#Social_Media माइक्रोलेवल पर चल रही है भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने की प्लानिंग !


मूक बधिर मनु यादव को बना दिया मुसलमान 

- कहते हैं बूंद बूंद से सागर भरता है... भारत में जिहाद इसी योजना पर चल रहा है... उत्तर प्रदेश की एटीएस ने अभी दो मौलानाओं को जबरन धर्मांतरण के आरोप में गिरफ्तार किया

-जबरन धर्मांतरण के आरोपी इन मौलानाओं ने बताया कि वो अब तक एक हजार से ज्यादा लोगों को मुसलमान बना चुके हैं

- लेकिन आश्चर्य की बात ये है कि इन मौलानाओं ने अपना टारगेट किसको चुना... इन्होंने टारगेट किया... दिव्यांग बच्चों को... इन्होंने सबसे पहले ऐसे एनजीओ से संपर्क किया जो दिव्यांग बच्चों की देखभाल करते हैं फिर इन एनजीओ को मोटी रकम देने का लालच दिया... फंड की कोई दिक्कत नहीं थी क्योंकि फंड तो इनको आईएसआई से मिल ही रहा था... जैसा कि यूपी एटीएस ने बताया

-एनजीओ फंड के लालच में आ गए... इसके बाद इन दिव्यांग बच्चों के मन में उनके मूल धर्म के प्रति घृणा का भाव भरा गया और फिर उन्हें कलमा पढ़वा दिया गया
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कहीं के नहीं रहे हिन्दू, सदियों से पुश्तैनी काम भी मुस्लिमों ने छीने- 
मुजफ्फर नगर (UP) का हाजी इक़बाल, जो कभी परचून की दूकान चलाते थे, आज बड़े-बड़े उद्योपतियों को टक्कर दे रहा है. बहुजन समाज पार्टी के पूर्व MLC हाजी और उनके गुर्गे ने हिन्दुओं के सारे बिजनेस पर कब्जा कर लिया...  बेचारे भ्रमित हिन्दू सरकारी नौकरी की चाह में ढपली ही बजाते रह गए. आज न हिन्दुओं के पास सरकारी नौकरी है और न ही उनका, उनके पुश्तैनी धंधे बचे... सब मुसलमानों ने छीन लिया। ये सच्ची घटना केवल उत्तर प्रदेश के मुजफ्फर नगर तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि देशभर की है... 8-9 पहले तक सब्जी-फल की मंडियों में हिन्दू ही थे, लेकिन आज एक अनुमान के अनुसार, देशभर की 90% फल-सब्जियों की मंडियों पर मुस्लिमों का कब्ज़ा हो चूका है... देखें वीडियो-


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पहली बार धर्मांतरण का ऐसा औपचारिक प्रमाण पत्र देखने को मिला है। 23 वर्ष का मनु यादव मूक बधिर है। लापता होने पर परिवार ने गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखवायी। बाद में पता चला, कि मनु यादव अब अब्दुल मंनान बन चुका है। एक युवक जो बोल नहीं सकता, सुन नहीं सकता उससे ज़बर्दस्ती इस्लाम क़ुबूल करवाया।



नोटरी करने वाला भी मुस्लिम
। इसमे लिखा है इसने मेरे सामने शपथ ली। मूकबधिर की शपथ कम से कम दो गवाहों के सामने होनी चाहिए। #सोशल_मीडिया 
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- मतलब सोचने वाली बात ये है कि हमने आपने कभी सोचा भी नहीं होगा कि किसी दिव्यांग बच्चे का भी इस्तेमाल मजरबी मकसद पूरा करने के लिए किया जा सकता है । आम तौर पर दिव्यांगों को देखकर हम दया करते हैं लेकिन दिव्यांगों को देखकर इन मौलनाओं के दिमाग में धर्मांतरण की बात आई ।

-अब हम तो सोचते हैं बेचारा दिव्यांग है... लेकिन मौलानाओं ने सोचा कि एक दिव्यांग बच्चा भी एक वोट है... फिर जब ये बच्चे पैदा करेगा... तो वो भी पांच वोट होंगे... 50 साल बाद एक दिव्यांग बच्चा जो सिर्फ एक वोट था.... 50-60 वोटों का कुनबा तैयार हो जाएगा... एक एक वोट से सरकार बन जाती है... सरकार गिर जाती है... सोचिए ऐसे एक हजार बच्चे यानी 50 साल में 50 हजार वोट तैयार हो गए.... इसे कहते हैं माइक्रोलेवल की प्लानिंग

