#Parliament शीतकालीन सत्र : पहले दिन की कार्यवाही की समीक्षा
संसद में आज 29 नवंबर की कार्यवाही की समीक्षा...
धर्म नगरी / DN News. Twitter & Koo- @DharmNagari
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संसद के शीतकालीनसत्र के पहले दिन आज (29 नवंबर) दोनों सदनों में विपक्ष के हंगामे के बीच तीन कृषि कानूनों कोरद्द करने के लिए लाये "कृषि कानून निरसन विधेयक" को चर्चा के बिना ही ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। आशा के अनुरूप, सदन ने विधेयक को पहले ही दिन कार्यसूची में सम्मिलित किया और बिना चर्चा के स्वीकृति प्रदान कर दी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरु-पर्व के अवसर पर देश के नाम संबोधन में इन कृषि कानूनों को रद्द करने की घोषणा की थी। अब राष्ट्रपति की स्वीकृति मिलते ही तीनों कानून रद्द हो जाएंगे।
लोकसभा में कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कृषि कानून को रद्द करने संबंधी विधेयक पेश किया। इस बीच सदन में विपक्षी सांसदों का हंगामा जारी रहा। हंगामे के बीच ही तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने के लिए सदन में पेश विधेयक पारित कर दिया गया। लोकसभा में पारित होने के बाद कृषि कानून निरसन विधेयक-2021 को राज्यसभा में प्रस्तुत किया गया। यहां भी इसे बिना चर्चा के ध्वनि-मत से पारित कर दिया गया। जिन तीन विधेयकों को रद्द किया गया उनमें- कृषि उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) विधेयक-2020, मूल्य आश्वासन एवं कृषि सेवाओं पर कृषक(सशक्तिकरण एवं संरक्षण) अनुबंध विधेयक-2020 और आवश्यक वस्तु संशोधन विधेयक-1955 सम्मिलित हैं।
सुबह सदन की कार्यवाही आरंभ होने पर मंडी से चुनकर आई सांसद सुश्री प्रतिभा सिंह और मध्य प्रदेश में खंडवा से जीतकर आए सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल ने शपथ ग्रहण किया। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने प्रश्न काल शुरू कराया, लेकिन विपक्ष हंगामा और नारेबाजी करता रहा।
लोकसभा अध्यक्षने आठ पूर्व सदस्यों बी. सेनगुट्टुवन,कल्याण सिंह, ऑस्कर फर्नांडीज, गोडिल प्रसाद अनुरागी, श्याम सुंदर सोमानी, राजनारायण बुधोलिया, देवव्रत सिंह और हरि दानवे पुंडलिकके निधन का उल्लेख किया और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। सदन ने इन सदस्यों के शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की और उनके सम्मान में मौन रखा। इसके बाद लोक सभा अध्यक्ष ने सभा पटल पर आवश्यक कागजात रखवाए।
एक बार के स्थगन के बाद लोकसभा की कार्यवाही दोपहर 12 बजे दोबारा शुरू होने पर कृषि एवं किसान कल्याणमंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने संबंधी कृषि विधि निरसन विधेयक-2021 प्रस्तुत किया। कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने विधेयक पर चर्चा कराने की मांग को लेकर शोर-शराबा और हंगामा शुरू कर दिया। विपक्षी द्रमुक और तृणमूल सदस्य सदन के बीचों-बीच आकर चर्चा कराने की मांग करने लगे। सदन में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी का बार-बार कहा, श्री तोमर पहले विधेयक पेश करें और इसके बाद इसे चर्चा और पारित कराने के लिए रखें।
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http://www.dharmnagari.com/2021/11/12-MPs-suspended-from-Rajya-Sabha-Congress-TMC-Shiv-Sena-CPI.html
