संसद TV का शुभारंभ, मुख्य रूप से कार्यक्रम चार श्रेणियों में होंगे
आज "अंतरराष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस" भी है
(धर्म नगरी / DN News वाट्सएप 8109107075 -न्यूज़, कवरेज, विज्ञापन, कॉपी भिजवाने हेतु) संसद TV का शुभारंभ आज उपराष्ट्रपति तथा राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने संयुक्त रूप से किया। आज (15 सितंबर) अंतरराष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस भी है। उल्लेखनीय है, इसी वर्ष फरवरी में, लोकसभा टीवी और राज्यसभा टीवी का विलय कर संसद टीवी की आरम्भ करने का निर्णय लिया गया था।
संसद टीवी के कार्यक्रम मुख्य रूप से चार श्रेणियों में होंगी-
1- संसद तथा लोकतांत्रिक संस्थानों का कामकाज,
2- योजनाओं का संचालन तथा कार्यान्वयन और भारत की नीतियां,
3- इतिहास तथा संस्कृति के अतिरिक्त सम-सामयिक प्रकृति के विषयों, रूचियों तथा
4- विभिन्न सरोकारों से सम्बंधित विषयों (समकालीन प्रकृति के मुद्दे / हित / चिंताएं) पर कार्यक्रम प्रसारित किए जाएंगे।
उपराष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा, भारत में दुनिया में सबसे जीवंत संसदीय लोकतंत्र है और यह आयोजन, मीडिया तथा लोकतांत्रिक शासन के बीच महत्वपूर्ण संबंधों को उजागर करता है।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा, भारत लोकतंत्र की जननी है और इसके लिए लोकतंत्र सिर्फ संवैधानिक संरचना नहीं बल्कि राष्ट्रीय भावना है। श्री मोदी ने कहा कि संसद टीवी के शुभारंभ का दिन, देश की संसदीय प्रणाली में एक और महत्वपूर्ण अध्याय जोड़ रहा है। उन्होंने कहा कि आज देश को संसद टीवी के रूप में संचार और संवाद का ऐसा माध्यम मिल रहा है, जो देश के लोकतंत्र और जनप्रतिनिधियों की नई आवाज के रूप में काम करेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें बताया गया है कि संसद टीवी ओटीटी प्लेटफॉर्म तथा सोशल मीडिया पर उपलब्ध होगा और इसका ऐप भी होगा।
संसद और जनता के बीच स्थापित होगा संवाद-
संसद टीवी संसद और जनता के बीच संवाद स्थापित करने में अधिक प्रभावशाली भूमिका निभाएगी। दोनों चैनलों के विलय से संसाधनों का बेहतर उपयोग होगा तथा हम उत्कृष्ट कार्यक्रमों का प्रस्तुतिकरण सुनिश्चित कर पाएंगे। संसद टीवी देश का एकमात्र ऐसा चैनल होगा, जिसके माध्यम से देश के नागरिकों को ग्राम पंचायतों से लेकर के संसद तक सभी लोकतांत्रिक संस्थाओं की कार्यप्रणाली तथा जनप्रतिनिधियों की भूमिका से परिचित कराने का कार्य भी होगा।
Post a Comment