- लव जिहाद भी माइक्रोलेवल की प्लानिंग का ही एक हिस्सा है.... एक लड़की हिंदू धर्म से कम हुई... तो अगर मान लीजिए वो लड़की 2 बच्चे भी पैदा करती है.... तो अगर वो हिंदू धर्म में होती तो तीन संख्या बढकर होती लेकिन जब वो मुस्लिम हुई तो मुसलमान आबादी में तीन संख्या बढ गई और हिंदू और मुसमलान की आबादी में गैप 6 का हो गया

- सिर्फ इतना ही नहीं एक दिन ग्वालियर से एक बुजुर्ग महिला का मुझको फोन आया... उन्होंने मुझे बताया कि उनके परिचित में एक महिला विधवा हो गई तो उसके घर पर अचानक से कुछ मौलाना धमक पड़े और बोले की 5 लाख रुपए ले लो... आपको घऱ चलाने में कोई दिक्कत नहीं आनी चाहिए... इसके बाद उनको ये भी कहा गया कि जवान हो इतनी लंबी उम्र कैसे कटेगी शादी कर लो मुसलमान हो जाओ... शौहर भी मिल जाएगा और पैसे भी... वो महिला समझदार थी उसने मना कर दिया और बोला कि मेरा शरीर नोचने और हलाला करवाने के लिए नहीं है... दफा हो जाओ... लेकिन सोचिए किस जमीनी लेवल की प्लानिंग चल रही है

- एक बार मैं यूट्यूब पर एक इमाम का भाषण सुन रहा था... उस इमाम ने अपने मौलानाओं को कहा... अरे... करने के लिए तो बहुत कुछ है... जाओ... देखो... वृंदावन में कितनी महिलाएं विधवा आश्रमों में हैं... जाकर उनसे निकाह करो और दीन की खिदमत में बच्चे पैदा करो... फिर वही बात सोचिए कितनी माइक्रोलेवल की प्लानिंग चल रही है

- और हमको मोटी मोटी बात भी समझ में नहीं आती है... अभी हिंदुओं से ये बताओ कि फलानी जगह राशन मिल रहा है तो उनको तुरंत समझ में आ जाता है और झोला लेकर पहुंच जाते हैं लेकिन अभी उनको ये बता दो कि अरे यार वहां जरा विरोध के लिए चलना है... कोई किसी को परेशान कर रहा है तो उनको बात ही समझ में नहीं आएगी... क्या हो गया... कहां हो गया... पचास सवाल पूछेंगे... जब तक कि आप उनकी जान ना छोड़ दो...

- तो भैया... जाग जाओ.. अपने बच्चों की सूरत देखकर... उनके लिए सोचो.. कि तुम उनके लिए कैसा देश छोड़कर जा रहे हो... ये तुम्हारे बच्चे ही एक दिन बड़े होकर तुमको गरियाएंगे... जैसे आज हम नेहरू और गांधी को गरियाते हैं... तो सब लोग माइक्रोलेवल की प्लानिंग का जवाब देने के लिए खड़े हो.... सब इकट्ठा हो और अपने लक्ष्य की तरफ बढो.... निराश होने और बैठ जाने का वक्त नहीं है... संघर्ष करने का वक्त है।
#साभार Fb- Rajeshanand Rajeshanand की वॉल  से
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ये मुस्लिम है, इसकी बात सुनिए... फिर विचार कीजिए और सतर्क हो जाइए, 
बीते साल से सोशल मीडिया में वायरल इस वीडियो के बारे में बताते हैं, कि ये Himalaya कम्पनी का मालिक है। वीडियो के साथ ये अपील भी की जा रही हैं कि इसकी कंपनी आयुर्वेदिक मेडिसिन से ब्यूटि प्रॉडक्ट्स बनाता है liv52 syrup se lekar himaliya neem 🌿tulsi aur hand sensitiser tak सभी ग्रूप में डालिए और ख़रीदना बंद कीजिए खुद व खुद घुटने पर आ जाएगा बहुत ऑप्शनस है।(A reminder) 
वहीं, दूसरी ओर ये कहा जा रहा है, ये वीडियो तो मुसलमान का ही है, लेकिन यह हिमालय कम्पनी का मालिक नहीं है। उसका निधन वर्षों पहले हो चूका है। वैसे इन मुस्लिम का नाम जो भी हो, सोचने वाली बात है मुस्लिमों की प्लानिंग औऱ तैयारी किस हद तक चल रही है...?
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Disclaimer- इस लेख /कालम में विचार लेखकों /पोस्ट भेजने वालों के है. इसमें सभी तथ्य अक्षरशः सत्य हों, आवश्यक नहीं, क्योंकि ये उनके निजी विचार हैं.   
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आस पड़ोस में है कट्टरपंथी जिहादी तो सावधान... मिल सकती है मौत
पड़ोसी मुस्लिम परिवार के उत्पीड़न से परेशान हो एक विधवा हिन्दू महिला ने (पति की मृत्यु Covid से हुई) अपने 10 साल के नाबालिक बच्चे के साथ कि आत्महत्या

