#Ayodhya भूमि विवाद : कौन हैं चम्पत राय ? क्यों कहते हैं उनको...

"अयोध्या का इनसाइक्लोपीडिया" या "रामलला का पटवारी" 


(धर्म नगरी/DN News वाट्सएप-8109107075) 
राजेश पाठक-अवैतनिक संपादक 6261868110  
492 वर्षों की लंबे संघर्ष एवं आने युद्धों में लाखों हिन्दुओं एवं हजारों साधु-संतों के बलिदान के पश्चात, दशकों न्यायालय में श्रीराम के अस्तित्व, उनके जन्मस्थान को लेकर साक्ष्य (proof) मांगने / पूछने / बहस करने के बाद अब जाकर हिन्दुओं के अपने ही देश- भारत में हिन्दुओं के आराध्य श्रीराम का भव्य मन्दिर उनके जन्मस्थान में बन रहा हैं मन्दिर के आसपास की भूमि खरीद को लेकर एकबार फिर से निराधार, बेतुके आरोप लगाकर हिन्दुओं की सहनशीलता की परीक्षा ऐसी सभी राजनितिक पार्टियां व नेता ले रहे हैं, जिन्होंने सदैव श्रीराम के अस्तित्व व मंदिर निर्माण का विरोध किया। सौ करोड़ हिन्दुओं की आस्था से खेलते रहे, क्योंकि सभी जानते थे कि हिन्दू सबकुछ सहन कर लेता है, एक कार्टून बंनाने के लोगों के लगे नहीं रेत कर हत्या नहीं करता, जबकि उसी मजहब के लोग सनातन हिन्दू धर्म के देवी-देवताओं के गंदे चित्र बनाकर अपमानित करते हैं, धार्मिक परम्परा, उत्सवों को मनाने पर आपत्तियाँ लगाते हैं, कोर्ट जाते हैं, हिंसा करते हैं, जबकि उस मजहब के लोगों ने लगभग 74 साल पहले अपने लिए पूरा देश ले लिया।      

हिन्दुओं व उनके धर्म-आस्था को लगातार दुनिया में बदनाम करने की साजिश होती रही हैं, जो हिन्दुओं के आक्रामक न होने के कारण रुकने का नाम नहीं ले रहीं। ताजा घटना श्रीराम की जन्मभूमि में बन रहे भव्य मन्दिर के आसपास की भूमि को लेकर है। ये भूमि सर्वोच्च न्यायालय में लम्बी बहस और श्रीराम व उनके मन्दिर के विरोध और अंत में श्रीराम व मंदिर का अस्तित्व सिद्ध होने पर व उसपर निर्णय के अनुसार बने न्यास (trust) द्वारा भूमि खरीदने पर लगाए जा रहे आरोपों को है। अत्यंत महत्वपूर्ण एवं सीथे करोड़ों हिन्दुओं की भावनाओं से जुड़े उक्त आरोप को लेकर, जिसे विपक्ष न केवल मंदिर निर्माण, बल्कि केंद्र पर हमला करने, बदनाम करने के मौके के रूप में देख रही है। आरोप पर बिंदुवार स्पष्टीकरण को पढ़ें, न्यास के महासचिव का बयान सुने और उनके जीवन के बारे में निम्न संक्षिप्त घटना को पढ़ें। इसके बाद आप हमे अपनी प्रतिक्रिया अवश्य नीचे "कमेंट बॉक्स" लिखकर दें या वाट्सएप- 08109107075 पर भेजें अथवा हमारे ट्वीटर हैंडल- www.twitter.com/DharmNagari पर लिखें।   
 
अब पढ़ें मन्दिर न्यास के महासचिव चंपत राय से जुडी एक महत्वपूर्ण घटना- 
1975 में इँदिरा गाँधी द्वारा थोपे #आपातकाल के समय बिजनौर के धामपुर स्थित आर एस एम डिग्री कॉलेज में एक युवा प्रोफेसर चंपत राय बंसल, बच्चों को फिजिक्स पढ़ा रहे थे, तभी उन्हें #गिरफ्तार करने वहां पुलिस पहुंची क्योंकि वह संघ से जुड़े थे। अपने छात्रों के बीच बेहद लोकप्रिय चंपत राय जानते थे कि उनके वहाँ गिरफ्तार होने पर क्या हो सकता है। पुलिस को भी अनुमान था कि छात्रों का कितना अधिक प्रतिरोध हो सकता है।