अधीर रंजन चौधरी का आरोप था, कि सदन में नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है। इस विधेयक को चर्चा एवं पारित होने के लिए रखे जाने की बात कही गई, लेकिन इस पर सरकार चर्चा क्यों नहीं करनाचाहती है ? कई अन्य विपक्षी सदस्यों को भी कुछ कहते देखा गया, लेकिन शोर-शराबे में उनकी बात नहीं सुनी जा सकी। इस दौरान कांग्रेस सदस्य अपने-अपने स्थान पर खड़े हो गए और हंगामा करते रहे।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा, जब तक सदन व्यवस्थित नहीं हो जाती वह इस विधेयक पर चर्चा की अनुमति नहीं देंगे। उन्होंने नियम-377 के अधीन विभिन्न मुद्दों को रखने की अनुमति प्रदान की।
शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय के दो सदस्यों को नामित करने के लिए एक प्रस्ताव रखा। प्रस्ताव ध्वनिमत से पारित हो गया। इसी दौरान अध्यक्ष ओम बिरलाने पश्चिम बंगाल के आसनसोल क्षेत्र से निर्वाचित सांसद बाबुल सुप्रियो के इस्तीफेकी घोषणा की। अध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने 22 अक्तूबर से उनका इस्तीफा स्वीकारकर लिया है। इसी दौरान सदन में लगातार शोर-शराबा और हंगामा जारी रहा। हंगामे को देखतेहुए अध्यक्ष ने एक बार फिर सदन की बैठक दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दी।
संसद शीतकालीन सत्र : पहले दिन तीनों कृषि बिल वापस, बीते सत्र में अभद्र व्यवहार से सदन की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाले...
दोपहर दो बजे सदन की बैठक एकबार फिर शुरू होने पर कुछ विपक्षी सदस्य बिना किसी चर्चा के कृषि कानूनों को रद्द करने के तरीके पर विरोध प्रकट कर रहे थे। हंगामा थमता नहीं देख पीठासीन अधिकारी राजेन्द्र अग्रवाल ने सदन की कार्यवाही कल मंगलवार 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। सरकार प्रयास है, कि इस बार सदन की बैठक शांति के साथ चले और उसके विधेयक पारित हो जाएं। संसद का यह शीतकालीन सत्र आज से आरंभ हुआ है, जो 23 दिसंबर तक चलेगा।
संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन राज्यसभा की बैठक विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण बाधित रही। चार बार के स्थगन के बाद 3:20 बजे कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई। राज्यसभा में सदन की कार्यवाही के दौरान तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने लाए गए कृषि विधि निरसन विधेयक-2021 को ध्वनिमत से स्वीकृति दे दी।
इस बीच, सदन ने विपक्षी दलों के 12 सदस्यों को संसद के मॉनसून सत्र के दौरान अशोभनीय आचरण करने के लिए वर्तमान शीतकालीन सत्र की शेष अवधि के लिए उच्च सदन (राज्य सभा) से निलंबित कर दिया।
उच्च सदन में ने सदस्यों ने लिया शपथ-
सुबह उच्च सदन की बैठक शुरू होने के बाद नव-निर्वचित सदस्यों को शपथ दिलाई गई। कांग्रेस की रजनी अशोकराव पाटिल ने मराठी में शपथ ली। वह उच्च सदन के लिए महाराष्ट्र से प्रतिनिधित्व करेंगी। इसके बाद द्रमुक के तमिलनाडु से नवनिर्वाचित सदस्य कनिमोझी एन.वी.एन सोमू, के.आर.एन. राजेशकुमार और एम.एम. अब्दुल्ला ने भी शपथ ली। इन तीनों सदस्यों ने तमिल में शपथ ली। तृणमूल कांग्रेस के लुइ जिन्हो फालेयरो ने कोंकणी में शपथ ली। फालेयरो उच्च सदन में पश्चिम बंगाल का प्रतिनिधित्व करेंगे।
RS के नए महासचिव-