पड़ोसी मो. अयुब खान, श्रीमती शेहनाज खान आणि शादाब खान
मुंबई में एक 44 साल की महिला ने केवल इसलिए अपने बेटे के साथ मिलकर अपनी जान दे दी, क्योंकि महिला के पड़ोसी उसके नाबालिग बच्चे की शरारतों की शिकायत किया करते थे। महिला ने मुंबई के चंदीवाला इलाके में मौजूद अपने फ्लैट से अपने बेटे के साथ कूटकर जानकर दे दी। अपने सुसाइड नोट में महिला ने पड़ोसियों को इसका जिम्मेदार बताया है। सोच सकते हैं कि कितना परेशान किया होगा कि एक महिला ने खुद की जान तो दी है अब साथ ही एक मां ने अपने 10 साल के बच्चे की भी जान ले ली

शायद कानून इन पर कोई ठोस कार्यवाही नहीं कर पायेगा (कई कारण बताए जा सकते हैं) वैसे मामला उल्टा होता तो कार्यवाही भी होती और समाचार हर न्यूज़ चैनल भी प्रमुखता से चलाता और हिन्दुओं को कातिल ठहराते... लेकिन यहाँ मरने वाले हिन्दू विधवा और उसका 10 साल का बच्चा है, जिसकी जान की कीमत कुछ खास नहीं होती।

👆ऐसा इसलिये क्योंकि इस महिला के लिए आवाज कोई नहीं उठाएगा, लेकिन इतना जरूर समझ लेना हिन्दुओं कि आज जो आग पड़ोस में लग रही है, यदि उसे हमने नहीं बुझाया तो वो हमारे घरों और भी लगेगी
कुछ नहीं कर सकते तो कम से कम जेहादियों का पूरी निष्ठा के साथ बहिष्कार तो कर ही सकते हो।
#साभार- प्रशासक समिति 
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...ये तो मना है, फिर हिन्दू भी क्यों जाएं वहां ?
देशभर में पीर, मजार हर जिले, चौक, प्रमुख पब्लिक स्थान पर हो गए हैं, जबकि 1947 तक ये नहीं थे. पाकिस्तान बनने के बाद भारत में न कोई मस्जिद बननी चाहिए थी, न कोई पीर, दरगाह या मजार, क्योंकि मुसलमानों ने लड़कर, हिंसक व् तत्कालिक (1946-47) राजनितिक परिस्थितियों एवं गाँधी-नेहरू की मुस्लिम्परस्ती व हिन्दू-द्रोही नीतियों के कारण ले लिया। पाकिस्तान में 1947 के समय जितने मंदिर थे, उसमे से 95% से अधिक तोड़ डाले गये हैं या उस स्थान में मन्दिर के स्थान पर दूसरे भवन या अन्य निर्माण कर दिए गए. हिन्दुओं भी पकिस्तांन में लगभग समाप्त होने के कगार पर हैं, लेकिन भारत में लगभग 3 करोड़ मुसलमान जिनकों बटवारे के बाद पाकिस्तान जाना था, गाँधी-नेहरू ने अपने प्रभुत्व से रोक लिया। 
हम हिन्दुओं के बाद बाप-दादा की बुध्दि-विवेक नष्ट हो गई, जो उन्होंने 40 और 50 के दशक में ही गाँधी और नेहरू का घोर विरोध नहीं किया। गाँधी-नेहरू और मुस्लिमपरस्त-हिन्दू नेताओं को उनकी वास्तविक हैसियत बता देते,  सत्ता में ही नहीं आने देते या आने के बाद दुबारा 1956 में संसद का मुँह नहीं देखने देते। 
भारत में 1947 में हजारों में रहीं मस्जिद आज 13 लाख के लगभग हो गई हैं, मदरसे, दरगाह, पीर, फकीर व् मजार की तो कोई गिनती ही नहीं है... बड़ी संख्या में हिन्दू कुछ समय तक दरगाह, पीर, फकीर, मजार जाते थे, (जिसमे अब बहुत अधिक कमी हो गई, क्योकि हिन्दू तेजी से जाग रहा है... जबकि अगर आपको नहीं पता हो तो आश्चर्य होगा, कि पीर फकीर मजार पर इबादत (पूजा) करना, चादर लड्डू आदि चढ़ाना मना है... आप भी सुने-