प्रोफ़ेसर चंपत_राय ने पुलिस अधिकारियों से कहा, आप जाइये में बच्चों की क्लास खत्म कर थाने आ जाऊँगा। पुलिस वाले इस व्यक्ति के शब्दों के वजन  को जानते थे, अतः वे लौट गए। क्लास खत्म कर बच्चों को शांति से घर जाने के लिए कह कर  प्रोफेसर चंपत राय घर पहुँचे, माता_पिता के चरण छू आशीर्वाद लिया और लंबी जेल यात्रा के लिए थाने पहुंच गए।

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श्रीराम मंदिर के आसपास की भूमि को लेकर वास्तविकता क्या है ? क्या श्रीराम मंदिर निर्माण को रुकवाने की बड़ी राजनितिक साजिश चल रही है देश में ?  क्या है सच्चाई, आप भी सुने और link को अपने वाट्सएप ग्रुप / फेसबुक / ट्वीटर आदि को भेजें  
अब सुने श्रीराम जन्‍म भूमि तीर्थ क्षेत्र न्‍यास के महासचिव चम्‍पत राय से वास्तविकता-
https://www.youtube.com/watch?v=VqvX4ZXKgVE&t=2s
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18 महीने उत्तर प्रदेश की विभिन्न जेलों में बेहद कष्टकारी जीवन व्यतीत कर जब बाहर निकले तो इस दृढ़प्रतिज्ञ युवा के आत्मबल को संघ के सर संघचालक रज्जूभैया ने पहचाना और राममंदिर की लड़ाई के लिए अयोध्या को तैयार करने का जिम्मा उनके कंधों पर डाल दिया।

चंपत_राय ने अपनी सरकारी नौकरी को छोड़ दिया और राम काज में जुट गए। वे अवध के गाँव-गाँव गये हर द्वार खटखटाया। स्थानीय स्तर पर ऐसी युवा फौज खड़ी की जो हर स्थिति से लड़ने को तत्पर थी। अयोध्या के हर गली कूँचे ने चंपत राय को पहचान लिया और हर गली कूंचे को उन्होंने भी पहचान लिया। उन्हें अवध का इतिहास, वर्तमान, भूगोल की ऐसी जानकारी हो गई कि उनके साथी उन्हें "अयोध्या_की_इनसाइक्लोपीडिया" उपनाम से बुलाने लगे

बाबरी ध्वंस से पूर्व से ही चंपत राय ने राम मंदिर पर "डॉक्यूमेंटल एविडेंस" जुटाने प्रारम्भ किये। लाखों पेज के डॉक्यूमेंट पढ़े और सहेजे, एक एक ग्रंथ पढ़ा और संभाला उनका घर इन कागजातों से भर गया, साथ ही हर जानकारी उंन्हे कंठस्थ भी हो गई। के परासरण जी और अन्य साथी वकील जब जन्म भूमि की कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए मैदान में उतरे तो उन्हें अकाट्य सबूत देने वाले यही व्यक्ति थे।


6 दिसंबर 1992 को मंच से बड़े बड़े दिग्गज नेता कारसेवकों को अनुशासन का पाठ पढ़ा रहे थे। तमाम निर्देश दिए जा रहे थे। बाबरी ढांचे को नुकसान न पहुचाने की कसमें दी जा रहीं थीं, उस समय चंपत राय जी मंच से कुछ दूर स्थानीय युवाओं के साथ थे। एक पत्रकार ने चंपत राय से पूछा "अब क्या होगा ?" उन्होंने हँस कर उत्तर दिया "ये राम की वानर सेना है, सीटी की आवाज पर पी टी करने यहां नहीं आयी...ये जो करने आयी हैकरके ही जाएगी
"

इतना कह उन्होंने एक बेलचा अपने हाथ में लिया और बाबरी ढांचे की ओर बढ़ गये, फिर सिर्फ जय श्री राम का नारा गूंजा और... इतिहास रचा गया। चंपत राय को यूंही राम मंदिर ट्रस्ट का सचिव नहीं बना दिया । उन्होंने रामलला के श्री चरणों में अपना सम्पूर्ण जीवन अर्पित किया है। प्यार से उन्हें लोग "राम लला का पटवारी" भी कहते हैं। यह व्यक्ति सनातन का योद्धा है। कोई मुंह फाड़ बकवास करता है, वो कोई कायर नहीं।

