खेल का सर्वोच्च पुरुस्कार अब राजीव गांधी नहीं, "मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार" होगा
भारतीय हॉकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह ने व्यक्त किया देश व ओडिशा के CM नवीन पटनायक का आभार
धर्म नगरी / DN News (वाट्सएप- 8109107075 -केवल न्यूज़, कवरेज, जानकारी हेतु)
खेल रत्न पुरस्कार को लेकर मोदी सरकार ने बड़ा निर्णय लेते हुए भारत में खेल का सर्वोच्च पुरुस्कार (Highest Sports Award)- राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम अब "मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार" कर दिया है। इसकी घोषणा स्वयं प्रधानत्री नरेंद्र मोदी ने आज (6 अगस्त) किया। उन्होंने कहा, कि देशवासियों के अनुरोध के बाद यह निर्णय लिया गया है।. पीएम ने यह घोषणा ट्विटर के माध्यम से की।
वहीं, भारत के हॉकी इतिहास में गुरुवार का दिन एक और महत्वपूर्ण दिन रहा। पुरुषों की टीम ने जर्मनी के विरुद्ध अपना दूसरा और अंतिम मैच खेला और कांस्य पदक जीता। मनप्रीत सिंह की टीम ने ओलंपिक में कांस्य पदक जीता, जो पिछले 41 सालों में किसी अन्य भारतीय हॉकी टीम ने प्राप्त नहीं किया था।
भारतीय हॉकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह ने देश के साथ ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को आभार जताया। इसके लिए उन्होंने एक आभार वीडियो भी सार्वजनिक किया। भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने टोक्यो ओलंपिक 2020 में एक दिन पहले मैच में कांस्य मेडल के लिए जर्मनी के साथ खेला। भारत ने जर्मनी को 5-4 से हराया।
साल 1980 मास्को गेम्स के बाद भारत हॉकी टीम की ये पहली जीत थी। मनप्रीत सिंह कहते हैं, "ये हम सभी के लिए खास मौका है कि हमने अपने ड्रीम को ओलंपिक मेडल जीतकर पूरा किया और इस खास मौके पर हम ओडिशा के सम्मानीय मुख्यमंत्री नवीन पटनायक धन्यवाद करते हैं, जिन्होंने इस जर्नी में हमें सपोर्ट किया।"
सुनें क्या कहा मनप्रीत सिंह ने-
पीएम मोदी ने दी जानकारी-
खेल के क्षेत्र में दिए जाने वाला सबसे बड़ा अवॉर्ड अब मेजर ध्यानचंद खेलरत्न पुरस्कार (Major Dhyan Chand Khel Ratna Award) के नाम से जाना जाएगा।. पीएम नरेंद्र मोदी ने स्वयं ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है। उल्लेखनीय है, कि हर साल मेजर ध्यानचंद के जन्मदिन अर्थात 30 अगस्त को खेल से जुड़े अवॉर्ड्स दिए जाते हैं।
पीएम ने ट्वीट कर कहा- "ओलंपिक खेलों में भारतीय खिलाड़ियों के शानदार प्रयासों से हम सभी अभिभूत हैं। विशेषकर हॉकी में हमारे बेटे-बेटियों ने जो इच्छाशक्ति दिखाई है, जीत के प्रति जो ललक दिखाई है, वो वर्तमान और आने वाली पीढ़ियों के लिए बहुत बड़ी प्रेरणा है।"
उन्होंने कहा, "देश को गर्वित कर देने वाले पलों के बीच अनेक देशवासियों का ये आग्रह सामने आया है कि खेल रत्न पुरस्कार का नाम मेजर ध्यानचंद जी को समर्पित किया जाए. लोगों की भावनाओं को देखते हुए इसका नाम अब मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार किया जा रहा है। जय हिंद!'
पीएम मोदी ने एक और ट्वीट में कहा- "मेजर ध्यानचंद भारत के उन अग्रणी खिलाड़ियों में से थे जिन्होंने भारत को सम्मान और गौरव दिलाया. देश का सर्वोच्च खेल सम्मान उन्हीं के नाम पर रखा जाना चाहिए।"
खेल रत्न का इतिहास-
खेल रत्न अवॉर्ड को खेल के क्षेत्र में सराहना और जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से 1991-92 में आरम्भ किया गया था। तब इसका नाम देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के नाम पर रखा गया था।
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