चीन में फूटा ‘करोना बम, तनाव में भारत सहित दुनिया के देश
जिसे मरने की जरूरत है, उसे मरने दें, जिसे भी संक्रमित होना है, उन्हें संक्रमित होने दें -कम्युनिस्ट पार्टी चीन
धर्म नगरी / DN News
चीन में करोना वायरस पुन: वापस लौट आया है। बीजिंग शहर सहित कई शहरों में लाक डाउन लग गया। विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से जारी रिपोर्ट में चीन में 10 से 20 लाख लोगों के मरने की आशंका जताई है। चीन के हास्पिटलों में बेड और दवाइयों की भारी कमी हो गई है। शवों के लिए मुर्दाघरों में जगह नहीं बची है।
चीन के साथ-साथ जापान और अमेरिका में भी दिन-ब-दिन कोरोना से हालात खराब हो रहे हैं। स्थितियाँ चेतावनी दे रही हैं। दुनिया में खतरे का सबसे बड़ा सिग्नल चीन बन गया है। ये स्थिति भारत के लिए भी अत्यंत चिन्ताजनक है। हॉस्पिटलों में जगह नहीं होने से उपचार के लिए मरीज तड़प रहे हैं। हॉस्पिटलों में हा-हाकार मचा हुआ है। वीरान सडक़ें, खाली मॉल, घरों में दुबके लोग, कोरोना से कराह रहे चीन की पोल खोल रहे हैं। आश्चर्य ये है, कि दुनिया के लिए सिरदर्द बन चुके चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने कह दिया है, कि जिसे भी संक्रमित होना है, उन्हें संक्रमित होने दें। जिसे मरने की जरूरत है, उसे मरने दें।
कोविड-19 के प्रतिबन्धों में छूट दिए जाने के बाद चीन में कोरोना वायरस के मामलों में तेजी से बढ़ोत्तरी हुई है। सिर्फ चीन ही नहीं, बल्कि यूरोप सहित कई देशों के मामलों में बढ़ोत्तरी हो रही है। महामारी विशेषज्ञों का कहना है, अगले नब्बे दिनों में चीन की 60 प्रतिशत और धरती की 10 प्रतिशत आबादी के संक्रमित होने की संभावना है, जिसमें लाखों लोगों की मौत हो सकती है।
ऐसे में भारत की चिन्ता स्वभाविक है, कि क्या भारत एक बार फिर कोरोना वायरस की चपेट में आ सकता है ? कोविड-19 वर्किंग ग्रुप (NTAGI) के अध्यक्ष एनके अरोड़ा ने कहा, चीन में व्यापक रूप से कोविड फैल रहा है। जहाँ तक भारत का संबंध है, भारत में बड़े पैमाने पर कोविड का टीका लगाया जा चुका है। उन्होंने कहा, INSACOG डेटा से पता चलता है, कि दुनिया में हर जगह पाए जाने वाले ओमीक्रॉन के सारे वैरियंट भारत में पाए जाते हैं। ऐसे कई सौ वैरियंट नहीं हैं, जो यहाँ न हों।
चीन में हालात इतने खराब हैं, कि सरकार ने हाथ खड़े कर दिए हैं। स्थितियां नियंत्रण के बाहर हैं। वहाँ हॉस्पिटल में इलाज हो सके, ये भी एक बड़ी चुनौती हो गई है। चीन को लेकर अमेरिका के एक रिसर्च इंस्टीट्यूट ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, कि 2023 तक चीन में 10 लाख से ज्यादा मौत हो सकती है। चीन में एक कोरोना संक्रमित 16 अन्य लोगों को संक्रमित कर रहा है। इसलिए चीन में कोरोना संक्रमण की रफ्तार बहुत तेज है।
चीन के हालात इतने खराब हैं, कि अधिकांश बीमार डॉक्टरों से सरकार जबरिया मरीरों का इलाज करवा रही है। नर्स और डॉक्टरों की सारी छुट्टियाँ निरस्त कर दी गई हैं। चूंकि, चीन की फोटो और खबरें चीन के बाहर नहीं जाने दिया जाता, इसलिए सटीक आँकड़ें कहीं भी उपलब्ध नहीं है। चीन के अनेक वृद्धाश्रमों को सील कर दिया गया है। इनमें से कोई न बाहर आ सकता है, न कोई वहाँ जा सकता है। कोरोना के मामलों को छिपाने में जुटा चीन आँकड़े भी नहीं जारी कर रहा है। एक वीडियो रिपोर्ट के अनुसार, बुखार के कारण डॉक्टर हॉस्पिटल के जमीन पर पड़े हैं।
चीन में कोरोना को लेकर फैली अफरा-तफरी और मौत के आँकड़े देखते हुए, भारत सरकार ने नई दिल्ली में एक उच्च स्तरीय बैठक की। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की बैठक में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को नए पॉजिटिव केसों के सैंपल, जिनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजने को कहा है, ताकि अगर कोई नया वैरियंट उपस्थित हो तो, उसका पता लगाया जा सके। स्वास्थ्य मंत्रालय ने चीन से आ रहे कोरोना आँकड़ों के मद्देनजर अपनी तैयारियाँ शुरू कर दी है।