बाबरी ध्वंस के मुकदमों में कल्याणसिंह के बाद चंपत राय ने ही अदालत और जनसामान्य दोनों के सामने सदैव खुल कर उस घटना का दायित्व अपने ऊपर लिया है। चम्पत राय जी कह चुके हैं, जैसे ही राममंदिर का शिखर देख लेंगे युवा पीढ़ी को मथुरा की ज़िमेदारी निभाने को प्रेरित करने में जुट जाएंगे
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#Social_Media में प्रतिक्रिया-
 श्रीराम मंदिर तीर्थ ट्रस्ट ने 100 प्रतिशत शुद्ध डील की है... कैसे...? समझिए...
-समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने मुख्य आरोप यही लगा रही है, कि 10 मिनट में जमीन की कीमत करोड़ों में पहुंच गई... आरोप ये लगाया गया कि 5.5 लाख प्रति सेकेंड के हिसाब से जमीन का दाम कैसे बढ़ गया ? 

-दरअसल ये मामला 10 मिनट का है ही नहीं... जो पहली कीमत बताई गई है... 2 करोड़... वो 10 साल पहले यानी 2011 की कीमत है और सब कुछ कागजों पर दर्ज है कोई भी बात हवा हवाई नहीं है  

-दरअसल मूल रूप से ये जमीन कुसुम पाठक और हरीश पाठक की थी... कुसुम पाठक और हरीश पाठक ने 2011 में इस जमीन को बेचने की प्रक्रिया प्रारंभ की । सुल्तान अंसारी और रवि मोहन तिवारी को ये जमीन करीब 2 करोड़ रुपए में बेचे जाने की बात तय हुई ।

- इसके लिए 4 मार्च 2011 को कुसुम पाठक का सुल्तान अंसारी और रवि मोहन तिवारी के साथ एग्रीमेंट टू सेल हुआ... इसका मतलब ये हुआ कि बेचने का समझौता हो गया... लेकिन बेचा नहीं गया... क्योंकि ये एग्रीमेंट (समझौता) टू सेल था

- लेकिन इस जमीन को लेकर कुछ विवाद भी चल रहा था... ये बात भी कही जा रही थी कि इस जमीन पर सुन्नी वक्फ बोर्ड का हक है । इसीलिए लंबे समय से ये मामला टल रहा था... सुल्तान अंसारी और रवि मोहन तिवारी चाहते थे कि विवाद की जमीन है तो और सस्ती मिल जाए... इसीलिए वो मामले को टाल रहे थे  

- लेकिन अटके हुए मामले को भी अगर कंटीन्यू करना है तो हर तीन साल में दोबारा एग्रीमेंट टू सेल करने का नियम है... इसीलिए 4 मार्च 2014 को दोबारा एग्रीमेंट टू सेल हुआ... और चुंकि सौदा 2011 से शुरू हुआ था इसलिए 2011 की ही कीमत यानी 2 करोड़ रुपए ही एग्रीमेंट टू सेल पर दर्ज की गई 

- जमीन सुल्तान अंसारी और रवि मोहन तिवारी को नहीं बेची गई इसलिए तीसरी बार 7 सितंबर 2019 को भी एग्रीमेंट टू सेल हुआ... और इस दस्तावेज पर भी 2011 की ही कीमत यानी 2 करोड़ रुपए दर्ज की गई 

-लेकिन 2 जून 2020 में सुन्नी वक्फ बोर्ड ने जमीन के विषय में ये साफ कर दिया कि ये जमीन सुन्नी वक्फ बोर्ड की नहीं है

- चुंकि ये जमीन रेलवे स्टेशन के पास थी और श्री राम मंदिर तीर्थ के लिए रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण थी इसलिए सुन्नी वक्फ बोर्ड के पीछे हटने के बाद श्री राम मंदिर तीर्थ ट्रस्ट ने सीधे कुसुम पाठक और हरीश पाठक से बात की क्योंकि उस समय तक भी वो जमीन उन्हीं के नाम पर थी 

