देश में गृह युद्ध जैसी स्थिति पैदा करने और मोदी को हर मोर्चे पर विफल करने...

 क्या डिज़ाइन की गई है भारत में चीनी वायरस की दूसरी लहर और...

क्या ये चीन के माओवादियों और भारत में छिपे स्लीपर सेल का एक खतरनाक खेल है !


मोदी किन-किन अंतर्राष्ट्रीय लॉबी के रास्ते का एक बड़ा कांटा है ! 
(धर्म नगरी / DN News वाट्सएप- 6261868110)  

क्या तीसरे विश्व युद्ध की शुरुआत की तयारी हो गई ! इसका केंद्र बिंदु भारत है ! क्या भारत को किलिंग ज़ोन बनाया गया है...?
#चीन को पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने आर्थिक रूप से बहुत नुक़सान पहुँचाया। चीन ने मानव-निर्मित कोरोना वायरस की सहायता से अमेरिका में लाखों लाशें गिरा दी । अमेरिका की मीडिया को कंट्रोल करके #ट्रम्प के विरुद्ध इतना ढिंढोरा पिटवाया, कि लोग ट्रम्प को इन सबका ज़िम्मेदार समझ बैठे । फिर, ट्रम्प को चीन ने अपने प्लान 2.0 के अनुसार सत्ता से बाहर का रास्ता दिखा दिया...। 
 
अब चीन वही रणनीति भारत में अपना रहा है, ताकि मीडिया द्वारा लोगों के मन में मोदी के ख़िलाफ़ ग़ुस्सा भरकर मोदी को 2024 में निपटा दिया जाए। परन्तु चीन की समस्या यह है, कि प्रधानमंत्री मोदी कोई डॉनल्ड ट्रम्प नहीं है। उन्होंने शेर की पूंछ को पकड़ा है।

प्रश्न उठना स्वाभाविक है, क्या कोरोना की यह दूसरी लहर भारत के खिलाफ एक नियोजित जैविक युद्ध है ?
क्या आप मानते हैं, कि भारत में वर्तमान व्यापक महामारी की दूसरी लहर सामान्य रूप से वायरस के फैलने के कारण है ?

एक समय तक हम भी मानते थे कि यह #कोरोना की दूसरी लहर है, लेकिन अब मन में बहुत सारे संदेह हैं। अब संपूर्ण #भारतीय उपमहाद्वीप की स्थिति को देखें। भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल, भूटान... इन देशों में या एशिया के किसी अन्य देश में कोई कोरोना की दूसरी लहर/ सेकंड स्टेज नहीं है। वहाँ आज भी वैसी ही स्थितियां हैं, जैसा कि ढाई महीने पहले तक भारत में थी... बिल्कुल सामान्य...।

फिर यह कोरोना बम भारत में ही अचानक कैसे फटा ?  क्या उन सभी देशों के नागरिक भारतीयों की तुलना में बहुत अनुशासित हैं ? क्या वे महामारी से बचने के लिए सारा दिन मास्क पहनते हैं ? नहीं !
क्या उनकी भौगोलिक स्थिति भारत से भिन्न है ? नहीं !
तब कैसे कोरोना की दूसरी लहर इन देशों को छू भी नहीं पाई और भारत को बुरी तरह जकड़ रही है...! क्यों ? 

ICMR (Indian Council of Medical Research) ने कोरोना की पहली लहर के समय कहा था- भारत में करोड़ों लोगों को यह बीमारी हुई और उन्हें पता भी नहीं चला और जब करोड़ों लोगों को यह वायरस लग जाता है, तो उनमें रोग प्रतिरोधकता पनप जाती है। यदि ऐसा है, तो दूसरी लहर  इतनी ख़तरनाक कैसे हो गयी ?
और ऐसा भारत में ही क्यों हुआ ?
इस महामारी के बाद की विश्व की स्थितियों को देखें। इन सबके बावजूद चिकित्सा, अर्थव्यवस्था प्रबंधन से लेकर वैक्सीन बनाने तक भारत ने पूरी दुनिया को चकित कर दिया।

जबकि चीन की वास्तविक चिंता यह है, कि भारत इतना अच्छा कैसे कर गया कोरोना के बावजूद भी...? चीन जो आज भारत की मदद करने की बात कर रहा है ! वही चीन पिछले साल भी इसी महामारी के समय में घुसपैठ कर रहा था। वहाँ से लात मारकर भगाने के बाद स्थिति में काफ़ी सुधार हुआ, लेकिन यह फिर हमारी मदद करने में लगा है ? क्यूँ ?

