्डरों को सेक्सुअल हैरेसमेंट केस में फँसाती थी और मजे की बात यह कि वह बिल्डर मुंबई के किसी भी इलाके का क्यों ना हो उसकी जाँच सिर्फ सचिन वाजे के पास ही जाती थी! 

एक और मामला आया जिसमें एक बादशाह रैपर को गलत तरीके से फेसबुक पेज पर लाइक बढ़ाने का मामला था... इसकी जाँच भी सचिन बजे को दी गई और जांच में क्या हुआ किसी को नहीं पता... 
चाहे TRP केस हो या अर्नब गोस्वामी का केस हो या कोई ऐसा केस जिसमें विरोधियों को खत्म करने का मामला हो या जिसमें खूब ज्यादा पैसा मिलने की संभावना हो वह सारे मामले सचिन बजे को दिए गए!!

अब क्या महाराष्ट्र की जनता इतनी मूर्ख है जो ये समझ न सके कि आखिर इस सचिन वजे को ही सारे हाईप्रोफाइल मामले क्यों दिए जाते रहे। भले ही वह उसके एरिया का केस हो कि ना हो !!

एंटीलिया के सामने जो विस्फोटक से भरी स्कॉर्पियो खड़ी थी स्कॉर्पियो मिलने के तुरंत बाद महाराष्ट्र सरकार ने इस केस का जाँच अधिकारी सचिन बजे को बना दिया जबकि सचिन बजे के अंतर्गत यह मामला आता ही नहीं था !

दरअसल कहावत में कहा गया है कि हमेशा आटे में नमक डालकर खाना चाहिए कभी भी नमक में आटा डालकर नहीं खाना चाहिए.... लेकिन युगो युगो से पैसे की भूखी यह तीनों पार्टियाँ यानी एनसीपी, काँग्रेस और शिवसेना यह सोची कि हम तो सरकार में हैं हमें पूरा पावर है तो क्यों ना अब नमक में ही आटा डालकर खाया जाए और उसी खेल में एनआईए की एंट्री हुई... तब जाकर इस महाराष्ट्र वसूली आघाडी का पूरा कारनामा दुनिया के सामने आ गया !!
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(नोट- पोस्ट मुंबई के पत्रकार/लेखक के अनुभव / विचार है, जिसकी पुष्टि हम नहीं करते, आप अपनी प्रतिक्रिया हमे नीचे कमेंट बॉक्स मेअवश्य लिखें। )

सोशल मीडिया से...
MVA - Maha Vasuli Aghadi Govt is completely feeding on its people.
Now, can Maharashtra CM declare percentages of
Vasuli Sena, National Collection Party & Sonia Congress?
Else CM  @OfficeofUT  should take resignation of Anil Deshmukh. Otherwise he will be known as
‘Shameless CM’! -@Sunil_Deodhar
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... Coloum being updated



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