#अफगानिस्तान में अंतरिम सरकार : तालिबान ने अमरीका के 50 लाख डॉलर के ईनामी आतंकी को बनाया गृहमंत्री...
अफगानिस्तान में तालिबान ने नई कार्यवाहक सरकार की घोषणा कर दी। मंत्रिमंडल के सभी सदस्य पुरूष हैं। अंतरिम मंत्रिमंडल में मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद अफगानिस्तान में तालिबानी सरकार का प्रधानमंत्री होगा। अंखुद कंधार से जुड़े हैं और पिछले बीस साल से अमरीका और सैन्य बलों पर हमलों में शामिल समूह नेतृत्व परिषद के अध्यक्ष थे। इसके अलावा मुल्ला बरादर को उप-प्रधानमंत्री, सिराजुद्दीन हक्कानी को कार्यवाहक गृहमंत्री, मुल्ला याकूब को रक्षा मंत्री और अमीर मुत्तकी को विदेश मंत्री बनाया गया है। उल्लेखनीय बात यह है, कि इस एलान के बाद तालिबान के सर्वोच्च नेता ने नई सरकार से शरिया कानून बनाए रखने के लिए कहा है।
तालिबान प्रमुख हिबतुल्लाह अंखुदजादा सरकार के प्रमुख नेता होंगे। राजनीतिक संकट के बीच मंगलवार (7 सितंबर) शाम काबुल में संवाददाता सम्मेलन में तालिबान के प्रमुख प्रवक्ता जैबिउल्लाह मुजाहिद ने कार्यवाहक सरकार की रूपरेखा की जानकारी दी। उन्होंने कहा, फिलहाल कार्यवाहक मंत्रिमंडल सरकार की जिम्मेदारी संभालेगा। तालिबान ने अभी चुनाव कराने के कोई संकेत नहीं दिए हैं।
राजनीतिक कार्यालय ग्रुप के अध्यक्ष मुल्ला अब्दुल गनी बरादर और मुल्ला अब्दुल सलाम हनाफी को उपप्रधानमंत्री बनाया गया है। कुख्यात हक्कानी नेटवर्क के प्रमुख सिराजुद्दीन हक्कानी को गृहमंत्री बनाया गया है। अमरीका ने हक्कानी नेटवर्क को वैश्विक आतंकवादी संगठन बताया है। अमरीका ने इस पर 50 लाख डॉलर का ईनाम रखा है। कार्यवाहक मंत्रिमंडल की घोषणा पंजशीर के उत्तरी प्रांत पर तालिबान के कब्जे के दावे के एक दिन बाद की है।
अफगानिस्तान में तालिबान की यह कार्यवाहक सरकार है। तालिबान की शक्तिशाली नीति निर्धारक समिति ‘रहबरी शूरा’ के प्रमुख मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद को प्रधानमंत्री बनाने का प्रस्ताव तालिबान के शीर्ष नेता मुल्ला हेबतुल्ला अखुंदजादा ने किया। वहीं, अमेरिका से बातचीत करने वाले मुल्ला अब्दुल गनी बरादर को उप प्रधानमंत्री बनाया गया है, जबकि हक्कानी नेटवर्क के प्रमुख सिराजुद्दीन हक्कानी को गृहमंत्री का पद सौंपा गया है। सरकार में गैर तालिबानियों का प्रतिनिधित्व नहीं है, जो विश्व बिरादरी की सबसे बड़ी मांग रही है।
अखुंद तालिबान की पिछली सरकार में विदेश मंत्री और उपप्रधानमंत्री
उल्लेखनीय है, अंतरिम मंत्रिमंडल में PM बने अखुंद अफगानिस्तान में तालिबान की पिछली सरकार (1996 से 2001) में विदेश मंत्री और उपप्रधानमंत्री रह चुके हैं। दो दशकों तक अमेरिकी नेतृत्व में नाटो फौज और अफगानिस्तान की सरकार का मुकाबला करने वालों को कार्यवाहक सरकार में वरीयता दी है। वहीं, इसमें पिछली तालिबानी सरकार के मंत्रियों का दबदबा है। माना जा रहा है, तालीबान की यह अंतरिम सरकार सरकार ईरानी नेतृत्व की लाइन पर काम करेगी।
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कौन क्या बना ?
प्रधानमंत्री : मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद
उपप्रधानमंत्री : मुल्ला अब्दुल गनी बरादर
उपप्रधानमंत्री : अब्दुल सलाम हनाफी
गृहमंत्री : सिराजुद्दीन हक्कानी
विदेश मंत्री : मुल्ला आमिर खान मुत्तकी
रक्षामंत्री : मुल्ला याकूब मुजाहिद
वित्तमंत्री : मुल्ला हिदायतुल्ला बदरी
शिक्षामंत्री : शेख मौलवी नुरुल्ला मुनीर
उप विदेश मंत्री : शेर मोहम्मद स्टेनकजई
पंजशीर जिताने वाले फहीउद्दीन चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ
पंजशीर पर जीत दिलाने वाले ताजिकिस्तान मूल के तालिबान कमांडर कारी फहीउद्दीन को रक्षा मंत्रालय में चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ बनाया गया है। जबकि, मुल्ला फजल अखुंद को सेना प्रमुख बनाया गया है। वहीं, अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार बनने से ठीक पहले तुर्की के विदेश मंत्री यूसुफ एरिम ने अहम बयान दिया है। उन्होंने कहा, कि पूरी दुनिया को हमारी यह सलाह है कि वो तालिबान की सरकार को मान्यता देने में किसी तरह की जल्दबाजी न करें।
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