पाकिस्तान लंबे समय से हमारा दुश्मन है और वो भी भारत की मदद की बात कर रहा है...! क्यूँ ?

एक बहुत महत्वपूर्ण कारण यह है, कि मोदी इस वामपंथी लॉबी के आगे पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प की तरह झुक नहीं रहे हैं।

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दुनिया की फार्मा लॉबी (मेडिकल लाइन), ऑयल लॉबी (पट्रोलीयम / तेल) और आर्म्स लॉबी (हथियार बनाने वाली कम्पनियाँ) ने इस महामारी का निर्माण किया और अमेरिका में BlackLivesMatter और जॉर्ज फ्लॉयड के मुद्दों को लेकर मीडिया ने इतना भयंकर उत्पात मचाया, कि डॉनल्ड ट्रम्प हार गए
 या यूँ कहें जीता हुआ चुनाव इस लॉबी ने सबको कंट्रोल करके (हाईजैक कर) लिया, एक अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प को सारे सोशल मीडिया से ग़ायब कर दिया, उनके अकाउंट ब्लॉक कर दिए...। आप सोचिए कि ये कितने शक्तिशाली लोग है...!

डॉनल्ड ट्रम्प के साथ इन लोगों ने ऐसा इसलिए किया, क्योंकि ट्रम्प इन लॉबी के खिलाफ खड़े थे। आपको पता होगा कि अमेरिका, अफगानिस्तान, इराक़ (अरब देश) में अपनी शांति सेना भेजता है और सेना को हथियार चाहिए। हथियार अमेरिका की कम्पनियाँ (Arms लॉबी) उपलब्ध करवाती है, जो अमरीकी सरकार से भारी पैसे लेती है, लेकिन ट्रम्प ने इन देशों से अमेरिकी सेना को अपने कार्यकाल में वापस बुलवा लिया, तो एक गोली तक नहीं चली तो सोचिए इस arms lobby को कितना नुक़सान हुआ होगा...!

आज यही लोग मोदी के पीछे पड़े है...!
जानते हैं क्यों ?
क्योंकि फार्मा कंपनियों (दवाई बनाने वाली कम्पनियाँ) का कारोबार कम से कम 4 से 6 ट्रिलियन डॉलर (सालाना) है। कम से कम 1.25 ट्रिलियन का वैक्सीन का कारोबार था, जो मोदी कि वजह से शून्य हो गया। जब यहाँ भारत ने भी वैक्सीन बना ली, तो हम इन अमेरिकी कम्पनियों की वैक्सीन क्यों ख़रीदें ?
इसलिए कुछ दिन पहले अमेरिका ने रॉ मटीरीयल रोक लिया था, जिससे भारत में बन रही वैक्सीन में बाधा उत्पन हो
। फिर हम मजबूर होकर अमेरिका की Pfizer और moderna वैक्सीन ख़रीदें, वो भी बिना शर्त के मतलब इस वैक्सीन से अगर भारत के लोगों में कोई साइड इफ़ेक्ट हो, तो ज़िम्मेदारी इन कम्पनियों की नहीं मोदी सरकार की होगी। इन अमेरिकी वैक्सीन से कई लोग हार्ट अटैक से मर चुके है...
 
500 बिलियन डॉलर का पीपीई किट और मास्क का कारोबार लगभग कम हो गया
।  यह भी मोदी की वजह से, क्यूँकि आत्मनिर्भर के तहत भारत में ही बनने शुरू हो गये यह सब

इन लोगों की दिक़्क़त यह है, कि कोरोना के कारण भारत जो नुक़सान झेल रहा था, कैसे वो चिकित्सा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन गया ? कैसे एक देश (दूसरे देशों से भिक्षा माँगने वाला) एक टीका बांटने वाला देश बन गया ?

आश्चर्यचकित करने वाला है ना ?

जर्मनी इस दर्द को जानता है, कि भारत ने उन्हें ड्रग्स (दवाइयों) के क्षेत्र में कैसे हराया।
कृपया कर एकबार फिर से विचार करें।
भारत यहीं नहीं रुक रहा और आगे जा रहा है... 

