कार्तिक माह में क्या करें, क्या नहीं ? पढ़ें माह के व्रत, पर्व-त्यौहार


पूरे कार्तिक में अत्यंत शुभ है तुलसीजी को जल चढ़ाना, उनके सम्मुख दीया जलाना  
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हिन्दू पंचांग का आठवां महीना- कार्तिक 21 अक्टूबर से आरम्भ होगा और 19 नवंबर 2021 को समाप्त होगा। कार्तिक में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। इस महीने में दान, व्रत, जप-तप का अत्यंत महत्व होता है। वहीं, कार्तिक में तुलसी का रोपण एवं विवाह सर्वोत्तम होता है इस माह अनेक विशेष तीज-त्यौहार, व्रत, शुभ संयोग रहेगा। कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी से चातुर्मास समाप्त हो जाएगा। 
कार्तिक माह की एकादशी को भगवान विष्णु योग निद्रा से जागते हैं और सृष्टि में आनंद और कृपा की वर्षा होती है। माँ लक्ष्मी कार्तिक माह में पृथ्वी पर भ्रमण करने उतरती हैं और भक्तों को अपार धन का आशीर्वाद देती हैं।

कार्तिक मास आरंभ शरद पूर्णिमा के बाद हो रहा है। कार्तिक माह में भगवान विष्णु और माँ लक्ष्मी की पूजा के साथ ही यम, धन्वंतरि, गोवर्धन, श्रीकृष्ण, चित्रगुप्त आदि की पूजा का विशेष महत्व है।  
कार्तिक में ये करें-
तुलसीजी की पूजा- श्रीहरि विष्णु की अतिप्रिय तुलसीजी है। पूरे कार्तिक माह तुलसीजी को जल चढ़ाना व उनके सम्मुख दीया जलाना शुभ माना जाता है। (वैसे, एक आस्थावान सनातनी वर्षभर तुलसीजी को जल चढ़ाता व उनके सम्मुख दिया जलाता है।)  ऐसे में तुलसी-पूजन से भगवान विष्णु व देवी लक्ष्मी की असीम कृपा मिलती है।
शिवलिंग पूजा- कार्तिक मास में शिवलिंग की पूजा को अत्यंत शुभ मानते है। पूरे कार्तिक शिवलिंग पर कच्चा दूध, शहद व गंगाजल मिलाकर कार्तिक माह में चढ़ाने से भगवान शिव की कृपा मिलती है, वह प्रसन्न होते हैं। 
पीपल पूजा- पूर्णिमा के दिन माँ लक्ष्मी का पीपल के वृक्ष पर निवास रहता है। पूर्णिमा के दिन मीठे जल में दूध मिलाकर पीपल पर चढ़ाने के पर माँ लक्ष्मी प्रसन्न होती है, उनका आशीर्वाद मिलता है।
दान- कार्तिक मास में निर्धनों को दान देना, विशेषकर चावल का दान बहुत शुभ माना जाता है। इससे चन्द्र ग्रह अनुकूल होता है, शुभ फल देता है एवं चंद्रदोष से दूर होता है।
रंगोली- कार्तिक माह पर्यन्त द्वार पर रंगोली बनाना चाहिए। मान्यता है, इससे विशेष समृद्धि के योग बनने के साथ नव-ग्रह प्रसन्न होते हैं।
पूजा-पाठ, मुख्य द्वार- कार्तिक मास का पूरा महीना पूजा-पाठ की दृष्टि से बहुत शुभ होता है। पूरे कार्तिक में घर के मुख्य दरवाजे पर आम के पत्तों को लगाना (तोरण बांधना) शुभ माना जाता है। 
उपहार- कार्तिक माह में पत्नी या किसी छोटी बच्ची को उपहार देना चाहिए।
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कार्तिक में ये न करें- 
-विवाहित व्यक्ति कार्तिक मास में शारीरिक संबंध न बनाएं। मान्यता है, ऐसा करने से चन्द्रमा का दुष्प्रभाव आपको व्यथित करता है।
- पूरे कार्तिक माह मांसाहार, शराब और मछली आदि तामसिक भोजन कदापि नहीं करना चाहिए।
- दालों का निषेध- दलहन अर्थात उड़द, मूंग, मसूर, चना, मटर, राई आदि खाना कार्तिक में वर्जित माना गया है।
- बैंगन, दही, करेला और जीरा भी कार्तिक में नहीं खाना चाहिए, जबकि मूली लाभप्रद मानी जाती है।
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कार्तिक माह के प्रमुख व्रत, पर्व-त्यौहार-     
1- करवा चौथ- शरद पूर्णिमा के पश्चात सबसे बड़ा त्यौहार करवा चौथ होगा, जो 24 अक्टूबर (रविवार) को है। इस दिन संकष्टी चतुर्थी का व्रत भी रहेगा। करवा चौथ : ऐसे रखें व्रत, करें पूजा, कथा अवश्य पढ़ें, कुछ बातों का रखें विशेष ध्यान... Link 
http://www.dharmnagari.com/2021/10/Karwa-Chauth-2021-vrat-method-puja-vidhi-katha-Avoid-these-things.html
2- रमा एकादशी- रमा एकादशी का व्रत 1 नवंबर (सोमवार) को रखा जाएगा।
3- धनतेरस- धनतेरत 2 नवंबर (मंगलवार) को है, इस दिन से पांच-दिवसीय दीपावली पर्व  आरंभ हॉग, इसी दिन प्रदोष व्रत भी रहेगा।
4- नरक चतुर्दशी- नरका चौदस या नरक चतुर्दशी 3 नवंबर (बुधवार) को लगेगी, जो अगले दिन 4 नवंबर सुबह तक रहेगी। मासिक शिवरात्रि का व्रत बुधवार को रखा जाएगा और दोनों पर्व दो ‍दिन मनाया जाएगा।
5- दीपावली- कार्तिक माह का प्रमुख त्यौहार दीवाली कार्तिक अमावस्या अर्थात 4 नबंवर (गुरुवार) को है।
6- गोवर्धन पूजा- दीपावली के दूसरे दिन 5 नवंबर (शुक्रवार) को गोवर्धन पूजा होगी।
7- भाई दूज- गोवर्धन पूजा के दूसरे दिन 6  नवंबर 2021 शनिवार को भाई दूज या भैयादूज का पर्व मनाया जाएगा।
8- छठ पूजा- भाई दूज के बाद उत्तर भारत का सबसे बड़ा त्यौहार छठ-पूजा 10 नवंबर (बुधवार) को मनाया जाएगा।
9- देवोत्थान एकादशी- छठ पूजा के बाद 14 नवंबर (रविवार) को देवउठनी या देवोत्थान एकादशी का व्रत रहेगा। इस दिन विष्णु भगवान अपनी निद्रा से जागेंगे, चातुर्मास समाप्त होगा और सभी तरह के मांगलिक कार्यों का प्रारंभ हो जाएगा।
10- प्रदोष व्रत- कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष का प्रदोष व्रत 16 नवंबर (मंगलवार) को होगा। इसी दिन वृश्चिक की संक्रांति होगी।
11. कार्तिक पूर्णिमा- कार्तिक पूर्णिमा को कार्तिक माह समाप्त होगा। इस दिन स्नान-दान का विशेष महत्व होता है। कार्तिक पूर्णिमा का व्रत 19 नवंबर (शुक्रवार) को रखा जाएगा।
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