श्रीरामचरित मानस के रोचक तथ्य : लंका में सीताजी = 435 दिन रही... सर्वाधिक किन शब्दों का कितनी बार हुआ प्रयोग

श्रीराम ने किस पीढ़ी में अवतार (जन्म) लिया ? 

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~ लंका में राम जी = 111 दिन रहे।
~ लंका में सीताजी = 435 दिन रहीं।
~ मानस में श्लोक संख्या = 27 है।
~ मानस में चौपाई की संख्या = 4,608 है।
~ मानस में दोहा संख्या = 1,074 है।

~ मानस में सोरठा संख्या = 207 है।
~ मानस में छन्द संख्या = 86 है।
~ सुग्रीव में बल था = 10,000 हाथियों का।
~ सीताजी रानी बनीं = 33 वर्ष की आयु में।
"वैदेही" शब्द आया है = 51 बार।
~ "जानकी" शब्द आया है = 69 बार।  
~ "राम" शब्द आया है = 147 बार 
~ मानस की रचना के समय तुलसीदास की आयु = 77 वर्ष थी।
"बड़भागी" शब्द आया है = 58 बार। 
"कोटि" शब्द आया है = 125 बार। 
"एक बार " शब्द आया है = 18 बार। 
"मंदिर" शब्द आया है = 35 बार। 
"मरम" शब्द आया है = 40 बार। 
~ पुष्पक विमान की गति (speed) = 400 मील/घण्टा थी।
~ रामादल व रावण दल का युद्ध = 87 दिन चला।
~ राम-रावण युद्ध = 32 दिन चला।
~ सेतु निर्माण = 5 दिन में हुआ।
~ नल, नील के पिता = विश्वकर्मा हैं। एकमात्र देवता, जिनकी जयंती निश्चित है- अंग्रेज़ी दिनांक- 17 सितंबर  
~ त्रिजटा के पिता = विभीषण है।
~ विश्वामित्र राम को ले गए =10 दिन के लिए।
~ राम ने रावण को सबसे पहले मारा था = 6 वर्ष की उम्र में।
~ रावण को जीवित किया = सुखेन वैद्य ने, नाभि में अमृत रखकर।
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श्रीराम के दादा परदादा का नाम क्या था ?
ज्ञात नहीं है तो पढ़ें, जाने-
1- ब्रह्मा जी से मरीचि हुए,
2- मरीचि के पुत्र कश्यप हुए,
3- कश्यप के पुत्र विवस्वान थे,
4- विवस्वान के वैवस्वत मनु हुए। वैवस्वत मनु के समय जल प्रलय हुआ
5 - वैवस्वत मनु के 10 पुत्रों में एक का नाम इक्ष्वाकु था इक्ष्वाकु ने अयोध्या को अपनी राजधानी बनाया और इस प्रकार इक्ष्वाकु कुलकी स्थापना की
6 - इक्ष्वाकु के पुत्र कुक्षि हुए,
7 - कुक्षि के पुत्र का नाम विकुक्षि था,
8 - विकुक्षि के पुत्र बाण हुए,
9 - बाण के पुत्र अनरण्य हुए,
10- अनरण्य से पृथु हुए,

11- पृथु से त्रिशंकु का जन्म हुआ,
12- त्रिशंकु के पुत्र धुंधुमार हुए,
13- धुन्धुमार के पुत्र का नाम युवनाश्व था,
14- युवनाश्व के पुत्र मान्धाता हुए,
15- मान्धाता से सुसन्धि का जन्म हुआ,
16- सुसन्धि के दो पुत्र हुए- ध्रुवसन्धि एवं प्रसेनजित,
17- ध्रुवसन्धि के पुत्र भरत हुए,
18- भरत के पुत्र असित हुए,
19- असित के पुत्र सगर हुए,
20- सगर के पुत्र का नाम असमंज था,

21- असमंज के पुत्र अंशुमान हुए,
22- अंशुमान के पुत्र दिलीप हुए,
23- दिलीप के पुत्र भगीरथ हुए, भागीरथ ने ही गंगा को पृथ्वी पर उतारा। भागीरथ के पुत्र ककुत्स्थ थे 
24- ककुत्स्थ के पुत्र रघु हुए रघु के अत्यंत तेजस्वी और पराक्रमी नरेश होने के कारण उनके बाद इस वंश का नाम रघुवंश हो गया तब से श्रीराम के कुल को रघु-कुल भी कहा जाता है
25- रघु के पुत्र प्रवृद्ध हुए,
26- प्रवृद्ध के पुत्र शंखण थे,
27- शंखण के पुत्र सुदर्शन हुए,
28- सुदर्शन के पुत्र का नाम अग्निवर्ण था,
29- अग्निवर्ण के पुत्र शीघ्रग हुए, 
30- शीघ्रग के पुत्र मरु हुए,

31- मरु के पुत्र प्रशुश्रुक थे,
32- प्रशुश्रुक के पुत्र अम्बरीष हुए,
33- अम्बरीष के पुत्र का नाम नहुष था,
34- नहुष के पुत्र ययाति हुए,
35- ययाति के पुत्र नाभाग हुए,
36- नाभाग के पुत्र का नाम अज था,
37- अज के पुत्र दशरथ हुए,
38- दशरथ के चार पुत्र राम, भरत, लक्ष्मण तथा शत्रुघ्न हुए,
इस प्रकार ब्रह्मा की उन्तालीसवीं (39) पीढ़ी में श्रीराम का जन्म हुआ

