चारधाम 2021 : पावन वेला में खुले गंगोत्री धाम के कपाट खुले...
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उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री मंदिर के कपाट आज सुबह पारंपरिक धार्मिक अनुष्ठान के साथ छह माह के लिए खोल दिए गए। गंगोत्री धाम के कपाट खुलते ही मां गंगा का परिसर जयकारों से गूंज उठा. विशेष बात यह रहा, कि गंगोत्री के पंडा पुरोहितों ने पहली पूजा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के नाम से की और भेंट भी चढ़ाई. पुरोहितों ने देश और दुनिया को कोरोना महामारी से निजात दिलाने के लिए विशेष पाठ का आयोजन किया.
कोविड महामारी को देखते हुए श्रद्धालुओं को पूजा-अर्चना की अनुमति नहीं दी गई। पुजारियों को भी सीमित संख्या में पारंपरिक अनुष्ठान करने की अनुमति दी गई। उत्तराखंड सरकार ने कोविड को देखते हुए पहले ही इस साल की चार धाम यात्रा स्थगित कर दी है।
कोरोना संक्रमण के कारण इस बार तीर्थ पुरोहितों के गांव मुखबा में कोई विशेष उत्साह नहीं दिखा। शुक्रवार सुबह मुखबा स्थित गंगा मंदिर में मां गंगा की विशेष पूजा अर्चना की गई। पूर्वाह्न पौने बारह बजे मंदिर के गर्भगृह से मां गंगा की भोग मूर्ति के साथ ही मां सरस्वती एवं मां अन्नपूर्णा की मूर्ति को बाहर निकालकर डोली में विराजमान किया गया।
गांव में उपस्थित लगभग 25 पुरोहित परिवारों ने आराध्य समेश्वर देवता की डोली की मौजूदगी में मां गंगा की डोली यात्रा का विदा किया। इस बार कोविड गाइड लाइन के चलते महज 21 लोग ही डोली यात्रा में सम्मिलित हुए। सेना का पाइप बैंड भी डोली यात्रा में सम्मिलित नहीं हो पाया।
अक्षय तृतीया के मिथुन लग्न में खुले कपाट-
अक्षय तृतीया के मिथुन लग्न की शुभ बेला पर आज (15 मई) प्रात: 7.31 बजे पर गंगोत्री धाम के कपाट खोल दिए गए। कोरोना महामारी के मद्देनजर सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार इस बार बिना श्रद्धालुओं के कपाट खोले गए। कपाटोद्घाटन पर पहली पूजा प्रधानमंत्री मोदी व प्रदेश के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत द्वारा भेंट स्वरूप भेजी गई 1101-1101 रुपये की धनराशि के साथ हुई। इससे पहले शुक्रवार 14 मई को यमुनोत्री धाम के कपाट खोले गए। कोरोना महामारी के कारण इस बार आम श्रद्धालु चारधाम यात्रा के लिए नहीं आ पाएंगे। वहीं सरकार इन धामों के ऑन लाइन दर्शन करवाने की बात भी कर रही है।
शुक्रवार को शीतकालीन प्रवास मुखबा गांव से मां गंगा की भोग मूर्ति को डोली-यात्रा के साथ गंगोत्री धाम के लिए प्रस्थान किया गया था। डोली-यात्रा भैरोंघाटी स्थित प्राचीन भैरव मंदिर में रात्रि विश्राम के पश्चात आज शनिवार को तडक़े गंगोत्री पहुंची। जिसके बाद सुबह 7:30 बजे गंगोत्री मंदिर के कपाट खुले।
अक्षय तृतीया के मिथुन लग्न की शुभ बेला पर आज (15 मई) प्रात: 7.31 बजे पर गंगोत्री धाम के कपाट खोल दिए गए। कोरोना महामारी के मद्देनजर सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार इस बार बिना श्रद्धालुओं के कपाट खोले गए। कपाटोद्घाटन पर पहली पूजा प्रधानमंत्री मोदी व प्रदेश के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत द्वारा भेंट स्वरूप भेजी गई 1101-1101 रुपये की धनराशि के साथ हुई। इससे पहले शुक्रवार 14 मई को यमुनोत्री धाम के कपाट खोले गए। कोरोना महामारी के कारण इस बार आम श्रद्धालु चारधाम यात्रा के लिए नहीं आ पाएंगे। वहीं सरकार इन धामों के ऑन लाइन दर्शन करवाने की बात भी कर रही है।
शुक्रवार को शीतकालीन प्रवास मुखबा गांव से मां गंगा की भोग मूर्ति को डोली-यात्रा के साथ गंगोत्री धाम के लिए प्रस्थान किया गया था। डोली-यात्रा भैरोंघाटी स्थित प्राचीन भैरव मंदिर में रात्रि विश्राम के पश्चात आज शनिवार को तडक़े गंगोत्री पहुंची। जिसके बाद सुबह 7:30 बजे गंगोत्री मंदिर के कपाट खुले।
कोरोना संक्रमण के कारण इस बार तीर्थ पुरोहितों के गांव मुखबा में कोई विशेष उत्साह नहीं दिखा। शुक्रवार सुबह मुखबा स्थित गंगा मंदिर में मां गंगा की विशेष पूजा अर्चना की गई। पूर्वाह्न पौने बारह बजे मंदिर के गर्भगृह से मां गंगा की भोग मूर्ति के साथ ही मां सरस्वती एवं मां अन्नपूर्णा की मूर्ति को बाहर निकालकर डोली में विराजमान किया गया।
गांव में उपस्थित लगभग 25 पुरोहित परिवारों ने आराध्य समेश्वर देवता की डोली की मौजूदगी में मां गंगा की डोली यात्रा का विदा किया। इस बार कोविड गाइड लाइन के चलते महज 21 लोग ही डोली यात्रा में सम्मिलित हुए। सेना का पाइप बैंड भी डोली यात्रा में सम्मिलित नहीं हो पाया।
कपाट बड़े सादगी से खोले गए : मंदिर समिति
गंगोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष सुरेश सेमवाल ने कहा कि साल 2020 की तरह इस साल भी गंगोत्री धाम के कपाट बड़े सादगी से खोले गए. कोरोना गाइडलाइन के हिसाब से मंदिर परिसर में पुरोहित और प्रशासन के कुछ लोगों ने शिरकत की. मंदिर के कपाट विधि विधान के साथ खोल तो दिए गए हैं, लेकिन हर साल की तरह गंगोत्री धाम में ना तो आर्मी के बैंड दिखे और ना भक्तों का उत्साह अब धाम के व्यापारियों और पंडा पुरोहितों को उम्मीद है कि जल्द ही कोरोना महामारी समाप्त होगी और धामों में फिर से चहल-पहल के साथ चार धाम यात्रा शुरू हो पाएगी.
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