मध्य प्रदेश : स्कूल शिक्षा विभाग ने 50 से ज्यादा शिक्षकों को किया सस्पेंड, नोटिस का उत्तर न देने पर कार्यवाई
शिक्षक संगठन ने 2015 में किया था भोपाल में प्रदर्शन
मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग ने बड़ी कार्यवाई करते हुए 50 से ज्यादा शिक्षकों को किया सस्पेंड कर दिया। ये कार्यवाई उस नोटिस का उत्तर न देने पर किया गया है, जब 2015 में लालघाटी मार्ग (भोपाल) तक बड़ी संख्या में शिक्षकों ने पहुंच गए और प्रदर्शन किया था। शासन ने संगठन को भोपाल में किसी भी तरह के प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी थी।
प्रदर्शन में आए शिक्षकों के अलावा अनेक शिक्षक 13 सितंबर को स्कूलों से गायब थे। ऐसे में स्कूल शिक्षा विभाग ने प्रदेश भर के लगभग 400 शिक्षकों को नोटिस भेजकर पूछा था- क्या वे भोपाल में हुए प्रदर्शन में शामिल थे ? जवाब न मिलने पर 50 से अधिक शिक्षकों को सस्पेंड कर दिया।
कार्यवाई को लेकर शासकीय शिक्षक संगठन के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा, शासन द्वारा लोकतांत्रिक मांगों पर ऐसी कार्यवाई करना ठीक नहीं है। मध्य प्रदेश के सभी शिक्षक अपनी पुरानी पेंशन बहाली, नियुक्ति दिनांक से वरिष्ठता आदि मांगों को लेकर संघर्षरत हैं, लेकिन सरकार अहंकार से ग्रसित होकर निलंबित करने का कार्य कर रही है।
उन्होंने आगे कहा, सरकार इस भ्रम से मुक्त रहे कि सरकार के इन निर्णयों पर शिक्षक अपनी मांगों से पीछे हटेंगे। इस आदेश ले बाद शिक्षक पूरे प्रदेश में और अधिक लामबंद होकर अपनी मांगों को अधिक मुखरता के साथ रखेंगे। सरकार से अपेक्षा है, कि आंदोलन को कुचलने और दबाने की बजाय एक सार्थक संवाद कर शिक्षकों की मांगों का निराकरण करें।
जानकारी के अनुसार शासन ने संगठन को भोपाल में किसी भी तरह के प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी थी। 2015 में संगठन ने भोपाल में प्रदर्शन किया था। इसमें बड़ी संख्या में शिक्षक भोपाल में लालघाटी मार्ग तक पहुंच गए थे। प्रदर्शन को रोकने के लिए पुलिस के साथ ही स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को भोपाल की सीमा पर तैनात किया गया था, ताकि कोई भी शिक्षक किसी तरह से शहर के अंदर ना सके।
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