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श्री रामचरितमानस के रोचक तथ्य 
Interesting Facts from Sri Ramcharitmanas 

गोस्वामी तुलसीदासजी की सबसे प्रमुख कृति रामचरित मानस भगवान श्रीराम के सम्पूर्ण जीवन चरित का वर्णन है। यह अवधी भाषा में 16वीं सदी का एक महाकाव्य है। इससे पहले महर्षि वाल्मीकिजी ने लिखी, जो संस्कृत में थी।  रामचरित मानस के  मुख्य छन्द चौपाई और दोहा हैं, बीच-बीच में कुछ अन्य प्रकार के भी छन्दों का प्रयोग हुआ है। पढ़ें श्री रामचरित मानस के कुछ रोचक तथ्य- 
 
तथ्य-
राम, लक्ष्मण, भरत एवं शतुघन चार भाई थे। उनकी एक बड़ी बहन भी थी, जिनका नाम शांता था। राजा द्रोपद की कोई संतान नहीं थी, राजा दशरथ ने अपनी पुत्री शांता का उन्हें गोद दे दिया था।
तथ्य-
हनुमान जी वानरराज केसरी के क्षेत्रज व पवन देवता के औरस पुत्र माने गए हैं।
तथ्य-
विद्युज्जीही लंकापति रावण की एकलौती बहन शूर्पणखा का पति था। किसी कारण से रावण ने विद्युज्जीही का वध कर दिया था। विधवा होने के बाद शूर्पणखा स्वेच्छाचारी (सनकी) हो गई थी इसलिए श्री रामचंद्र जी के आदेश पर लक्ष्मण जी ने उसकी नाक काट दी थी।
तथ्य-
शूर्पणखा के पति को रावण द्वारा मारे जाने पर शूर्पणखा ने रावण को मन ही मन यह श्राप दिया था की उसकी मृत्यु एक स्त्री की वजह से होगी।
तथ्य- Fact- 
ताड़का नामक राक्षसी सुकेत नामक राक्षसराज की पुत्री थी एवं सुन्दर नामक दैत्य की पत्नी व मायामृग रूप धारण करने वाले मारीच की माँ थी। मुनि विश्वामित्र जी के यज्ञ की रक्षा करने के लिए श्री रामचंद्र जी ने अपने जीवन काल में प्रथम बार किसी तानाशाह का वध किया था।
तथ्य- Fact- 
रावण भगवान शिव का बहुत बड़ा भक्त था। उनकी कठोर तपस्या के पश्चात् रावण ने अपना सर काटकर शिव जी को समर्पित कर दिया था। जिससे प्रसन्न होकर भगवान शिव ने रावण को दस सर दे दिए। इसलिए रावण के दस सर थे।
तथ्य- Fact- 
सभी जानते हैं की लंका का राजा रावण था पर बहुत कम लोग जानते हैं की लंका का राजा रावण नहीं बल्कि कुबेर था। कुबेर रावण का सौतेला भाई था। कुवेर भी शिव भक्त था, उसकी तपस्या से खुश होकर शिवजी ने उसे लंका दी थी, जिसे बाद में रावण ने कुवेर से युद्ध में जीत लिया था।
तथ्य- Fact- 
एक बार सीताजी सिंदूर लगा रही थी, जिसे हनुमानजी देख लिया, तो पूछा माता आप सिंदूर क्यों लगाती हैं ? सीता जी बोली यह में प्रभु श्री रामजी की लम्बी आयु लिए लगाती हूँ। फिर क्या था, हनुमानजी ने अपने पूरे शरीर पर सिंदूर लगा लिया। तभी से उन्हें सिंदूर चढायां जाता है और इसलिए उन्हें बजरंगबली कहा जाता है।
तथ्य- Fact-
अशोक वाटिका या अशोक वन का एक नाम प्रेमदावान भी पाया जाता है।
तथ्य- Fact- 
गन्धर्व राज शैलूष की पुत्री सरमा, श्री रामराज राक्षसराज विभीषण की धर्मपत्नी थी। वह सीता जी की अशोक वाटिका में सेवा किया करती थी।
तथ्य- Fact- 
लंकापति रावण की शारारिक शक्ति, सैन्य शक्ति व उसकी बुद्धि का पूर्वानुमान लगाने के लिए श्री हनुमान जी ने अशोक वाटिका को उजाड़ा था।
तथ्य- Fact- 
वीर वानरराज अंगत के पिता बानरराज बाली की पत्नी तारा विश्व के प्रत्येक जीव मात्र की भाषा समझ व् बोल सकती थी।
तथ्य- Fact- 
श्री रामचरित मानस में एक भी जगह श्री लक्ष्मण और हनुमानजी के बीच संवाद नहीं पाया जाता है।
तथ्य- Fact- 
जब रावण सीताजी को उठाकर ले गया, उसके 10 महीने बाद रामचंद्रजी की भेंट हुनमान जी से हुई थी।
तथ्य- Fact- 
श्रीरामचरित मानस के अनुसार सेतु निर्माण 5 दिनों में हुआ था।
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