अगले 2-3 वर्षों में भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए 75,000 से एक लाख चार्जिंग स्टेशन बनाए जा रहे हैं, जो तेल की खपत को 30% तक कम कर देंगे। यह वैश्विक तेल लॉबी के सामने (
गाल पर) एक थप्पड़ है।

सिर्फ यह नहीं...
भारत ने एलसीए लड़ाकू विमानों और ब्रह्मोस मिसाइल का निर्यात शुरू कर दिया है, जो वैश्विक हथियार लॉबी के लिए एक बड़ा झटका साबित हो रहा है।

मोदी इन सभी लॉबी के रास्ते में चुभने वाला एक बड़ा कांटा है...
और ये लोग अच्छी तरह से जानते है, कि इस कांटे को केवल भारत की जनता में मोदी के ख़िलाफ़ गुस्सा भरके ही हटाया जा सकता है।

एक और पहलू है...
ज्यादातर लोगों को मोदी की असम और पश्चिम बंगाल चुनावों में प्रचार और रैलियाँ पर गुस्सा आया है, लेकिन उन्हें जियो पॉलिटिक्स (विश्व राजनीति) की कोई समझ नहीं है।

असम और पश्चिम बंगाल में 15 करोड़ बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों को मेहमान बनाया गया है। जिनके आधार कार्ड ममता बनर्जी और राहुल गांधी ने बनवायें है
।  

अब इसे संवेदनशीलता से समझिये, असम और बंगाल शायद भारत के लिए उतना ही महत्वपूर्ण है, जितना कि कश्मीर।

एक बार आप Google पर "चिकन नेक" टाइप करके खोजें...
"मानो या न मानो, भारत में चीनी वायरस की दूसरी लहर मोदी को हर मोर्चे पर विफल करने और देश में गृह-युद्ध जैसी स्थिति पैदा करने के लिए डिज़ाइन की गई है
यह चीन के माओवादियों और भारत में छिपे स्लीपर सेल (सोशल मीडिया) का एक खतरनाक खेल है।

24 x 7 मृत शरीर, 
ऑक्सीजन की कमी और 
महामारी की खबरें दिखाते हुए विपक्षी दल, 
कांग्रेस और अन्य पार्टियाँ मोदी-विरोधी ग्लोबल लॉबी के साथ मिलकर साजिश कर रही हैं...!

एक लड़के की माँ की मृत्यु हो जाती है और वो सोशल मीडिया पर ट्वीट करता है, 
लेकिन वही ट्वीट (same tweet) सैकड़ों लोगों द्वारा किया जाता है कि मेरी माँ की मृत्यु हो गई... क्यूँ ? केवल और केवल मोदी के ख़िलाफ़ माहौल बनाने के लिए...
  
केवल श्मशान में ही भीड़ क्यों ? क़ब्रिस्तान में क्यूँ नहीं ? सिर्फ हिंदुओं को बाँटने के लिए...

एक जैसे 200 ट्वीट्स / पोस्ट सामने आए, कि हमारी माँ ऑक्सीजन के बिना मर गई ?
टूल किट गैंग (सोशल मीडिया गैंग) किसके इशारे पर फिर से सक्रिय हुई है ?
अचानक किसान भी दिल्ली की सीमा पर वापस लौट आया ?

जैसे ही महाराष्ट्र में 100 करोड़ का वसूली कांड सामने आया, मोदी के लिए बंगाल को जीतना आसान हो गया था...
। और इसके बाद अचानक यह महामारी वापस आ गयी ? 

यह एक षड्यंत्र है, मानो या ना मानो !
यह बहुत बड़ा युद्ध भी हो सकता है निकट भविष्य का !

प्रश्न केवल एक है- अचानक यह केवल भारत के साथ क्यों हुआ...? पड़ोसी देशों के साथ क्यूँ नहीं ?

यह एक दुर्जेय जैविक हथियार युद्ध है !!
थोड़े-थोड़े अंतराल के बाद यह लड़ाई काफी आगे जाने वाली है।

अगर आप अगली पीढ़ी को गुलाम नहीं बनाना चाहते हैं, तो इस स्थिति में आप अच्छी तरह से समझते हैं, कि आपको क्या करना है ! 
#Stand_with_Modi
देश में बहुत बड़ी साजिश रची जा रही है...! हम सावधान रहें...! कुछ गद्दार लोग से ! वो गद्दार आपके शहर के भी हो सकते हैं...
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(दुनिया हुई चीन के षड्यंत्र का शिकार ! चीन में सब कैसे सही, दुनिया परेशान क्यों ? )
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http://www.dharmnagari.com/2021/05/EmploymentnewsDN28-May-2021.html
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