चीन ही नहीं, बल्कि जापान, दक्षिण कोरिया, ब्राजील और अमेरिका में भी कोरोना के केस बढ़ रहे हैं, मृत्यु हो रही है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री अंतर्राष्ट्रीय परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए बैठक में समीक्षा करते हुए सभी राज्यों को निर्देश जारी किए। किसी भी खतरे के शुरुआती दौर से निपटने के लिए अपनी तैयारियाँ शुरू की दी। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और ढ्ढहृस््रष्टह्रत्र ने देश में कोरोना के ट्रेंड पर नजर रखे हुए है।
दुनियाभर में कोरोना मामले में तेजी को देखते हुए भारत में सभी कोरोना केसेज के जिनोम सिक्वेंसिंग जरूरी है, ताकि नए वैरिएंट को ट्रैक किया जा सके। हालाँकि, भारत के लिए राहत की बात ये है, कि लगभग 90 प्रतिशत आबादी का वैक्सीनेशन हो चुका है, जो कोरोना के सारे ही वैरियंट पर काम करती है। सोशल मीडिया के माध्यम से जो तस्वीरें चीन से आ रही हैं, उसे कोरोना का विस्फोट कहना उचित होगा। यहाँ तक कि सिरदर्द की दवाईयाँ तक मार्केट से गायब हैं, आउट ऑफ स्टॉक है। बीजिंग के मुर्दाघरों में 24 घंटे अंतिम संस्कार किया जा रहा है।
भारत सरकार लगातार स्थिति पर दृष्टि रख रही है। रिस्क वाले देशों से आने वाले यात्रियों की जिनोमिक सर्विलांस किया जाना शुरू हो गया है। इसके साथ राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को हवाई अड्डों एवं बंदरगाहों पर निगरानी रखने को कहा गया है।
कोरोना के नए म्यूटेशन बी.1.1529 जिसे विश्व स्वास्थ्य संगठन ने ओमीक्रॉन का नाम दिया है। भारत के प्रधानमंत्री मोदी ने इस विषय पर एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की थी, जिसमें तय हुआ था कि खतरे वाले देशों से आने वाले अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों के सैंपल्स जीनोम सिक्वेंसिंग पर सहमति दी।
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चीन के साथ-साथ जापान और अमेरिका में भी दिन-ब-दिन कोरोना से हालात खराब हो रहे हैं। स्थितियाँ चेतावनी दे रही हैं। दुनिया में खतरे का सबसे बड़ा सिग्नल चीन बन गया है। ये स्थिति भारत के लिए भी अत्यंत चिन्ताजनक है। हॉस्पिटलों में जगह नहीं होने से उपचार के लिए मरीज तड़प रहे हैं। हॉस्पिटलों में हा-हाकार मचा हुआ है। वीरान सडक़ें, खाली मॉल, घरों में दुबके लोग, कोरोना से कराह रहे चीन की पोल खोल रहे हैं। आश्चर्य ये है, कि दुनिया के लिए सिरदर्द बन चुके चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने कह दिया है, कि जिसे भी संक्रमित होना है, उन्हें संक्रमित होने दें। जिसे मरने की जरूरत है, उसे मरने दें।
कोविड-19 के प्रतिबन्धों में छूट दिए जाने के बाद चीन में कोरोना वायरस के मामलों में तेजी से बढ़ोत्तरी हुई है। सिर्फ चीन ही नहीं, बल्कि यूरोप सहित कई देशों के मामलों में बढ़ोत्तरी हो रही है। महामारी विशेषज्ञों का कहना है, अगले नब्बे दिनों में चीन की 60 प्रतिशत और धरती की 10 प्रतिशत आबादी के संक्रमित होने की संभावना है, जिसमें लाखों लोगों की मौत हो सकती है।
ऐसे में भारत की चिन्ता स्वभाविक है, कि क्या भारत एक बार फिर कोरोना वायरस की चपेट में आ सकता है ? कोविड-19 वर्किंग ग्रुप (NTAGI) के अध्यक्ष एनके अरोड़ा ने कहा, चीन में व्यापक रूप से कोविड फैल रहा है। जहाँ तक भारत का संबंध है, भारत में बड़े पैमाने पर कोविड का टीका लगाया जा चुका है। उन्होंने कहा, INSACOG डेटा से पता चलता है, कि दुनिया में हर जगह पाए जाने वाले ओमीक्रॉन के सारे वैरियंट भारत में पाए जाते हैं। ऐसे कई सौ वैरियंट नहीं हैं, जो यहाँ न हों।
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धर्म नगरी सूचना केंद्र हेल्प-लाइन : प्रयागराज माघ मेला में आयोजित हो रहे शिविर के क्रम में "धर्म नगरी" द्वारा सूचना केंद्र हेल्प-लाइन प्रयागराज माघ मेला-2023 लगाया जा रहा है। श्रद्धालुओं एवं तीर्थयात्रियों की सुविधा हेतु शिविर की सेवा में आप भी "धर्म नगरी" के बैंक खाते में सीधे आर्थिक सहयोग देनें के बाद अपने सहयोग की जानकारी भी लें, हमसे पूंछे- मेरा सहयोग कहाँ लगा ? सम्पर्क करें- वाट्सएप- 8109107075 मो. 9752404020 ईमेल- dharm.nagari@gmail.com हेल्प-लाइन नंबर- 8109107075 (पूर्ववत ही है)।