इससे पहले सभापति ने बैठक शुरू होने पर राज्यसभा के नए महासचिव पीसी मोदी का सदस्यों से परिचय कराया। केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के पूर्व अध्यक्ष प्रमोद चंद्र मोदी ने 12 नवंबर को राज्यसभा के नए महासचिव का पदभार ग्रहण किया। इसके बाद सभापति एम वेंकैया नायडू ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और उच्च सदनके वर्तमान सदस्य ऑस्कर फर्नाडीज और पांच पूर्व सदस्यों के. बी. शनप्पा, जाने-माने पत्रकार चंदन मित्रा, हरि ओम नलवा, मोनिका दास और अबनि राय के निधन होने का भी उल्लेख किया।
संसद सदस्यों ने दिवंगत लोगों के सम्मान में कुछ क्षणों का मौन रखा और उन्हें श्रद्धांजलि दी। इसके बाद बैठक 11:20 बजे एक घंटे के लिए स्थगित कर दी गयी। दोपहर में सदन की कार्यवाही आरंभ होने पर सभापति नायडू ने संसद के पिछले मॉनसून सत्र में हुए व्यवधान का उल्लेख करते हुए सदस्यों से इसकी पुनरावृत्ति ना करने का अनुरोध किया। उन्होंने आशा व्यक्त किया, कि यह सत्र उपयोगी साबित होगा।
इसके बाद उन्होंने जैसे ही प्रश्नकाल आरंभ करने भारतीय जनता पार्टी के सदस्य जीवीएल नरसिम्हा राव का नाम पुकारा, विपक्षी सदस्य हंगामा करने लगे। कांग्रेस सहित कुछ अन्य दलों के सदस्यों ने कार्य स्थगन प्रस्ताव के नोटिस दिए थे, जिन्हें सभापति ने अस्वीकार कर दिया। इसके बाद विपक्षी दल के सदस्य सभापति के आसन के निकट आकर हंगामा करने लगे, जिसपर श्री नायडू ने हंगामा कर रहे सांसदों से ऐसा नाकरने का आग्रह किया और सदन में शांति कायम करने की अपील की। हंगामा थमते नहीं देख, उन्होंने सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
दोपहर में फिर से कार्यवाही शुरू होने पर कृषिमंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कृषि विधि निरसन विधेयक-2021 को सदन में प्रस्तुत किया। इसके साथ विपक्षी सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया।
इसी दौरान विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, ये तीनों कानून किसानों के हित में नहीं थे। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, सरकार बहुत विचार-विमर्श के बाद किसानों के कल्याण के लिए इन कानूनों को लेकर आई थी। उन्होंने कहा ‘‘ये दुख की बात है कि कई बार प्रयत्न करने के बावजूद वहकिसानों को समझा नहीं सकी।’’
कृषि मंत्री तोमर ने कांग्रेस पर दोहरा रूख अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा, विपक्षी दल ने अपने घोषणा-पत्र में कृषि सुधारों का वादा किया था। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरू नानक जयंती पर तीनों कृषि कानूनोंको वापस लेने की घोषणा कर बड़ा दिल दिखाया और यह उनकी कथनी और करनी में एकरूपता का परिचायक है। उन्होंने कहा, सरकार और विपक्षी दल दोनों ही इन कानूनों की वापसी चाहते हैं। इसलिए कृषि कानून निरसन विधयक पर कोई चर्चा करने की जरूरत नहीं है। इसके बाद सदन ने ध्वनिमत से विधेयक को स्वीकृति दे दी। इस दौरान कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के सदस्य विधेयक पर चर्चा कराने पर जोर देते रहे। बिना चर्चा के विधेयक को स्वीकृति दिए जाने पर विरोध करते हुए कुछ सदस्य आसन के समक्ष आ गए।
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने विपक्षी दलों के 12 सदस्यों को संसद के मॉनसून सत्र के दौरान अशोभनीय आचरण करने के लिए वर्तमान शीतकालीन सत्र की शेष अवधि के दौरान उच्च सदन से निलंबित किए जाने का प्रस्ताव रखा। सदन ने अपनी स्वीकृति दे दी। इसके बाद बैठक दोबारा शुरू होने पर सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई।
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