- लेकिन कुसुम और हरीश ने बताया कि 2011 में उनका एग्रीमेंट टू सेल सुल्तान अंसारी और रवि मोहन तिवारी के साथ हो चुका है

- यानी अब पेंच फंस गया.. तो कानूनी तौर पर मामले को हल करने के लिए कुसुम पाठक... हरीश पाठक... सुल्तान अंसारी और रविमोहन तिवारी वगैरह सभी पक्षों को साथ बैठाया गया... ट्रस्ट के लोग भी इस बातचीत में शामिल हुए

- अब फैसला ये हुआ कि पहले कुसुम पाठक और हरीश पाठक एग्रीमेंट टू सेल के हिसाब से ये जमीन सुल्तान अंसारी और रवि मोहन तिवारी को बेच दें । और इसके बाद जब सुल्तान अंसारी और रवि मोहन तिवारी जमीन के मालिक होंगे तो उनसे ट्रस्ट ये जमीन खऱीद लेगा
- तो कुसुम पाठक और हरीश पाठक ने एग्रीमेंट टू सेल यानी 2011 की कीमत के हिसाब से यानी 2 करोड़ रुपए में जमीन सुल्तान अंसारी और रवि मोहन तिवारी को बेच दी 

- इसके बाद यही जमीन सुल्तान अंसारी और रवि मोहन तिवारी ने मंदिर निर्माण के लिए अब की कीमत पर ... 2021 की कीमत पर श्री राम मंदिर तीर्थ ट्रस्ट को बेच दी । और तब ये कीमत करीब 18 करोड बैठी । 

- मामला बिलकुल पानी की तरह क्रिस्टल क्लीयर है... कहीं कोई घोटाला नहीं है... लेकिन इसके बाद भी यूपी के चुनाव में राजनीति करने के लिए और ट्रस्ट पर कलंक चिपकाने के लिए सेकुलर और रामद्रोही पार्टियों ने ये दुराग्रह किया है
- हिंदू समाज से हम सभी की ये अपील है कि वो किसी भ्रम में ना आए और भ्रम फैलाने वालों को करारा जवाब दे।
#साभार 
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@AamAadmiParty has been accusing people of corruption & cheating right from its inception but couldn’t prove right in any of these matters. 
They have survived on lies. 
#RamJanmabhoomiTrust is the latest victim. 
#ArrestSanjaySingh  -@ashokepandit
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दो करोड़ की गोभी गमले में उगाने वाले,
श्रीराम भक्तों पर गोलियां चलवाने वाले,
श्रीराम मंदिर के खिलाफ वकालत करने वाले,
श्रीराम मंदिर निर्माण हेतु एक रूपये भी समर्पण न करने वाले, 
आज उस मंदिर न्यास से समर्पण निधि का हिसाब चाहते हैं।
अर्थात श्रीराम के प्रति झूठी आस्था जताकर मंदिर न्यास पर घोटाले का बेबुनियाद आरोप लगाने का षड़यंत्र कर रहे हैं।
जैसे-जैसे मंदिर निर्माण होता जाएगा वैसे-वैसे इन धर्मद्रोही दानवों की बेचैनी बढती जाएगी।
और ये नये-नये षड़यंत्री आरोप लगाते रहेंगे। 
और हमें हर हाल में मंदिर न्यास के साथ खड़े रहना है। 
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पेट्रोल बम वैज्ञानिकों की पार्टी राम मंदिर पर हमें ज्ञान ना दें
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I demand that Sanjay Singh, who spread false news and made false allegations on Prabhu Shri Ram Teerth Kshetra, should be arrested immediately.
#ArrestSanjaySingh   -@gankitca
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According to ADR report @AamAadmiParty  MLAs have the highest number of criminal cases filed against them. In my recent dissertation I had mentioned about the criminalization of politics. Will work more on it. -@akshitagarg97
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Don't understand all.oppositions try to defame.bjp when elections are on way of Ny state are they preparing the ground from now. Bjp should not.fall asleep but counter strongly. And also list their achievements and future plans without criticizing others in rally.  -@10_andy
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TREND ALERT  
#ArrestSanjaySingh
RT Maxxx
AAP is enemy of HINDUS , This is real face of AAP -@engineer_inside
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#Social_Media : आज चुनिंदा पोस्ट्स, ट्वीट्स, वीडियो, कमेंट्स...2021617
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