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चीन के हालात इतने खराब हैं, कि अधिकांश बीमार डॉक्टरों से सरकार जबरिया मरीरों का इलाज करवा रही है। नर्स और डॉक्टरों की सारी छुट्टियाँ निरस्त कर दी गई हैं। चूंकि, चीन की फोटो और खबरें चीन के बाहर नहीं जाने दिया जाता, इसलिए सटीक आँकड़ें कहीं भी उपलब्ध नहीं है। चीन के अनेक वृद्धाश्रमों को सील कर दिया गया है। इनमें से कोई न बाहर आ सकता है, न कोई वहाँ जा सकता है। कोरोना के मामलों को छिपाने में जुटा चीन आँकड़े भी नहीं जारी कर रहा है। एक वीडियो रिपोर्ट के अनुसार, बुखार के कारण डॉक्टर हॉस्पिटल के जमीन पर पड़े हैं।
चीन में कोरोना को लेकर फैली अफरा-तफरी और मौत के आँकड़े देखते हुए, भारत सरकार ने नई दिल्ली में एक उच्च स्तरीय बैठक की। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की बैठक में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को नए पॉजिटिव केसों के सैंपल, जिनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजने को कहा है, ताकि अगर कोई नया वैरियंट उपस्थित हो तो, उसका पता लगाया जा सके। स्वास्थ्य मंत्रालय ने चीन से आ रहे कोरोना आँकड़ों के मद्देनजर अपनी तैयारियाँ शुरू कर दी है।
चीन ही नहीं, बल्कि जापान, दक्षिण कोरिया, ब्राजील और अमेरिका में भी कोरोना के केस बढ़ रहे हैं, मृत्यु हो रही है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री अंतर्राष्ट्रीय परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए बैठक में समीक्षा करते हुए सभी राज्यों को निर्देश जारी किए। किसी भी खतरे के शुरुआती दौर से निपटने के लिए अपनी तैयारियाँ शुरू की दी। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और ढ्ढहृस््रष्टह्रत्र ने देश में कोरोना के ट्रेंड पर नजर रखे हुए है।
भारत अब तक अपनी पाँच स्तरीय रणनीति- टेस्ट, ट्रैक, ट्रीट, टीका और कोविड के अनुसार मदद से कोरोना का प्रसार रोकने में सफल रहा है। अभी भी दुनिया में कोरोना में चुनौतियाँ बनी हुई है। इस समय दुनियाभर से प्रति सप्ताह कोरोना के 35 लाख मामले आ रहे हैं।
दुनियाभर में कोरोना मामले में तेजी को देखते हुए भारत में सभी कोरोना केसेज के जिनोम सिक्वेंसिंग जरूरी है, ताकि नए वैरिएंट को ट्रैक किया जा सके। हालाँकि, भारत के लिए राहत की बात ये है, कि लगभग 90 प्रतिशत आबादी का वैक्सीनेशन हो चुका है, जो कोरोना के सारे ही वैरियंट पर काम करती है। सोशल मीडिया के माध्यम से जो तस्वीरें चीन से आ रही हैं, उसे कोरोना का विस्फोट कहना उचित होगा। यहाँ तक कि सिरदर्द की दवाईयाँ तक मार्केट से गायब हैं, आउट ऑफ स्टॉक है। बीजिंग के मुर्दाघरों में 24 घंटे अंतिम संस्कार किया जा रहा है।
भारत सरकार लगातार स्थिति पर दृष्टि रख रही है। रिस्क वाले देशों से आने वाले यात्रियों की जिनोमिक सर्विलांस किया जाना शुरू हो गया है। इसके साथ राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को हवाई अड्डों एवं बंदरगाहों पर निगरानी रखने को कहा गया है।
कोरोना के नए म्यूटेशन बी.1.1529 जिसे विश्व स्वास्थ्य संगठन ने ओमीक्रॉन का नाम दिया है। भारत के प्रधानमंत्री मोदी ने इस विषय पर एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की थी, जिसमें तय हुआ था कि खतरे वाले देशों से आने वाले अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों के सैंपल्स जीनोम सिक्वेंसिंग पर सहमति दी।
एयरपोर्ट हेल्थ ऑफिसर और पोर्ट हेल्थ ऑफिसर को हवाई अड्डों, बंदरगाहों पर टेस्टिंग, प्रोटोकॉल के सख्त पर्यवेक्षण के निर्देश दिए गए हैं। अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों के संपर्कों को भी बारीकी से जाँचा और ट्रैक किया जाएगा। इस विषय पर प्रधानमंत्री मोदी देश के तमाम मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक करेंगे और उससे संबंधित तैयारियों को लेकर निर्देश देंगे। सुरक्षा, सतर्कता और सावधानी ही देश और देशवासियों को कोरोना से बचा सकती है।
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