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हिन्दुओं से अपील-
हमे "धर्म नगरी / DN News" के प्रकाशन व् प्रसार में आर्थिक समस्या का सामना करना पड़ रहा है. अतः हमे दानदाताओ या निवेशकों की आवश्यकता है, जो हमारी गतिविधि / लंबित (Pending) कार्ययोजनाओं को शुरू करने में भागीदार या सहयोगी बन सकें। इसमें हमें NRI हिन्दू की प्रमुखता से खोज है. संपर्क- +91-6261868110 ईमेल- dharm.nagari@gmail.com ट्वीटर- @DharmNagari   
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इस दूध की गाड़ी को देखें...
थूकने का इनकी किताब में लिखा हुआ है, इन्हे उसका पुण्य मिलेगा, इसलिए थूंकतें हैं, धर्म भ्रष्ट होता है किसी का थूंका हुआ खाने पीने से, और यही उनको करना रहता है, यानी धर्म भ्रष्ट...
अब आप नीचे कमेंट बॉक्स में अपनी प्रतिक्रिया / मत लिखें- खाना बनने के बाद पहली रोटी गाय को देने वाला और फ्हिर खाने की थाली तुलसीदल डालकर, थाली के चरों और पानी उतारने वाला हिन्दू कब से और क्यों खाने लगा थूक, मूत्र वाली सब्जी-पहल, दूध, जूस, ब्रेड-टोस्ट, नॉन आदि खाने की चीजे ? क्या इन सब चीजों में कोई भी हिन्दू थूक लगाकर बेच सकता है ये चीजें या आपको थूक, मूत्र लगी वस्तु खिला सकता है ? इसका समाधान आपके स्तर पर क्या है ? मेरा मतलब आप स्वयं इसे लेकर क्या करेंगे इस वीडियो को देखने के बाद- 

अब ऊपर पूछे प्रश्न का आप ये उत्तर देंगे और ऐसा स्वयं व अपने परिचितों से करने को कहेंगे क्या ?
सभी हिंदू भाई और बहनों  से गुजारिश है कि अपने परिवार में एक मीटिंग करके माता पिता बच्चो को समझाये कि ये अवश्य करे-
1) नेता हिन्दू चुनिए
2) वकील हिन्दू चुनिए
3) इंजीनियर हिन्दू चुनिए
4) सी.ए. हिन्दू चुनिए
5) सब्जी वाला हिन्दू चुनिए
6) मोबाइल रिचार्ज  हिन्दू चुनिए
7) मेडिकल स्टोर हिन्दू चुनिए
8) दूध डेरी हिन्दू चुनिए
9) प्रिटिंग प्रेस हिन्दू  चुनिए
10) दूधवाला हिन्दू चुनिए
11) स्टेशनरी स्टोर्स हिन्दू चुनिए
12) कपडे का शोरूम व दुकान हिन्दू चुनिए
13) इलेक्ट्रॉनिक व इलेक्ट्रीकल स्टोर हिन्दू चुनिए
14)  कृषि सेवा केंद्र हिन्दू चुनिए
15) ट्रेवल बुकिंग हिन्दू चुनिए
16) फ्लोर मिल हिन्दू चुनिए
17) किराना स्टोअर्स हिन्दू चुनिए
18) हार्डवेअर दुकान हिन्दू चुनिए
19) Xerox सेंटर हिन्दू चुनिए
20) होटल हिन्दू कि चुनिए
21) सब्जी और फ्रूट वाला हिन्दू चुनिए
22) राज मिस्त्री हिन्दू चुनिए 
23) मिठाई की दुकान हिन्दू चुनिए
24) और सभी  चीजों के लिए हिन्दू व्यापारी चुनिए
चाहे कुछ महंगी ही क्यो न दे
आप देश व अपनी आने वाली पीढी के लिए इतना तो कर सकते हैं, ये आपके पास सबसे बड़ा हथियार है...  ऐसा करेंगे तो सनातन हिन्दू धर्म, समाज, आने वाली हिन्दू पीढ़ियां सभी सुरक्षित हो जाएँगी। 
हिन्दू को एक ऐसी सोच रखनी चाहिए, क्योंकि एक छोटी सोच आगे चल के बड़ी सोच बन सकती है
एकबार कड़ी से कड़ी मिला कर तो देखिये, सब सर ना झुकाएं तो कहियेगा 
#साभार Fb वॉल- Rajeshanand Rajeshananad  
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...Article / Coloum to be updated soon 
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इसे भी पढ़ें-
जनसंख्या नियंत्रण कानून भारत में सबसे पहले क्यों बने ? क्यों जरुरी है CAA-NRC ?
http://www.dharmnagari.com/2021/06/Why-Population-Control-Act-be-made-immediatelly-Kyo-CAA-NRC-turant-lagu-ho.html

        

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